Tencent थोड़े-बहुत बदलाव करके PubG को Unban करवाना चाहती थी, लेकिन सरकार उनसे भी ज़्यादा smart निकली!

PUBG over smart बन रही थी, सरकार ने एक सेकंड में हवा निकाल दी

PUBG

कई गेम यूजर PUBG Mobile के भारत में पुनः लौटने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि भारत सरकार को PUBG को दोबारा लाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

PUBG कॉर्पोरेशन अपने इस लोकप्रिय गेम को भारत में दोबारा लाने करने की बात कह रहा है, लेकिन सरकार ऐसा नहीं चाहती हैं। Reuters की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि चीन के टेनसेंट से देश में मोबाइल गेम के प्रकाशन के अधिकार को वापस लेने के PUBG कॉर्प के फैसले के बाद भारत के खिलाड़ी के PUBG पर लगा प्रतिबंध वापस लेने की संभावना नहीं है।

इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने PUBG सहित 118 चीनी मूल के मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब वे ऐप्स चाहते हैं कि दोबारा से मार्केट में आए, थोड़े बहुत बदलाव के साथ।

इसके बाद PUBG को चलाने वाली एक दक्षिण कोरियाई फर्म की इकाई PUBG कॉर्प ने यह घोषणा किया कि अब वह Tencent को भारत में PUBJ का अधिकार वापस ले लेगी। इसने यह भी कहा कि PUBG Corp भविष्य में भारतीय यूजर्स को दोबारा गेमिंग का अनुभव देने के तरीके तलाश रहा है। इसी क्रम में इस कंपनी ने जियो प्लेटफॉर्म्स से बातचीत शुरू की थी।

वहीं, कई ट्विटर यूजर्स भी इस गेम को भारत में वापस लाने की लगातार मांग कर रहे हैं।

हालांकि, नये स्वामित्व के बाद सभी चीजों को तुरंत बदलने की संभावना नहीं है। यह कंपनी चाहती है कि PUBG पर लगा चाइनीज ठप्पा हटा कर फिर से भारत के बाजार में स्थान बनाए। परंतु ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। Reuters के अनुसार भारत सरकार एक कदम आगे है और इस गेम के हिंसक होने के आधार पर भारत सरकार बैन नहीं हटाएगी।

रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से लिखा कि “खेल की हिंसक प्रकृति कई शिकायतों का कारण रही है, यह स्वामित्व अधिकारों में परिवर्तन होने के साथ नहीं बदलता है।”

एक रिपोर्ट के अनुसार मिनिस्‍ट्री ऑफ इलेक्‍ट्रॉनिक्स ऐंड इन्‍फॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी PUBG समेत बैन किए गए चाइनीज ऐप्‍स से प्रतिबंध हटाने पर कोई विचार नहीं कर रहा। इसके अलावा मिनिस्‍ट्री के अधिकारियों का कहना है कि PUBG या प्रतिबंधित सूची के किसी अन्य ऐप के लिए चीजें नहीं बदली हैं। रिपोर्ट में मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सिर्फ Tencent Games के साथ पार्टनरशिप खत्‍म (भारत में) करना देश में PUBG Mobile से बैन हटाने के लिए पर्याप्‍त नहीं है।

यानि अब भी इस गेम के भारत में दोबारा से शुरू होने का कोई कारण नहीं दिखाई देता है। भारत सरकार अब चाइनीज चीज़ों को हावी नहीं होने देना चाहती। सभी को यह पता है कि किस प्रकार से इन चीनी कंपनियों ने भारत के डेटा चुराकर चीन भेजे हैं। केंद्र सरकार का भी ऐप्स के बैन करने के कारणों पर यही कहना है कि ऐप्स यूजर्स के डेटा एकत्र करते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं।

अब अगर किसी को भी भारत के 135 करोड़ के मार्केट में अपनी जगह बनानी है, तो उसे चीनी निवेश से दूर ही रहना होगा। अगर पहले ही PUBG ने मोबाइल वर्ज़न चीनी कंपनी Tencent के जरिये ना बनाकर खुद बनाया होता और उसे भारत में Distribute किया गया होता, तो आज PUBG पर बैन की नौबत ही ना आती। स्पष्ट है कि Gaming Industry से चीनी निवेशकों का पत्ता साफ होना शुरू हो गया है, क्योंकि कोई भी game developer नहीं चाहेगा कि चीनी निवेश की वजह से वह भारत जैसे विशाल बाज़ार को अपने हाथों से जाने दे। PUBG इसी का ताजा उदाहरण है।

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