सेना के खिलाफ पाकिस्तान के सिंध पुलिस ने किया विद्रोह, गृह युद्ध की ओर बढ़ रहा पाकिस्तान

बारूद के ढेर पर बैठा है पाकिस्तान,कभी भी हो सकता है खाक!

पाकिस्तान

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में एक बार फिर सियासी बवाल देखने को मिल रहा है, लेकिन इस बार स्थिति गृह युद्ध की ओर बढ़ रही है। पाकिस्तानी सेना की बर्बरता के विरुद्ध सिंध में विद्रोह का बिगुल फूंका जा चुका है, और अब पाकिस्तान से हालात संभाले नहीं संभल रहे हैं। हालात पाकिस्तानी सेना खिलाफ और तीव्र हो रहे हैं जिसे संभालने के लिए पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल बाजवा और उनकी सेना ने मीडिया के लिए सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं।

हाल ही में पाकिस्तान के विपक्षी पार्टियों द्वारा चलाये गए लोकतान्त्रिक अभियान के परिप्रेक्ष्य में सिंध पुलिस के आईजी मुश्ताक अहमद महर को पाकिस्तानी रेंजर्स के लड़ाकों ने अगवा कर लिया, और उन्हें कई घंटों तक बंदी बनाकर रखा। ये इसलिए किया गया ताकि महर द्वारा पूर्व आर्मी अफसर और पाकिस्तान मुस्लिम लीग [नवाज़] के नेता, कैप्टन मुहम्मद सफदर [सेवानिर्वृत्त] को हिरासत में लिया जा सके, और हुआ भी वही।

कैप्टन सफदर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की पुत्री मरियम नवाज़ के साथ कराची में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की रैली में हिस्सा लेने आए थे, जहां उन्होंने पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की मज़ार से नारे लगाए, “वोट को इज्ज़त दो!” इसके बाद कैप्टन सफदर, मरियम नवाज़ शरीफ एवं 200 अन्य लोगों के विरुद्ध ‘अशांति फैलाने’ के आरोप में FIR दर्ज की गई, और फिर जिस होटल में कैप्टन मुहम्मद सफदर [सेवानिर्वृत्त] ठहरे हुए थे, उसके कमरे के दरवाजे को तोड़कर उन्हें हिरासत में लिया गया।

 

लेकिन जैसे ही सिंध के आईजी के अपहरण की खबर सामने आई, सिंध पुलिस ने अप्रत्याशित तौर पर पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध आवाज़ उठाते हुए अवकाश पत्र [Leave Application] लिखा, जिसमें उन्होंने प्रमुख तौर पर पाकिस्तानी सेना को दोषी ठहराया। एआईजी स्पेशल ब्रांच इमरान याक़ूब द्वारा हस्ताक्षर किए गए आवेदन पत्र को सोशल मीडिया पर वायरल होते देर नहीं लगी, क्योंकि उसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना की ‘इस कायराना हरकत से पुलिस हाई कमान की छवि को नुकसान पहुंचा है और जवान हतोत्साहित हुए हैं।”

 

सिंध पुलिस ने आधिकारिक तौर पर इस घटना की भर्त्सना करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर घटना का विवरण प्रकाशित किया, जहां उन्होंने ट्वीट किया “इस घटना ने हमारे विश्वास को तोड़ा है और सिंध पुलिस के हर अफसर के आत्मसम्मान को आघात पहुंचाया है”।

https://twitter.com/sindhpolicedmc/status/1318616091229409283

 

लेकिन किसी को नहीं आभास था कि यह घटना जल्द ही सिंध को हिंसा की आग में झोंक देगा। इंटरनेशनल हेराल्ड के अनुसार हाल ही में हिंसक झड़प में कराची के 10 पुलिस अफसरों की हत्या की गई है। यह भी दावा किया गया कि अब सिंध की पुलिस और पाकिस्तानी सेना के बीच गृह युद्ध जैसी स्थिति बन चुकी है।

 

इसी बीच ये खबर सामने आई है कि पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इस पूरे प्रकरण के लिए जांच बैठाई है। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, “कराची की घटना को संज्ञान में लेते हुए सैन्य प्रमुख ने कराची कॉर्प्स को इस घटना के पीछे की सारी जानकारी जुटाने और आवश्यक जांच पड़ताल के लिए निर्देश दिये हैं।”

अब सच कहें तो ये निर्णय जनरल बाजवा के लिए दोधारी तलवार के उपयोग से कम नहीं है। यदि वे वास्तव में अपनी सेना के विरुद्ध एक्शन लेते हैं, तो उनकी संसार में खिल्ली उड़नी तय है। लेकिन अगर वे कोई एक्शन नहीं लेते हैं, तो ये सिंध पुलिस का यह विद्रोह पाकिस्तान के विघटन को बढ़ावा दे सकता है।

वहीं दूसरी तरफ खबरें सामने आ रही हैं कि शहर में टैंक पर टैंक निकल रहे हैं, लेकिन इसकी पुष्टि कोई नहीं कर रहा है, क्योंकि पिछले कई दिनों से पाकिस्तानी मीडिया ने रेडियो silence जारी रखा है, यानि कोई भी ताज़ा खबर बाहर नहीं आ रही है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना ने मीडिया पर नियंत्रण जमा लिया है और केवल वही खबर चलाई जा रही है, जिसपर पाकिस्तानी सेना की मुहर लगी हो।

विपक्ष के लिए यह संभावना किसी सुनहरे अवसर से कम नहीं है, जिसको लेकर उन्होंने सिंध के निवासियों को पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध आवाज़ उठाने के लिए एक विशालकाय अभियान चलाने का आह्वान दिया है।

जिस पाकिस्तान को हम वर्षों से देखते और समझते आए हैं, सिंध में उपजी विद्रोह की ज्योति उस पाकिस्तान का अंत करने के लिए अग्रसर है। खासकर पाकिस्तान आर्मी की पकड़ भी पाकिस्तान की राजनीति में कम होगी। स्पष्ट है कि आने वाला समय इन दोनों के लिए बिलकुल भी आसान नहीं होने वाला।

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