दिल्ली पुलिस ने शहर में चीन के एक जासूसी रैकेट को ध्वस्त करने में सफलता पाई है। फ्रीलान्स पत्रकार राजीव शर्मा को ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन करने और भारत के सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज़ चीन के साथ साझा करने के लिए हिरासत में लिया गया है। जिस समय चीन के साथ हमारे संबंध रसातल में हैं, उस समय एक भारतीय पत्रकार इस प्रकार से देश के साथ विश्वासघात करते हुए पकड़ा गया है।
राजीव शर्मा नामक इस पत्रकार ने यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ इंडिया, द ट्रिब्यून, द क्विंट, सकाल टाइम्स इत्यादि के साथ काम किया है, और इसे देश से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज़ चुराकर चीन के साथ साझा करने और भारत की सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। इस पत्रकार के बारे में बताते हुए स्पेशल सेल के उपाध्यक्ष, डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया, “ये पीतमपुरा के निवासी हैं, और इन्हे स्पेशल सेल के दक्षिण पश्चिमी विभाग ने जांच पड़ताल के बाद हिरासत में लिया है। इन्हे मैजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, और उन्होंने इसे छह दिन के पुलिस हिरासत के लिए हमें सौंपा है। राजीव के पास कुछ रक्षा संबंधी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ पाये गए हैं। पूछताछ जारी है” –
इसके अलावा संजीव कुमार यादव ने ये भी बताया कि राजीव ने पूछताछ में इस बात को स्वीकारा है कि वह चीन के कुंमिंग में बसे अपने हैंडलर्स को निरंतर भारत की सुरक्षा से जुड़े कई राज़ लीक करता था। राजीव शर्मा ने इससे पहले चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के लिए भी लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने बीजिंग और नई दिल्ली के बीच संबंध प्रगाढ़ करने की वकालत की थी। इसके अलावा राजीव शर्मा का एक यूट्यूब चैनल ‘राजीव किष्किंधा’ भी है, जिसके 12000 सब्सक्राइबर्स भी हैं।
इतना ही नहीं, दिल्ली पुलिस ने राजीव शर्मा के साथ एक चीनी औरत और उसके नेपाली सहायक को भी हिरासत में लिया है। दोनों पर राजीव के साथ साँठगांठ कर भारत से जुड़े दस्तावेज़ लीक कराने के आरोप भी है। डीसीपी संजीव कुमार यादव ने इस विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा, “स्पेशल सेल ने संवेदनशील जानकारी चीनी इंटेलिजेंस को देने के लिए राजीव शर्मा को हिरासत में लिया है। इसके अलावा एक चीनी औरत और उसके नेपाली सहायक को भी इसी संबंध में हिरासत में लिया गया है, जो शैल कंपनी के जरिये इस काम के लिए राजीव को मोटी रकम का भुगतान किया करते हैं। इनके पास से भारी संख्या में मोबाइल फोन, लैपटाप, और कई अन्य सामग्री भी बरामद हुई है।”
राजीव शर्मा का हिरासत में लिया जाना भारत के लिए काफी चिंताजनक बात है। ऐसा इसलिए क्योंकि राजीव शर्मा से बरामद सामग्री से पता चलता है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की भारत में कहाँ तक पहुँच थी, और वह किस प्रकार से भारतीय पत्रकारों को खरीद रहा था। लेकिन ये हमारे लिए एक अवसर से भी कम नहीं है, क्योंकि राजीव शर्मा की हिरासत से ये भी सामने आ सकता है कि ऐसे कौन-कौन से पत्रकार थे, जो भारत में रहकर चीन के गुणगान गाते थे। असली खेल तो अब शुरू हुआ है।