चीन से सारे नाते तोड़कर अब अमेरिका के साथ नई पारी की शुरुआत करने जा रहा है उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया- अमेरिका का दोस्त, चीन का दुश्मन?

उत्तर कोरिया

जैसे जैसे चीन की सच्चाई बाहर आती जा रही है, वैसे वैसे चीन का कूटनीतिक प्रभुत्व भी कम होता जा रहा है। परंतु चीन को अब कम्युनिस्ट समर्थक देशों से भी बहुत बड़ा झटका मिलने वाला है, क्योंकि अब उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन भी चीन से दूरी बनाना चाहता है। यही नहीं, ऐसा प्रतीत होता है कि अब उत्तरी कोरिया अमेरिका के साथ अपनी नज़दीकियाँ बढ़ाने में जुटा हुआ है।

जब से उत्तर कोरिया का उदय हुआ है, तभी से वह चीन का गुलाम रहा है। पर कोई भला एक कमजोर देश के पीछे कब तक लगा रहेगा। इसीलिए प्योंगयांग अपने आप को बनाए रखने के लिए पश्चिमी जगत के साथ निकटता बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। शायद इसीलिए अपने स्वभाव के विपरीत किम जोंग उन ने समुद्री सीमा के विवाद में हाल ही में मारे गए एक दक्षिण कोरियाई अफसर के लिए सांत्वना जताने के साथ-साथ माफी भी मांगी।

दक्षिण कोरियाई सेना ने उत्तर कोरिया के अफसरों पर कोरियाई अफसर की हत्या का आरोप लगाया, जिस पर उत्तर कोरिया ने बयान जारी किया कि वह इस घटना के लिए शर्मिंदा है और ऐसा नहीं होना चाहिए था।

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की छवि परमाणु हथियारों से लैस उस सनकी की है, जो हर समय युद्ध पर आमादा है, और ऐसे में किसी घटना के लिए माफी मांगना तो दूर, वह इस विषय पर अपना मुंह तक नहीं खोलते। इससे पहले 11 अगस्त को कोरियाई क्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ रहे चीनी नौका पर उत्तरी कोरिया के नौसैनिकों ने गोलीबारी की, जिसमें तीन चीनी मछुआरे मारे गए। लेकिन किम जोंग उन ने माफी तक नहीं मांगी।

हम इस बारे में निश्चित होकर नहीं बता सकते कि उत्तर कोरिया में इस समय क्या चल रहा है। लेकिन जिस प्रकार से वर्तमान घटनाएँ घट रही हैं, उससे एक बात तो पक्की है – उत्तर कोरिया भी अब चीन के विरुद्ध मोर्चा संभाल चुका है।

उत्तर कोरिया के पास चीन के प्रभुत्व से मुक्त होने के लिए कई कारण है। बता दें कि उत्तर कोरिया दुनिया के सबसे अलग-थलग अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इस किम जोंग उन को अपने देश के लिए धन की सख्त आवश्यकता है, और अब तक ये ज़रूरत चीन पूरी करता था। लेकिन वुहान वायरस के पश्चात अब चीन के अर्थव्यवस्था की हालत को देखते हुए उत्तर कोरिया समझ चुका है कि इस समय चीन से नाता तोड़ना ही श्रेयस्कर होगा। अगर वर्तमान घटनाओं पर ध्यान दे तो यह प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है। अपने देश में वुहान वायरस को प्रवेश करने से रोकने के लिए उत्तरी कोरिया प्रशासन ने चीन द्वार किसी भी प्रकार की घुसपैठ को रोकने के लिए ‘शूट टू किल’ के ऑर्डर्स जारी कर दिये हैं।

उत्तरी कोरिया अमेरिका से कितना निकट आ चुका है, ये इसी बात से पता चलता है कि जब किम जोंग उन के स्वास्थ्य को लेकर तरह तरह की अफवाहें उड़ने लगी, तो डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, “किम जोंग उन काफी स्वस्थ हैं। कृपया उन्हें हल्के में न ले। पिछले कई दशकों से दुनिया से अलग थलग रहा उत्तरी कोरिया अब दुनिया के साथ अपना संपर्क पुनः स्थापित करना चाहता है, और इसीलिए अब वह विकल्प ढूंढ रहा है, जो इस समय अमेरिका के अलावा और कहीं नहीं मिलेगा। अपने आप को प्रतिबंधों से बचाने के लिए अब उत्तरी कोरिया ने चीन से नाता तोड़ने का निर्णय लिया है, जो चीन के लिए बिलकुल भी शुभ संकेत नहीं है।

 

 

Exit mobile version