नए जापानी PM और PM मोदी के बीच की केमिस्ट्री देखकर चीन को दर्द तो बहुत पहुंचा होगा

सुगा-मोदी बनाम जिनपिंग- ये लड़ाई एकतरफा है!

चीन

जापान के प्रधानमंत्री बनते ही Yoshihide Suga ने संकेत देना शुरू कर दिया है कि उनके लिए Quad कितना महत्वपूर्ण है और साथ ही में वे भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में प्रयासरत रहेंगे। दरअसल, जापान के नए प्रधानमंत्री Yoshihide Suga और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच फोन पर बात हुई। पीएम मोदी में सुगा को फ़ोन करके उन्हें जापान के प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी।  इस बातचीत के दौरान QUAD से ले कर Indo-Pacific और बुलेट ट्रेन तक के मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने इंडो पैसिफिक क्षेत्र में आपसी सहयोग की बात की। दोनों देशों की बातचीत में चीन के लिए बड़ा संदेश है कि भारत और जापान इंडो पैसिफिक क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे।

भारत और जापान ने शुक्रवार को ‘QUAD’ देशों के आगामी विदेश मंत्रियों की होने वाली बैठक पर भी चर्चा की। यही नहीं, चीन के साथ सीमा तनाव के बीच और एक संयुक्त समुद्री अभ्यास करने का भी फैसला किया।

जापान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, पीएम मोदी के साथ Yoshihide Suga की बातचीत लगभग 25 मिनट तक चली, और इस दौरान दोनों पक्षों ने “जापान-भारत विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी” को आगे बढ़ाने के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया।

Suga ने कहा कि वह सुरक्षा और आर्थिक मामलों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना चाहते हैं और भारत के साथ मिलकर एक स्वतंत्र और खुला इंडो पैसिफिक क्षेत्र बनाना चाहते हैं।

उनके इस कथन का यह स्पष्ट मतलब है कि वे भारत के साथ मिल कर इंडो पैसिफिक के सबसे बड़ी चुनौती यानि चीन का सामना करेंगे। विदेश मंत्रालय के एक बयान कहा गया कि “उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की आर्थिक संरचना को लचीला सप्लाइ चेन पर आधारित किया जाना चाहिए और इस संदर्भ में, भारत, जापान तथा अन्य समान विचारधारा वाले देशों के बीच सहयोग का स्वागत किया।”

इसी बीच भारत और जापान ने एक संयुक्त जापान-भारत समुद्री अभ्यास (JIMEX) आयोजित करने का भी फैसला किया है जिसमें दोनों पक्ष 26-28 सितंबर से विभिन्न टैक्टिकल अभ्यास करेंगे।

इस JIMEX में जापान की Indo-Pacific deployment (IPD) यूनिट या युद्धपोत JS Kaga और JS IKazuchi तथा भारतीय नौसेना के INS चेन्नई, INS तारक और INS दीपक के साथ P-81 और MiG-29K भाग लेंगे।

भारत और जापान के बीच 9 सितंबर को Agreement on Reciprocal Provision of Supplies and Services के ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद यह पहला सैन्य अभ्यास होगा। भारत के साथ यह सैन्य समझौता दिखाता है कि अपनी सुरक्षा को मजबूत करने और चीन पर दबाव बनाने के लिए ऐसे कदम उठा रहा है। भारत के लिए भी यह कदम इसीलिए अति-महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भारतीय नेवी आसानी से जापानी जलसीमा के आसपास और दक्षिण चीन सागर में आसानी से operate कर पाएगी।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पीएम मोदी और Suga ने इस पर भी सहमति व्यक्त की कि कोविड-19 महामारी सहित अन्य वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए दोनों देशों के बीच साझेदारी आज के समय में और भी अधिक प्रासंगिक हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने यह विचार साझा किया कि महामारी से संबंधित स्थिति में सुधार के बाद वार्षिक भारत-जापान शिखर बैठक फिर से शुरू की जानी चाहिए। मोदी ने सुगा को स्थिति में सुधार के बाद शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया। यही नहीं, भारत और जापान दोनों ने मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता भी जताई।

जापान के पिछले प्रधानमंत्री शिंजों आबे से पीएम मोदी का बेहतरीन समन्वय था जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय और QUAD के क्षेत्र में सहयोग कई गुना बढ़ा। अब पीएम मोदी ने जापान के नए पीएम Yoshihide Suga के साथ भी दोस्ती बढ़ा दी है और चीन को यह संकेत दे दिया है कि उनकी मुश्किले अभी कम नहीं होने वाली है। इस बातचीत पर पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि मजबूत भारत-जापान संबंधों से मौजूदा क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिति की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पीएम सुगा के साथ काम करने के लिए, ऑलराउंड साझेदारी को और मजबूत करने के लिए तत्पर हैं। इसी से यह अंदाजा लगाना चाहिए कि जापान के नए पीएम के साथ पीएम मोदी ने बेहतर सम्बन्धों की शुरुआत कर दी है।

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