पाकिस्तान में 11 राजनीतिक दल सेना समर्थित सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए हुए एकजुट

यह विरोध सरकार से ज्यादा सेना के खिलाफ है

पाकिस्तान

पाकिस्तान में सेना के खिलाफ एक बड़ी मुहिम छेड़ी जा चुकी है, जिसका नेतृत्व देश की 11 विपक्षी पार्टियां मिल-जुलकर कर रही हैं। इस मुहिम को Pakistan Democratic Movement यानि PDM नाम दिया गया है, और अगर यह सफल होती है तो पाकिस्तानी सत्ता में से हमेशा के लिए पाकिस्तानी सेना का हस्तक्षेप खत्म हो सकता है। विपक्षी पार्टियों का यह गठबंधन वैसे तो इमरान सरकार को कुर्सी से हटाने के लिए बनाया गया है, लेकिन इन सब पार्टियों का निशाना मुख्यतः पाकिस्तानी सेना ही है, जिसके लगातार राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण कोई भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कभी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है।

विपक्ष के 11-पार्टी गठबंधन में Pakistan People’s Party, पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़, आवामी नेशनल पार्टी जैसी सभी मुख्य पार्टियां शामिल हैं और ये सभी मिलकर 16 अक्टूबर से लेकर जनवरी महीने तक देश में बड़ा आंदोलन छेड़ने की तैयारी कर रही हैं। इस मुहिम के तहत देश के अलग-अलग कोनों में इमरान सरकार और सांकेतिक रूप से पाकिस्तानी सेना के खिलाफ प्रचार किया जाएगा।

इन सभी विपक्षीय पार्टियों द्वारा 26 बड़ी मांगें सामने रखी गयी हैं। इन मांगों में इमरान खान के इस्तीफे के साथ-साथ राजनीति में पाकिस्तानी सेना के हस्तक्षेप पर रोक जैसी बातें भी शामिल हैं। इस मुहिम को लंदन में बैठकर PMLN के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ हवा दे रहे हैं, जो दूर से ही पाकिस्तानी सेना के आज तक की सबसे बड़ी मुहिम छेड़े हुए हैं। उनके मुताबिक पाकिस्तान में “स्टेट से ऊपर भी एक स्टेट है”, जो हर मुद्दे पर टांग अड़ाकर लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार के काम में हस्तक्षेप करता है। यहाँ उनका इशारा पाकिस्तानी सेना की ही ओर था। इसके अलावा उनकी बेटी मरियम नवाज़ शरीफ भी देश में रहकर ही पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मुहिम को बल देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।

इस मुहिम में बिलावल भुट्टो भी पुरजोर तरीके से पाकिस्तानी सेना के खिलाफ खड़े दिखाई दे रहे हैं, जिनका मानना है कि पाकिस्तानी सेना को राजनीति से दूर ही रहना चाहिए। आज पाकिस्तान चौतरफा मुश्किलों से घिरा हुआ है। कश्मीर मुद्दे पर एकतरफा बोल-बोलकर इमरान और पाक सेना वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने का इंतजाम कर चुकी है। इसके अलावा इमरान सरकार की नीतियों के कारण पहले से ही बदहाल पड़ी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था का और बुरा हाल हो चुका है। ऐसे वक्त में जब देश की तमाम विपक्षी पार्टियां इकट्ठा एक मंच पर आकर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बोल रही हैं, तो इससे पाकिस्तान के भविष्य को लेकर वहाँ के लोगों के मन में थोड़ी तो उम्मीद जगी ही होगी।

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