Duterte जीनियस हैं या फिर एकदम Confused! कभी चीन विरोधी बन जाते हैं तो कभी चीन के पक्षधर

ये फिलीपींस इतने Flips क्यों मारता है?

Duterte

जब से अमेरिका और चीन के बीच पावर गेम शुरू हुआ है, तब से इंडो-पैसिफिक देशों को दोनों में से एक पक्ष चुनने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जो देश अपनी स्वतन्त्रता के मूल्यों को किसी अन्य के हवाले करने को तैयार है वे चीन के पाले में हैं, जबकि अन्य अमेरिका के साइड हैं। परंतु एक दक्षिण पूर्व एशियाई देश है जो दोनों पक्षों को चकमा दे रहा है। हम फिलीपींस के बारे में बात कर रहे हैं जिसके राष्ट्रपति Rodrigo Duterte  वाशिंगटन और बीजिंग के बीच किसी के साइड नहीं जा पा रहे हैं या जाना नहीं चाह रहे हैं।

हालांकि, अगर आप हाल की घटनाओं को ध्यान से देखे और Duterte के एक्शन को देखे तो यह समझ आएगा कि वह स्वयं का एक फ्लिप-फ्लॉप गेम खेल रहे हैं।

कभी वह चीन के समर्थन में दिखते हैं तो कभी अमेरिका के सहयोगी के रूप में दिखाई दे रहे हैं। एक बाहरी व्यक्ति के लिए, यह समझना मुश्किल है कि क्या वह चालाकी से काम कर रहे हैं या स्पष्ट रूप से भ्रमित है।

हाल के दिनों में वह चीन विरोधी नेता के रूप में व्यवहार कर रहे हैं और अपने UNGA संबोधन के दौरान बीजिंग के दक्षिण चीन सागर के दावों को खारिज करने वाले 2016 Arbitration फैसले को उठाया।

हालांकि, कोई भी बहुत निश्चितता के साथ नहीं बता सकता है कि Duterte आगे भी चीन विरोधी रहेंगे। फिलीपींस के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने से पहले ही Duterte  ने फ्लिप-फ्लॉप गेम शुरू कर दिया था। फिलीपींस में 2016 के चुनावों की बहस के दौरान Duterte  ने कहा था कि वे व्यक्तिगत रूप से एक जेट स्की की सवारी कर Spratly Islands या Scarborough Shoal, में फिलीपींस के झंडे लगाएंगे। बता दें कि दोनों दक्षिण चीन सागर में विवादित द्वीप हैं जिस पर चीन और फिलीपींस दोनों दावा करते हैं।

यानि देखा जाए तो Duterte  ने एक चीन विरोधी के रूप में शुरुआत की थी। लेकिन वर्ष 2016 में चुनावों से पहले, उन्होंने यह भी कहा, “मुझे चीन से जो चाहिए वह मेरे देश को विकसित करने में मदद करता है।” यह उनका पहला फ्लिप-फ्लॉप था जिससे फिलीपींस चीन का एक क्लाइंट स्टेट बन सकता था।

अक्टूबर 2016 में, Duterte  ने चीन का दौरा किया और चुनाव से पूर्व अपने जेट स्की के वादे को लात मार दी। इस यात्रा पर, फिलीपींस के राष्ट्रपति ने घोषणा की कि वह अमेरिका से “अलग हो गए” और चीन पर “लंबे समय तक” निर्भर रहना चाहते हैं।

इसके बाद 2018 में, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह व्यक्तिगत रूप से दक्षिण चीन सागर में विवादित क्षेत्र में जेट स्की की सवारी नहीं करेंगे। एक साक्षात्कार में, Duterte  ने कहा था, “यह एक अतिशयोक्ति थी … आप मुझसे सवारी करने की उम्मीद नहीं कर सकते, मैं तैरना भी नहीं जानता।

इस साल 11 फरवरी को, फिलीपींस के राष्ट्रपति ने यह भी घोषणा की कि मनीला ने U.S.-Philippines Visiting Forces Agreement (VFA) को स्क्रैप करने की योजना बनाई है। अगर दो दशक पुराने VFA को खत्म कर दिया जाता, तो Duterte  स्थायी रूप से चीन के पाले में चले जाते परंतु Duterte ने कहानी में ट्विस्ट जारी रखा।

इस वर्ष जून में, Duterte  ने VFA की समाप्ति के फैसले को स्थगित करने का निर्णय लिया, और फिर से गेम में अमेरिका की वापसी हुई और यह चीन के लिए बड़ा झटका था।

जब फिलीपींस VFA समाप्ति की बात कर रहा था, Duterte  ने महसूस किया कि चीन अपने तरीकों में बदलाव नहीं कर रहा। यहां दो महत्वपूर्ण बातें हुईं- सबसे पहले, 24 बिलियन डॉलर मूल्य के चीनी- निवेश जो कि 2016 में फिलीपींस के राष्ट्रपति ने सुरक्षित किए थे, वह सुस्त पड़े रहे।

दूसरा ये कि चीन VFA को समाप्त करने के फिलीपींस के निर्णय के संकेत के बावजूद दक्षिण चीन सागर में आक्रामकता बढ़ाता जा रहा था। इसलिए, Duterte को व्हाइट हाउस की ओर वापस जाना पड़ा।

अगर यह कहा जाए कि Duterte दोनों तरफ झूलने वाले व्यक्ति हैं लेकिन वह अपने देश को किसी के हाथ बेचने से बच रहे हैं तो यह गलत नहीं होगा। इससे स्पष्ट पता चलता हैं कि वह चीन और अमेरिका के बीच किसी एक को न चुनने का कारण यही है कि वे एक-दूसरे से फिलीपींस के लिए सबसे बेहतर डील करे।

हालाँकि, Duterte के वापस ड्रैगन की ओर जाने की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता है। वास्तव में, हाल ही में, रूस या चीन द्वारा COVID-19 वैक्सीन उपलब्ध कराए जाने के बाद उन्हें खरीदने का वादा भी किया। यानि देखा जाए तो फिलीपींस के के राष्ट्रपति ने अभी भी अपने विकल्प खुले रख रहे हैं।

वह अमेरिका और चीन दोनों को लालच इसलिए दे रहे हैं कि कौन फिलीपींस को बेहतर सौदा दे सकता है। लेकिन वर्तमान जियो पॉलिटिक्स की परिस्थितियों में यह एक अत्यधिक खतरनाक खेल है। वर्तमान जियो स्ट्रेटिजिक स्थिति अत्यधिक अस्थिर है और इंडो-पैसिफिक के चारों ओर अनिश्चितता बनी हुई है। इस तरह के फ्लिप-फ्लॉप गेम दक्षिण चीन सागर सहित इंडो-पैसिफिक को खतरे में डाल सकते हैं। इसलिए यदि फिलीपींस को एक सुरक्षित इंडो-पैसिफिक के निर्माण में अपनी भूमिका निभानी है तो Duterte को अपने फ्लिप-फ्लॉप गेम को बंद करना होगा।

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