‘ओटोमन शैली ही मुसलमानों के लिए सबसे सही मार्ग’, तुर्की Ertugrul के जरिये कट्टरपंथ को वापस ला रहा

तुर्की

कला प्रोपोगेंडा का सबसे बड़ा माध्यम होता है। वामपंथियों से लेकर कट्टरपंथियों तक के लिए किसी भी समाज में अराजकता पैदा करने के लिए सबसे उपयोगी हथियार रहा है। अब इसी हथियार का प्रयोग तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन एक कट्टरपंथी इस्लामी समाज के निर्माण के लिए कर रहे हैं। तुर्की ने विशेष रूप से कट्टरपंथी इस्लाम को बढ़ावा देने के लिए Ertugrul नामक एक टीवी सीरीज का खूब प्रमोशन किया है।

यह ओटोमन साम्राज्य के इतिहास से प्रेरित एक टीवी शो है। हालांकि, यह टीवी शो ऐतिहासिक पहलुओं को दिखाता है, लेकिन यह इस्लाम के सुनहरे दिनों के बारे में खूनी पुनरुत्थान की कहानी है जिसे ऐतिहासिक कहानी के नाम पर प्रसारित किया जा रहा है। इस टीवी शो को न सिर्फ तुर्की बल्कि पाकिस्तान में भी खूब पसंद किया जा रहा है।

इन देशों के प्रमुखों द्वारा प्रचार के साथ, इस शो ने तुर्की और इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान में लोकप्रियता के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस्लामिक राजनेता इसे सही इतिहास के रूप में प्रचारित कर रहे हैं ताकि “आदर्श इस्लामी समाज” का निर्माण किया जा सके और इन देशों में “इस्लामी मूल्यों” को बढ़ावा दिया जा सके।

शो में अभिनय करने वाले तुर्की टीवी कलाकार पाकिस्तान में आइकॉन बन चुके हैं और उनकी लोकप्रियता बॉलीवुड और पाकिस्तानी अभिनेताओं से आगे निकल रही है। टीवी सीरीज में मुख्य पात्र Ertugrul का पात्र निभाने वाले Engin Altan Duzyatan इस्लामाबाद की एक मस्जिद की यात्रा भी करने वाले हैं।

इसके अलावा, उन्हें पाकिस्तान की राजधानी शहर इस्लामाबाद में एक निजी आवास योजना का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया है। सियासत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, Dirilis: Ertugrul सीरीज़ के बाद Engin की लोकप्रियता पाकिस्तान में आसमान छू रही है।

यह आश्चर्य की बात नहीं है कि भारतीय उपमहाद्वीप में Ertugrul ने मुसलमानों के बीच इतनी लोकप्रियता हासिल की है। यहां के मुस्लिमों ने अरबों और तुर्कों के प्रति गहरा सम्मान दिखाया है और वे उनकी ही भांति मुसलमान बनना चाहते हैं। इस identity crisis में Ertugrul के रूप में उन्हें एक जरिया मिल चुका है जिससे वे अपनी कल्पना को एक उड़ान दे सकते हैं।

पिछले कुछ महीनों में, पाकिस्तान के लोगों और सरकार ने सऊदी अरब से अपना ध्यान एक अधिक कट्टरपंथी और मुखर तुर्की के पर केन्द्रित किया है जिसके राष्ट्रपति आज के दौर में खलीफा बनने के सपने देख रहे हैं।

किस तरह से पाकिस्तान और तुर्की में कट्टरपंथी इस्लाम को बढ़ावा मिला है इसके कई उदाहरण हैं। कुछ ही दिनों पहले, तुर्की द्वारा हागिया सोफिया को एक मस्जिद में बदल देने के बाद पाकिस्तान में दो इस्लामी चरमपंथियों ने लाहौर के एक ऐतिहासिक गुरुद्वारे पर दावा किया था। तुर्की से प्रेरित होकर पाकिस्तान गुरुद्वारा शहीदी अस्थान को एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा से मस्जिद में बदलना चाहता है, जहां भाई तारू जी ने 1745 में सर्वोच्च बलिदान दिया था।

यही नहीं जब इस टीवी सीरीज में Halime Hatun का पात्र निभाने वाली वाली Esra Bilgiç ने अपने इन्स्टाग्राम पर अपनी फोटो पोस्ट किये थे तब पाकिस्तानी ट्रोल आर्मी ने उनके खिलाफ ट्रेंड शुरू करा दिया था और उन्हें अधिक कपड़े पहनने की नसीहत दी थी जिसके बाद उन्हें अपने कमेंट सेक्शन को बंद करना पड़ा था।

जिस दिन से तुर्की के राष्ट्रपति ने भारत द्वारा अनुच्छेद 370 को खत्म करने के खिलाफ बात की थी, उस समय से ही पाकिस्तान तुर्की को अपना मसीहा मानने लगा है। पीएम इमरान खान पहले ही एर्दोगन को नए खलीफा के रूप में स्वीकार कर चुके हैं और पाकिस्तान में तुर्की की ओटोमन संस्कृति को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान ने व्यक्तिगत रूप से सभी पाकिस्तानियों से आग्रह किया है कि वे “इस्लामिक मूल्यों” और “संस्कृति” को सीखने के लिए Ertugrul देखें। उन्होंने कहा कि “हॉलीवुड और बॉलीवुड के माध्यम से पाकिस्तान में अन्य देशों की संस्कृति” को बढ़ावा दिया जा रहा है।“ तुर्क साम्राज्य के दौरान इस्लामीक युग के मिथकों की कहानी दिखने वाले Ertugrul ने पाकिस्तान में टीवी दर्शकों की संख्या के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

इमरान खान ने कहा कि “दुर्भाग्य से, मुझे यह कहना है कि मैं बॉलीवुड को ध्यान से देख रहा हूँ… .30-40 साल के बाद बॉलीवुड में भी आप इस प्रकार की चीजों को नहीं देखेंगे। अब इसमें बहुत गंदगी है। उन्होंने हॉलीवुड के सबसे बुरे गुणों को अपनाया है। लेकिन वे अपनी विरासत की ताकत नहीं दिखाते हैं। हमारे बच्चे इससे बहुत नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रहे हैं।“

एर्दोगन, जो खुद तुर्की को ओटोमन साम्राज्य के उत्तराधिकारी के रूप में स्थापित करना चाहते हैं और खुद को “नया खलीफा” के रूप में पेश करते हैं, उन्होंने 2014-2019 के बीच पांच सीजन में चलने वाले इस टीवी शो की प्रशंसा की और इसका प्रचार किया है।

अगर ध्यान से देखा जाए तो ये वर्ष 2014-2019 का समय ही है जब तुर्की समाज में धीरे-धीरे कट्टरवाद बढ़ा और अतातुर्क द्वारा स्थापित धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों का बलिदान दे कर अपनी जड़ों को जमाया। बढ़ते इस्लामिक कट्टरवाद का सबसे बड़ा फायदा एर्दोगन को ही हुआ और उन्होंने सत्ता को अपने आस पास केंद्रीकृत कर विपक्ष को जेल में डाल दिया।

इस टीवी शो ने एर्दोगन के उदय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जो आर्थिक और शासन के मोर्चे पर लगातार विफलताओं के बावजूद पहले से कहीं ज्यादा मजबूत नेता बन चुके है। इमरान खान भी एर्दोगन की जी-हुज़ूरी ही कर रहे हैं और अब वह इस्लामी चरमपंथ को बढ़ावा दे रहे हैं ताकि सत्ता पर पकड़ मजबूत हो और साथ ही आर्थिक और शासन के मोर्चे पर विफलताओं को छिपाया जा सके।

 

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