पहले तो भारत ने UNGA में इमरान का Boycott किया, बाद में उसे आतंकवाद को लेकर बीच सभा में बर्बाद कर डाला

UN में फिर भारत ने पाकिस्तान को उसकी औकात याद दिला दी

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संयुक्त राष्ट्र(UN) के 75वें सत्र के दौरान अपने भाषण में बेहद आशावादी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने फिर वही राग अलापा, जिसे वो पिछले कई सालों से अलापते आ रहे हैं। भाषण में उन्होंने करीब 10 मिनट तक जमकर “कश्मीर” और “भारत में अल्पसंख्यकों की हालत” जैसे मुद्दों पर जहर उगला। हालांकि, इमरान खान के भाषण की शुरुआत में ही भारत के राजनयिक मिजितो विनितो ने बीच सभा में इमरान खान का Boycott कर पाकिस्तान को उसकी औकात याद दिला दी। सिर्फ इतना ही नहीं, बाद में “Right to Reply” का इस्तेमाल करते हुए राजनयिक मिजितो ने बीच सभा में ही पाकिस्तान की करतूतों का सच एक बार फिर दुनिया के सामने रखा।

इससे पहले इमरान खान ने फिर एक बार UN के मंच का भारत के खिलाफ एजेंडा चलाने में इस्तेमाल किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारत की सेना पर कई झूठे आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि भारत ने कश्मीर पर अवैध तरीके से कब्जा किया हुआ है और वहां के लोगों के मानवाधिकार का हनन कर रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी RSS की विचारधारा का पालन करते हुए अपने यहाँ बेहद कड़े कानूनों की मदद से अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहे हैं और देश को “हिन्दू राष्ट्र” बनाने पर लगे हुए हैं।” उन्होंने दुनिया से अपील करते हुए कहा कि सभी को भारत के मंसूबों को लेकर जागना ही होगा और भारत पर दबाव बनाना होगा।

हालांकि, कुछ ही समय बाद भारत के राजनयिक ने अपने “Right to Reply” के माध्यम से इमरान खान के एक-एक के झूठ की बखिया उधेड़ दी। मिजितो विनितो ने कहा, “पाकिस्तान के नेता ने आज कहा कि ऐसे लोग जो नफरत और हिंसा फैलाने का काम करते हैं, उन्हें गैर-कानूनी घोषित कर देना चाहिए। मगर उन्होंने जब ऐसा कहा तो हमें काफी हैरानी हुई, क्या वह खुद का ही जिक्र कर रहे थे?’’

उन्होंने पाकिस्तान पर आगे और प्रहार किया और कहा, “यह वही देश है, जो खूंखार और लिस्टेड आतंकियों को राज्य फंड से पेंशन देता है। जिस नेता को आज हमने सुना, ये वही शख्स है, जिसने जुलाई महीने में अपनी संसद की एक बहस के दौरान आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को शहीद कहा था।” इसके साथ ही यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट कर इमरान खान के बयान को कूटनीतिक तौर पर निम्नस्तर का बताया।

UN में हर बार पाकिस्तान कश्मीर का मुद्दा लेकर जाता है, लेकिन उसके खोखले दावों को हर बार नकार दिया जाता है। इस बार भी यही देखने को मिला। बार-बार चींखने-चिल्लाने के बाद भी पाकिस्तान को ना के बराबर अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल हुआ है। हालांकि, आशावादी इमरान खान इस बार भी कश्मीर का मुद्दा UN में लेकर आए, और इस बार भी भारत ने उनकी पोल खोलने में देर नहीं लगाई। दुनियाभर में आज पाकिस्तान की छवि आतंक को प्रमोट करने वाले देश के तौर पर बन गयी है और यही कारण है कि आज इस देश को कोई गंभीरता से नहीं लेता। पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए कि विश्व में अब उसकी विश्वसनीयता नहीं बची है।

 

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