“बॉर्डर पर चीनियों को देखते ही ठोक दो”, चीन से नाराज़ किम-जोंग-उन अब ट्रम्प से दोस्ती करेंगे?

नॉर्थ कोरिया को पैसे से मतलब है और ट्रम्प के पास पैसा बहुत है!

किम-जोंग-उन

किम-जोंग-उन की सरकार ने अपने देश में कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए फैसला किया था कि वह चीन के साथ लगने वाली अपनी सीमा को पूरी तरह से सील कर देंगे। नॉर्थ कोरिया ने जनवरी महीने में ही चीन के साथ लगी सीमा को सील कर दिया था तथा अपने सैनिकों को आदेश दिया था कि चीन की तरफ से यदि कोई व्यक्ति बॉर्डर पार कर नॉर्थ कोरिया में आने की कोशिश करे तो उसे गोली मार दी जाए।

दक्षिण कोरिया में तैनात अमेरिकी सेना US Forces Korea (USFK) के commander Robert Abrams ने अपने बयान में बताया है कि उत्तर कोरिया की सरकार ने चीन से लगी सीमा पर दो किलोमीटर तक का बफर जोन तैयार कर दिया है। इस क्षेत्र में सेना के अतिरिक्त किसी का भी प्रवेश वर्जित है।

उत्तर कोरिया चीन के साथ 1400 km लंबी सीमा साझा करता है। दोनों देश पारंपरिक रूप से मित्र रहे हैं एवं चीन उन थोड़े बहुत देशों में एक है जिन्होंने अब तक उत्तर कोरिया के साथ सम्बंध बनाए रखे हैं। लेकिन कोरोना के फैलाव बाद से उत्तर कोरिया और चीन का कुल व्यापार बहुत ही कम हुआ है।

गौरतलब है कि इसके पहले Reuters ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था चीनी अधिकारियों ने सीमा के नजदीक रहने वाले नागरिकों को लिखित आदेश दिया था कि वह सीमा के नजदीक नहीं जाएं अन्यथा उनको उत्तर कोरिया के सैनिकों द्वारा गोली मारे जाने का खतरा है।

इसके पहले भी चीन और उत्तर कोरिया के बीच टकराव देखने को मिला था। उत्तर कोरिया की सेना ने चीनी मछुआरों की नावों पर गोलियां चला दी थी। इसमें 3 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी।इन घटनाओं से पता चलता है कि उत्तर कोरिया की सरकार ने चीन के खिलाफ अपनी सेनाओं को खुली छूट दी है, इसलिए ही वह बेपरवाह होकर चीनी नागरिकों को गोलियां मार रहे हैं। इसे किम-जोंग-उन की नीति में भावी परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है।

आज वैश्विक राजनीति तेजी से बदल रही है। अमेरिका ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अपना मुख्य निशाना बना लिया है। रूस के प्रति अमेरिका ने अपनी नीति में बदलाव के संकेत दिए हैं और इस बात की उम्मीद है कि आने वाले समय में अमेरिका अपने सभी विरोधियों से अपने संबंधों को सुधारकर अपना सारा ध्यान चीन पर केंद्रित करेगा। ऐसे में उत्तर कोरिया के पास सुनहरा अवसर है कि वह चीन अमेरिका के टकराव का फायदा उठाए।

गौरतलब है कि ट्रंप ने चौकाने वाले ट्वीट में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम-जोंग-उन की मौत की खबरों को खारिज करते हुए लिखा था कि उसे कम करके न आँका जाए।

ट्रंप का संदेश और चीन-उत्तर कोरिया के बीच बिगड़ते संबंध को अलग अलग करके नहीं देखा जा सकता। अमेरिका इस वक्त चीन को कमजोर करने के लिए किसी भी मौके का फायदा उठाएगा।

कोरोना का फैलाव एक ऐसी घटना है जो दुनिया की तस्वीर बदल देगी। यह विभीषिका प्रथम एवं द्वितीय विश्वयुद्ध के समान है। इन बदलते हालातों में पर्दे के पीछे क्या बातचीत हो रही है यह भविष्य में पता चलेगा, किंतु इतना तय है कि यह सभी बातें आश्चर्यजनक बदलावों की ओर इशारा कर रही हैं, ऐसे बदलाव जो वैश्विक राजनीति की परंपरागत संधियों को बदल सकते हैं।

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