‘अब ये बदसलूकी पर उतर आए हैं’, बिल पास होने पर पागल हुए विपक्ष ने सभी हदें की पार

तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन समेत आठ हुए सस्पेन्ड

विपक्ष

विपक्ष ने जितना विरोध अनुच्छेद 370 के निरस्त होने अथवा सीएए के पारित होने का नहीं किया होगा, उससे कहीं अधिक विरोध वह मोदी सरकार द्वारा लाये गए कृषि संशोधन विधेयकों का कर रही है। राज्यसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष ने अपने ही आदर्शों की धज्जियां उड़ाते हुए न केवल कृषि विधेयकों को पारित होने से रोकने का प्रयास किया, अपितु उनके प्रयासों के बावजूद विधेयकों के पारित होने पर टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के नेतृत्व में राज्यसभा के उपाध्यक्ष पर हमला करने का प्रयास भी किया। परंतु आज सदन शुरू होते ही उन सांसदों पर कड़ी कार्रवाई की गई।

आज राज्यसभा के अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने आठ अमर्यादित व्यवहार करने वाले सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेन्ड कर दिया। राज्‍यसभा चेयरमैन ने आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कहा कि ‘कल का दिन राज्‍यसभा के लिए बहुत बुरा दिन था जब कुछ सदस्‍य सदन के वेल तक आ गए। डिप्‍टी चेयरमैन के साथ धक्‍कामुक्‍की की गई। उन्‍हें अपना काम करने से रोका गया। यह बेहद दुर्भाग्‍यपूर्ण और निंदनीय है। मैं सांसदों को सुझाव देता हूं, कृपया थोड़ा आत्‍मनिरीक्षण कीजिए।’ सस्पेन्ड होने वाले सांसदों में डेरेक ओ’ब्रायन (तृणमूल कांग्रेस),संजय सिंह (आम आदमी पार्टी),राजू साटव (कांग्रेस),केके रागेश (सीपीआई-एम),रिपुण बोरा (कांग्रेस) शामिल हैं।

कल तीनों कृषि विधेयक लोक सभा से पारित होकर राज्यसभा में पेश किए गए। पीएम मोदी द्वारा निरंतर आश्वासन देने और सभी तथ्य सामने रखने के बावजूद विपक्ष अपने अनर्गल प्रलाप में लगी हुई थी, ताकि तीनों विधेयक किसी भी तरह पारित नहीं होने पाये। लेकिन जब उनके प्रोपगैंडा के बावजूद राजग [NDA] दो विधेयकों के लिए आवश्यक समर्थन जुटाने में कामयाब रही, तो बौखलाए विपक्षी सांसदों ने सदन में उपस्थित उपाध्यक्ष यानि Deputy Speaker हरिवंश नारायण सिंह पर ही हमला कर दिया।

जो विपक्ष अपने आप को लोकतन्त्र के मसीहा कहते नहीं थकते, उन्होंने ही अपने आदर्शों की धज्जियां उड़ाते हुए राज्यसभा में लाइव टीवी पर अपनी गुंडागर्दी दिखाई। डिप्टी स्पीकर हरिवंश नारायण सिंह पर जब वे हमला करने में असमर्थ रहे, तो कुछ विपक्षी सांसदों ने राज्य सभा के ऑडियो प्रणाली के साथ खिलवाड़ किया और हरिवंश सिंह के समक्ष रखा माइक भी क्षतिग्रस्त किया।

लेकिन इन उपद्रवी सांसदों में अगर किसी ने सबसे अधिक उत्पात मचाया , तो वे थे तृणमूल काँग्रेस के सांसद और पूर्व क्विज़ मास्टर डेरेक ओ ब्रायन। जब डीएमके के सांसद ने कृषि विधेयक को लेकर एक संशोधन की पेशकश की, जिसे सर्वसम्मति से ठुकरा दिया गया। डेरेक ओ ब्रायन इस पर मंच की ओर दौड़ पड़े, और हरिवंश नारायण सिंह को रूल बुक दिखाने लगे। जब हरिवंश ने उन्हें वापिस जाने को कहा, तो डेरेक ओ ब्रायन आग बबूला हो गए और उन्होंने हरिवंश नारायण सिंह पर चीखते चिल्लाते हुए न सिर्फ उन पर हमला करने का प्रयास किया, अपितु रूल बुक को भी फाड़ने का प्रयास किया –

 

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बता दें कि हाल ही में मोदी सरकार ने कृषि संशोधन विधेयक संसद के वर्तमान सत्र में पेश किए थे, जो किसानों और बाज़ार के बीच प्रत्यक्ष संबंध स्थापित करने के उद्देश्य को पूरा करना चाहते हैं। चूंकि इन विधेयकों के पारित होने से जमाखोरी, कमीशनखोरी एवं दलालों के भ्रष्टाचार पर लगाम लगनी है, इसलिए अधिकतर विपक्षी पार्टियों ने इन विधेयकों का जमकर विरोध किया, और किसानों के बीच झूठी अफवाहें फैलाकर उन्हें इस विधेयक का विरोध करने के लिए उकसा रहे थे।

इस हमले से स्पष्ट हो गया कि विपक्ष अपने प्रोपगैंडा को असफल होते देख कितनी बुरी तरह तमतमाई हुई है। अपने आपको लोकतन्त्र के रक्षक कहने वाले यह लोग एक ऐसे बिल को पारित होने से रोकने के लिए गुंडागर्दी कर रहे थे, जिससे किसानों का ही भला हो रहा था। ऐसे में अपनी कुंठा जगजाहिर कर विपक्षी सांसद, विशेषकर डेरेक ओ ब्रायन ने अपने ही पैर कुल्हाड़ी मारी है। एक समय क्रांतिकारी भगत सिंह ने अपनी माँ को पत्र में लिखा था, “माँ, मुझे विश्वास है कि मेरा देश एक दिन स्वतंत्र होगा। लेकिन मुझे डर है कि गोरे साहब की जगह भूरे साहब ले लेंगे।’ डेरेक ओ ब्रायन और राज्य सभा में उत्पात मचाने वाले सांसद वही भूरे साहब हैं, जिनकी हेकड़ी अब मिट्टी में मिल चुकी है।

 

 

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