हमारे पूर्वजों ने सही ही कहा था, ‘विनाश काले विपरीते बुद्धि’। कंगना रनौत के ऑफिस के कुछ हिस्से ध्वस्त करने के बावजूद शिवसेना ने जनता और अपने गठबंधन के साथियों से मिली ज़बरदस्त आलोचना से कोई सीख नहीं ली है और अब वह रिपब्लिक के पीछे हाथ धोकर पड़ गयी है।शिवसेना से जुड़ी शिव केबल सेना ने महाराष्ट्र में सक्रिय सभी प्रकार के केबल ऑपरेटर को सार्वजनिक रूप से एक पत्र लिखा है, जिसमें रिपब्लिक भारत के प्रसारण को बंद करने की बात कही गई है। इस पत्र में शिवसेना ने कहा है कि रिपब्लिक और अर्नब ने अपना खुद का कोर्ट खोलकर उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र सरकार और गृह मंत्री के विरुद्ध संसदीय मर्यादा की सभी सीमाएं लांघ दी है, और ऐसे में रिपब्लिक भारत को बैन करना जरूरी हो चुका है और ऐसा न करने के दुष्परिणाम भी ‘भुगतने पड़ सकते हैं’ –
लेकिन ये तो कुछ भी नहीं है। शिवसेना ने कुछ दिन पहले सदन में Privilege Motion के दो प्रस्ताव अर्नब गोस्वामी के विरुद्ध पारित करवाए थे, जिसमें अर्नब पर सीएम उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की छवि खराब करने का आरोप लगा था। पर हद तो तब हो गई जब कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के तीन पत्रकारों को बिना किसी ठोस प्रमाण के हिरासत में लिया।
रिपब्लिक टीवी के सम्बोधन के अनुसार पत्रकार अनुज कुमार, वीडियो पत्रकार यशपालजीत सिंह और उनके ड्राइवर को अकारण ही महाराष्ट्र पुलिस ने रायगढ़ से हिरासत में लिया। तीनों पर पुलिस ने आरोप लगाया है कि वे उद्धव ठाकरे के विरुद्ध कोई साजिश रच रहे थे, परंतु कोई ये नहीं बता पाया कि वे क्या साजिश रच रहे थे।
इस विषय पर अर्नब गोस्वामी ने शिवसेना को आड़े हाथों लेते हुए रिपब्लिक भारत चैनल पर एक विशेष सम्बोधन किया। अर्नब अपने सम्बोधन में बोले, “उद्धव ठाकरे, मेरे पत्रकारों को तुरंत रिहा कराओ। तुमने देश का संविधान नहीं लिखा है, और न ही उसे अपने पैरों तले रौंदने की तुम्हारी हैसियत है। मेरे पत्रकारों को तत्काल प्रभाव से रिहा कराओ और अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी निभाते हुए अपने उन पार्टी नेताओं को गिरफ्तार कराओ, जिनहे केबल ऑपरेटर्स को धमकी देते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है।”
परंतु अर्नब केवल वहीं पर नहीं रुके। उन्होने आगे कहा, “मैं मुंबईकर यानि मुंबई का निवासी हूँ। जिस तरह से मेरे चैनल का मुंह बंद करने का प्रयास तुम लोग [उद्धव सरकार] कर रहे हो न, उसमें तुम कभी सफल नहीं हो सकते, क्योंकि मुंबई, महाराष्ट्र और भारत की जनता हमारे साथ है। यदि तुमने [उद्धव ठाकरे] मेरे पत्रकारों को रिहा नहीं करवाया, तो मैं तुम्हारी पार्टी और तुम्हें जनता की अदालत और देश की सर्वोच्च अदालत दोनों में ही चुनौती दूँगा!” –
Editor-in-Chief Arnab Goswami issues strong statement taking on Uddhav Thackeray, after Maharashtra Government goes all out in trying to block Republic and intimidate jailed reporter Anuj. #FreeAnujNow #CantBlockRepublic (1/2) https://t.co/RZHKU3wOei pic.twitter.com/w1HyhETFoW
— Republic (@republic) September 11, 2020
इससे पहले भी शिवसेना के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी सरकार ने अर्नब को घेरने का प्रयास किया था, जब उन्होंने पालघर मामले में सोनिया गांधी को आड़े हाथों लिया, और उन्हें उनके असली नाम यानि एंटोनिया माइनो से संबोधित किया। तब शिवसेना के इशारे पर महाराष्ट्र पुलिस, विशेषकर मुंबई पुलिस के कुछ अफसरों ने विशेष रूप से अर्णब को परेशान करना शुरू किया, और एक के बाद एक कई मुकदमे अर्नब के विरुद्ध दर्ज किए, जिसके कारण अर्नब को सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। लेकिन ऐसा लगता है कि इस पूरे प्रकरण से शिव सेना ने कोई सीख नहीं ली है और अब वह अपनी सरकार को सत्ता से निकलवाने के लिए कुछ ज़्यादा ही उतावली है।