चीन-USA के बीच झूल रहे फिलीपींस का हाथ अब भारत ने पकड़ लिया है, अब उसका चीन से दूर जाना तय है

फिलीपींस को चीन से दूर ले जाने के लिए भारत उतरा मैदान में!

चीन

फिलीपींस इस बात को लेकर असमंजस में रहता है कि उसे चीन के विरोध में रहना है या समर्थन में। अब भारत और फिलीपींस के बीच द्विपक्षीय रूप से ऐसी ट्रेड डील करने वाले हैं जिसमें फिलीपींस ने क्षेत्र में भारत को वरीयता देने के नाम पर सहमति जाहिर कर दी है जिसके साथ ही अब चीन के लिए ये एक बड़ा झटका होगा कि फिलीपींस उसकी जगह भारत के साथ खड़ा है। भारत ने अपने इस फैसले से न केवल फिलीपींस से रिश्ते मजबूत किए हैं बल्कि चीन को मात देकर एक तीर से दो निशाने लगा दिए हैं।

भारत ने किया द्विपक्षीय समझौता

दरअसल, भारत और फिलीपींस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर एक पीटीए डील करने को लेकर बातचीत चल रही है जिसके तहत दोनों देश आपसी ट्रेड बढ़ाने के साथ ही उत्पाद शुल्कों में कटौती करने के फैसले लेंगे। दोनों देश द्विपक्षीय रिश्तों को अधिकतम मजबूत करने के मुद्दे पर सहमत हुए हैं। फिलीपींस के व्यापारिक और उद्योग के सचिव सेफरिनो एस रोडेल्फो ने पीटीए के दृष्टिकोण को व्यवहारिक बताया है। उन्होंने कहा, “फिलीपींस भारत के साथ उतपाद शुल्क से लेकर व्यापारिक संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए अधिक उत्साहित है।”

वहीं दूसरी ओर अपने साझा बयान में भारत के संयुक्त सचिव अनंत स्वरूप ने कहा, “ भारत फिलीपींस के साथ द्विपक्षीय तौर पर पीटीए के तहत हुए समझौतों के लाभों को अच्छी तरह समझता है।” इसके साथ ही उन्होंने देशों के अधिकारियों से पीटीए के तहत वार्ता को सुरक्षित और मजबूत रखने का आह्वान किया है।

इस वार्ता से पहले फिलीपीन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, भारतीय उद्योग परिसंघ समेत मनीला में भारतीय दूतावास और नई दिल्ली में फिलीपींस के दूतावास ने साथ मिलकर एक वेबिनार किया जिसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच उद्योगों को बढ़ावा देना था। जिसमें मुख्य रूप से फार्मास्युटिकल, आईटी और वित्तीय टेक्नोलॉजी के क्षेत्र के समझौते प्रमुख थे।

अस्थिर यहां है फिलीपींस का एजेंडा

फिलीपींस का एजेंडा हमेशा ही समझ से परे रहा है। फिलीपींस कभी अमेरिका की ओर दिखता है तो कभी चीन के सपोर्ट में रहता है। जिससे लोगों को भ्रम होता है कि वो खुद भ्रमित है या अपनी सहूलियत के अनुसार चालकी दिखाता है क्योंकि व्यापार हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है जिससे त्वरित लाभ की संभावनाएं बढ़ती हैं। साउथ चाइना सी के मुद्दे पर भी फिलीपींस के राष्ट्र प्रमुख Duterte कभी तो चीन को लताड़ते हैं तो कभी पूरे मसले को विवादित बताकर कुछ भी बोलने से बचना चाहते हैं।

चीन के लिए झटका

फिलीपींस ने हाल ही में ये भी कहा था कि वो रूस या चीन की कोरोनावायरस की वैक्सीन लेगा। जो ये बताता है कि फिलीपींस अभी तक दोनों तरफ झूल रहा था। लेकिन अब जब भारत ने फिलीपींस के साथ ट्रेड डील कर ली है और क्षेत्र में फिलीपींस ने भारत को ट्रेड में वरीयता देने की बात की है। जिससे ये जाहिर होता है कि चीन के लिए अब इस क्षेत्र में चीन की मुसीबतें बढ़ेंगी और भारत की स्थिति पहले से और अधिक मजबूत हुई है। फिलीपींस ने भी अब चीन के प्रति अपने विरोध के साथ जाहिर कर दिया कि उसकी नीतियां अब एंटी चाइना ही होंगी‌।

फिलीपींस के बदलते रवैए और भारत के साथ हुई उसकी ट्रेड डील चीन को दोहरी मार पड़ी है। एक तो भारत की स्थिति क्षेत्र में अधिक मजबूत हुई है। जबकि चीन के प्रति अपना एंटी चाइना रुख दिखाकर फिलीपींस ने दुश्मनों से घिरे चीन को वैश्विक स्तर पर और कमजोर कर दिया है।

 

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