क्या चीन ताइवान की Tsai ing-Wen सरकार को अस्थिर करने की योजना बना रहा ? ग्लोबल टाइम्स का तो यही कहना है

ताइवान के मुद्दे पर किसी भी हद्द तक जा सकता है चीन...

ताइवान चीन के गले की हड्डी बन गया है जो लगातार संप्रभुता की रक्षा करने के लिए खुद को मजबूत कर रहा है। राष्ट्रपति त्साई इंग वेन लगातार वैश्विक सतर पर बड़े देशों के साथ बातचीत कर नए रिश्ते बनाने में लगी हैं, तो दूसरी ओर चीन इस बात को पचा नहीं पा रहा है जिसके चलते अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के जरिए चीन ने धमकी भरे अंदाज में ये जाहिर किया है कि Taiwan के इस मसले को हल करने के लिए वो किसी भी हद्द तक जाते हुए त्साई इंग वेन की सरकार गिरा सकता है

दरअसल, 17-19 सितंबर के बीच ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति ली तेंग हुई की स्मारक सेवा के मौके पर अमेरिका के ऊर्जा एवं आर्थिक विकास समेत पर्यावरण मंत्री के अंडर सेक्रेटरी केथ क्रॉच अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ Taiwan के दौरे पर थे जिस दौरान उन्होंने उच्च स्तरीय अधिकारियों से मिलने के अलावा राष्ट्रपति त्साई के आवास पर रात्रिभोज करते हुए एक बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने जिक्र किया कि दशकों के बाद स्वास्थ्य सचिव एलेक्स अजर पिछले महीने ताइवान आए थे। गौरतलब है कि एक लंबे वक्त बाद कोई अमेरिकी कैबिनेट स्तर का सचिव ताइवान आया था।

चीन को ये दौरा बिल्कुल भी पसंद नहीं आया है जिसके चलते चीन आग बबूला हो चला है। क्रॉच के जाने के एक दिन बाद ही ताइवान को चीन की ओर से धमकियां आनी शुरू हो गईं है। चाइनीज मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की ओर से एक ट्वीट में कहा गया कि त्साई अमेरिका के साथ रिश्तों को मजबूत करके ‘आग से खेल रही हैं।’ चाइनीज संपादकों की तरफ से कहा गया, ‘यदि त्साई द्वारा उकसावे में कोई भी ऐसा कदम उठाया गया तो एंटी सेशन कानून के तहत युद्ध छिड़ जाएगा और त्साई का सफाया ही हो जाएगा।’

वहीं ताइवान की तरफ से इसको लेकर कहा गया कि ये कानून ही गलत है, क्योंकि Taiwan एक संप्रभु राष्ट्र है और ताइवान पर चीन के दावे फिजूल हैं। ग्लोबल टाइम्स ने एंटी सेशन कानून के अनुच्छेद 8 का उल्लेख किया है जिसके तहत ताइवान में गैर शांतिपूर्ण साधनों की बात की गई है। गैर शांतिपूर्ण साधनों से अभिप्राय Taiwan को चीन से स्वतंत्र बताने वाली ताकतें है, चीन के खिलाफ ताइवान में भड़काने वाली घटनाएं और शांतिपूर्ण एकीकरण के लिए सभी संभावनाओं का खत्म होना है।

दरअसल चीन का एंटी सेशन कानून चीन को ताइवान पर सैन्य कार्रवाई का अधिकार देता है जो कि 2005 में पारित किया गया था ये कानून ताइवान को दूसरे देशों से संबंध बढ़ाने की अनुमती भी नहीं देता है। चीन इसी का फायदा उठाकर ताइवान को धमकाता रहता है। ऐसे में यदि इस कानून का प्रयोग करेगा तो ताइवान अस्थिर हो जाएगा। हालांकि, Taiwan ने कभी इस कानून को अपना नहीं माना है।

एक तरफ जब चीन की कोरोनावायरस के कारण बेइज्ज़ती हो रही है तो वहीं ताइवान की जमकर सराहना की जा रही है। ताइवान की राष्ट्रपति त्साई अमेरिका से लेकर ब्रिटेन, भारत, जापान के साथ अपने रिश्तों को आधिकारिक रूप से शुरू करने और उसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने के प्रयास कर रहीं हैं। ये सब ची़न को पसंद नहीं आ रहा है। Taiwan में चीन के स्लीपर सेल्स की संख्या अनेकों में है जिसके माध्यम से चीन ताइवान में विरोध प्रदर्शन करवा के त्साई की सरकार को अस्थिर कर सकता है और फिर अपने किसी समर्थक को सरकार में लाने की जुगत लगा सकता है।

चीन त्साई विरोधियों को खूब पैसा भेजता है जिसके जरिए त्साई के खिलाफ जनता में हवा बनाई जा सके। ऐसे में वो सैन्य विकल्प के अलावा कूटनीति का गंदा खेल भी खेल सकता है। वहीं जासूसी तो चीन का सबसे बड़ा हथियार है। जिसके जरिए चीन ताइवान के सरकारी विभागों तक की जानकारी जुटा लेता है। Taiwan के सरकार विभागों के सामने सबसे बड़ी कमी यही है कि जासूसी से जुड़ी सुरक्षा प्रणाली के लिए उनके पास कोई तंत्र नहीं है और वो धीरे-धीरे ही इसे मजबूत कर रहा है।

अमेरिका से तल्ख होते चीन के रिश्ते और ताइवान में अमेरिका का ज्यादा प्रभाव चीन को परेशान करता है ऐसे में ग्लोबल टाइम्स की धमकियां चीन की Taiwan के खिलाफ बदनियती दिखाती है जिससे निपटना त्साई इंग वेन के लिए बेहद मुश्किल होगा और उन्हें अपने हर एक कदम पर सतर्क रहना होगा।

Exit mobile version