इधर EU टांग अड़ाता ही रह गया और उधर UK ने जापान के साथ एक बड़ी ट्रेड डील कर ली

UK का एशिया में एक शानदार स्ट्रेट ड्राइव

EU UK जापान

हाल ही में Brexit के बाद UK ने अपनी पहली बड़ी ट्रेड डील को पक्का किया। UK ने जापान के साथ हुए व्यापार समझौते की घोषणा की है, जो UK और जापान के द्विपक्षीय व्यापार को 15 बिलियन यूरो से बढ़ा देगा। इस डील के होने के बाद दोनों देश एक दूसरे के यहाँ 99 प्रतिशत सामान को बिना किसी import duty का सामना किए निर्यात कर पाएंगे। UK को उम्मीद है कि जापान के साथ पक्की हुई इस डील के बाद उसका Trans-Pacific Partnership Trade Deal में हिस्सा बनने का रास्ता आसान हो जाएगा। TPP deal में 13 सदस्य देश हैं और वर्ष 2017 में राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस समझौते से अमेरिका को बाहर कर लिया था, जिसके बाद इस deal पर अभी भी वार्ता चल रही है। UK TPP समझौते से जुड़ी वार्ता में शामिल होना चाहता है। UK-Japan व्यापार समझौते ने EU को बड़ा संदेश भेजा है कि EU से अलग होने के बाद भी UK अपने अकेले दम पर बड़े समझौते करने में सक्षम है।

बता दें कि EU और जापान ने पहले ही एक ट्रेड डील पर हस्ताक्षर किए हुए हैं। हालांकि, 27 सदस्यीय EU से कई गुणा छोटा होने के बावजूद UK भी जापान के साथ एक समानान्तर ट्रेड डील पक्का कर पाने में सफ़ल हुआ है। यह ट्रेड डील UK सरकार के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। Brexit के बाद EU-UK ट्रेड डील पर लगातार खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। Experts मानते हैं कि मौजूदा हालातों में ऐसा भी हो सकता है कि EU-UK ट्रेड डील कभी हो ही न सके। Brexit के बाद EU व्यापार समझौते को लेकर UK के खिलाफ बेहद आक्रामक रहा है, और वह अब भी UK सरकार से EU के कुछ नियमों का पालन करने का दबाव बना रहा है, जिसे बोरिस सरकार मानने को तैयार नहीं है।

Brexit के बाद वैश्विक स्तर पर EU और UK एक दूसरे के प्रतिद्वंधी बनकर उभरे हैं, जिसके बाद UK को लेकर EU के रुख में बदलाव देखने को मिला है। EU भी जानता है कि UK के व्यवसायों के लिए EU-UK ट्रेड डील बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए वह जान-बूझकर इस ट्रेड डील में अड़ंगा अड़ा रहा है। Northern Island Protocol, सरकार द्वारा अपनी कंपनियों को सहायता, पर्यावरण से जुड़े कानून और श्रम कानूनों से जुड़े मुद्दों पर EU और UK एक दूसरे के आमने-सामने हैं, जिसके कारण बोरिस सरकार द्वारा समझौता करने की अंतिम तिथि यानि 15 अक्टूबर खत्म होती दिखाई दे रही है।

जापान के साथ हुई ट्रेड डील ने UK को बड़ी राहत दी है और अब वह ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और भारत जैसे देशों के साथ ट्रेड डील की वार्ता पर ज़्यादा ज़ोर दे पाएगा। UK के international trade secretary लिज़ ट्रस के बयान के मुताबिक “हम like-minded अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापक व्यापार समझौते करने के लिए बड़े पैमाने पर बातचीत कर रहे हैं और वार्ताकारों के बीच अब तक हुई बातचीत बेहद सकारात्मक रही है। हमारी बातचीत के बाद हम ऑस्ट्रेलिया के साथ जल्द ही लाभकारी trade deal को घोषित कर सकते हैं”। UK की इस तेज दौड़ के कारण trade deals को पक्का करने के लिए EU पर भी दबाव बनता जा रहा है। UK की तरह ही EU भी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ trade deals करने के लिए बातचीत कर रहा है। लेकिन उनका कोई खास फायदा होता दिखाई नहीं देता क्योंकि ये देश पहले ही UK के साथ अपनी बातचीत को अंतिम दौर में ले जा चुके हैं। उदाहरण के तौर पर FT की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया और UK इस साल के अंत तक एक trade deal को घोषित कर सकते हैं।

EU नहीं चाहता कि Brexit के बाद प्रतिस्पर्धा में UK को EU-UK ट्रेड डील से कोई फायदा मिले, ऐसे में वह UK को घेरने के लिए चारो तरफ से दबाव बना रहा है, लेकिन जापान के साथ हुई UK की ट्रेड डील ने EU के इन मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

Exit mobile version