कैसे भारत के राफेल जेट्स ने पाकिस्तान को बर्बादी की तरफ धकेल दिया है

इसे कहते हैं, 'विनाशकाले विपरीत बुद्धि'

राफेल

इस समय पाकिस्तान की हालत बहुत खराब है। एक ओर उसे एफ़एटीएफ़ द्वारा ब्लैकलिस्ट होने का डर सता रहा है, तो वहीं बलूचिस्तान के क्रांतिकारी पाकिस्तान की रातों की नींद और दिन का चैन दोनों हराम किए हुए हैं। इतना ही नहीं, अब भारत के पास अत्याधुनिक राफेल जेट्स के दो स्क्वाड्रन भी जल्द आने वाले हैं, जिससे अब पाकिस्तान की सिट्टी-पिट्टी गुल हो चुकी है, और एक बार फिर उसने चीन के हाथों अपने आप को सुपुर्द कर दिया है।

अभी हाल ही में पाकिस्तान ने चीन से 30 जे 10CE  फाइटर जेट्स और कई एयर टू एयर मिसाइल्स की मांग की है। पाकिस्तान ने 2009 में ही जे 10 फाइटर जेट्स के लिए पेशकश की थी, परंतु JF-17 के संयुक्त निर्माण के कारण यह निर्णय कभी लागू ही नहीं हुआ। परंतु अब राफ़ेल जेट्स के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पाकिस्तान ने अपने आप को सशक्त करने के लिए एक बार फिर चीन से सहायता ली है।

बता दें कि पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की देखरेख में भारत ने फ्रांस से 36 राफेल जेट्स खरीदने के समझौते पर 2015 में हस्ताक्षर किया था, जिसमें से 5 राफेल फाइटर जेट्स अभी भारत आ चुके हैं।

राफेल जेट्स अत्याधुनिक और सभी सुविधाओं से लैस है, और पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ की माने तो यदि राफ़ेल भारत के पास पहले होता, तो वीर वायुसेना अफसर, विंग कमांडर अभिनंदन का न प्लेन क्रैश होता, और न ही वे पाकिस्तानी सेना के हाथों बंदी बनाए जाते। बीएस धनोआ गलत भी नहीं हैं, क्योंकि राफ़ेल जेट्स न केवल पाकिस्तान, बल्कि चीन की किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से सक्षम है।

पाकिस्तान की सिट्टी-पिट्टी तभी से गुल है, जब से राफेल जेट्स ने आधिकारिक तौर पर भारत में प्रवेश किया। जुलाई माह में ही पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आएशा फ़ारूकी ने भारत की आलोचना करते हुए भारत पर हथियारों की होड़ शुरू करने का आरोप लगाया। आएशा फ़ारूकी के बयान के अनुसार, “भारत अपनी वास्तविक रक्षा जरूरतों से ज़्यादा हथियार जमा कर रहा है। पाकिस्तान ने वैश्विक समुदाय से गुहार लगाई है कि वह भारत को हथियार जमा करने से रोके। इससे दक्षिण एशिया में हथियारों की होड़ शुरू हो सकती है। भारत लगातार अपने परमाणु हथियारों की संख्या और हथियारों की गुणवत्ता, दोनों को ही बढ़ा रहा है। यह परेशान करने वाला है कि भारत लगातार अपनी जरूरत से ज्‍यादा सैन्य क्षमता इकट्ठा कर रहा है। भारत अब दूसरा सबसे बड़ा हथियारों का आयातक देश बन गया है, और यह दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है।’’

इन दिनों राफ़ेल पाकिस्तान के दिलो दिमाग में किस तरह छाया हुआ है, ये आप पाकिस्तानियों के जुलाई माह के इन्टरनेट सर्च से भी देखते हैं। हम मज़ाक नहीं कर रहे हैं, पाकिस्तान में राफेल के बारे में जानने के लिए ऐसी होड़ मच गई थी कि गूगल सर्च में भी राफेल ही ट्रेंड करने लगा। गूगल ट्रेंड्स के मुताबिक, पाकिस्तान में कोई राफेल की कीमत जानने के लिए, तो कोई दुनिया का सबसे अच्छा फाइटर जेट सर्च करने में जुटा था।

इस समय पाकिस्तान को हथियार देने के लिए चीन, और शायद कुछ हद तक तुर्की को छोड़कर कोई भी देश इच्छुक नहीं है। कभी पाकिस्तान के सबसे भरोसेमंद मित्र रहे अमेरिका अब भारत के काफी करीब आ चुका है, तो वहीं रूस भारत को सदैव सहायता देने के लिए तैयार है। ऐसे में भारत से जूझने के लिए पाकिस्तान अपने आप को पूरी तरह चीन के सुपुर्द करने को तैयार है, चाहे इसके लिए अपने नागरिकों के आत्मसम्मान की बलि ही क्यों न चढ़ानी पड़ जाये।

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