‘डरी हुई है महाराष्ट्र सरकार’, पालघर केस CBI के पास, अब इसके खिलाफ SC पहुंची महाराष्ट्र सरकार

आखिर बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी!

पालघर

पालघर कांड में जनता के बढ़ते दबाव के कारण सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में महाराष्ट्र सरकार को अपना हलफनामा दाखिल करना पड़ा। लेकिन हलफनामे की भाषा को देखकर ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र सरकार को इस बात की अधिक चिंता है कि कहीं इस कांड में सरकार की अकर्मण्यता की पोल न खुल जाये।

सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई जांच की मांग का पुरजोर विरोध किया है। उनका मानना है कि इस मामले पर महाराष्ट्र पुलिस सही जांच कर रही है, और इसमें किसी भी प्रकार के बाहरी हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है। इतना ही नहीं, महाराष्ट्र सरकार ने अपने हलफनामे में ये भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का कीमती समय बर्बाद करने के लिए सीबीआई जांच की मांग करने वाले याचिकाकर्ता शशांक शेखर झा को दंडित किया जाना चाहिए और उन पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए –

परंतु महाराष्ट्र सरकार को शशांक शेखर झा द्वारा दायर याचिका से इतनी क्या समस्या है? बता दें कि पालघर कांड पर महाराष्ट्र सरकार के ढीले-ढाले रवैये के कारण शशांक शेखर झा को सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच हेतु अपील दायर करनी पड़ी।  TFI से बातचीत के अनुसार शशांक झा ने बताया, “उन्होंने [महाराष्ट्र सरकार] याचिककर्ताओं के साथ चार्जशीट साझा करने से साफ इंकार कर दिया। ये चार्जशीट अब तक कोर्ट में भी रिकॉर्ड में नहीं लाये गए हैं।”

इसके अलावा अभी महाराष्ट्र सरकार ने 3 पुलिसकर्मियों को सेवा से निरस्त किया है, जिनके नाम हैं एएसआई रवि सालुंखे, सब इंस्पेक्टर आनंदराव काले और कांस्टेबल नरेश धोड़ी।” हालांकि, शशांक के अनुसार ये सब छलावा है। उनके अनुसार, “घटना के दौरान 15 से 18 पुलिस अफसर मौजूद थे। पुलिस की खुद की एफ़आईआर के अनुसार 400 से 500 लोग उपस्थित थे। कई मीडिया वालों के अनुसार 2000 लोग भी हो सकते थे। इतने लोग एक साथ लॉकडाउन के समय जुटे कैसे?”

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि महाराष्ट्र सरकार अब पूरी तरह से बैकफुट पर है। एक ओर सुशांत सिंह राजपूत के मामले में दिन प्रतिदिन हो रहे नए खुलासों ने महाराष्ट्र सरकार की सिट्टी-पिट्टी गुम कर दी है, तो वहीं पालघर कांड पर सुप्रीम कोर्ट में दायर मुकदमे ने अब सरकार के रातों की नींद उड़ा दी है, और ऐसे में वह इस मामले से जल्द से जल्द अपना पीछा छुड़ाना चाहते हैं।

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