‘जम्मू-कश्मीर चीन का हिस्सा है’, Twitter ने भारतीय इलाके पर की बड़ी गलती, लोगों ने दिखाई औकात

चीनी प्रेम कहीं ट्विटर को ही न ले डूबे

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भारत चीन के बीच जहां इंडो-तिब्बत सीमा को लेकर विवाद जारी है तो दूसरी ओर डिजिटल मीडिया में एक अलग वैचारिक आतंकवाद चल रहा है। कुछ ऐसा ही Twitter भी कर रहा है जो जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा बताता पाया गया है। ट्विटर को लेकर पहले भी भारत विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं और ऐसे में ये मसला बेहद ही आपत्तिजनक है जिसके बाद से ट्विटर के खिलाफ विरोध शुरु हो गया है। अभी हाल ही में ये भी सामने आया था कि अरुणाचल का क्षेत्र चीनी कंपनी शाओमी के मौसम पूर्वानुमान के मैप में नहीं है जो दिखाता है कि भारत के खिलाफ औऱ चीन की नीतियों पर किस तरह से डिजिटल दुनिया में अभियान चल रहा है।

दरअसल, अब Twitterको लेकर एक विवाद सामने आया है जिसके मुताबिक जम्मू कश्मीर को चीन का हिस्सा बताया गया। राष्ट्रीय सुऱक्षा विश्लेषक नितिन गोखले  ट्विटर पर लाइव गए थे, जिस दौरान Twitter द्वारा उनके लोकेशन जम्मू कश्मीर को रिपब्लिक ऑफ चाइना के अंदर दिखाया गया। इस मुद्दे को लेकर देश में विवाद शुरु हो गया है औऱ ट्विटर की जमकर आलोचना की जा रही है। वही इस मामले में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के कंचन गुप्ता का कहना है कि दुनिया का इतिहास बदलने में ट्विटर भी बड़ी भूमिका निभाना चाहता है और इसके साथ ही वो चीन का एजेंडा चला रहा है।

कंचन गुप्ता ने कहा,  ‘Twitter ने अब भूगोल बदलने का फैसला कर लिया है और जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा घोषित कर दिया है। यह भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं है तो क्या है? क्या अमेरिकी कंपनी कानून से ऊपर है? यह ऐसे ही हो जाने वाली गलती नहीं है। इस पूरे मसले के बाद जब ट्विटर को ये समझ आया कि ये उसके लिए मुसीबत का सबब बन सकता है तो उसने गलती सुधारते हुए उसने इसे ठीक किया।

भारत चीन विवाद के बीच ये पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय क्षेत्र को लेकर बवाल न मचा हो। हाल ही में शाओमी के मौसम पूर्वानुमान से जुड़े एफ्लिकेशंन में अरुणाचल प्रदेश का कोई जिक्र ही नहीं था। शाओमी एक चीनी कंपनी है। ऐसे में लोगों ने उस पर जमकर हमला बोला है। इस मामले पर भारत में कंपनी के प्रवक्ता ने इसे तकनीकी खामी बताया है लेकिन वो भी जानते हैं के यह एक खामी नहीं बल्कि चीन की सीसीपी सरकार का एक एजेंडा है। इनको लेकर तो ये भी सामने  चुका है कि किस करह से चीन की इन कंपनियों में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के नताओं का पैसा लगा है और इसमें पीएलए की भी एक बड़ी भूमिका है।

चीन कुल मिलाकर भारत के पैसों से ही इन कंपनियों को आगे बढ़ा रहा है और फिर इन्हीं कंपनियों के प्रोडक्ट के जरिए भारत के खिलाफ अपना वैचारिक जहर फैला रहा है। ऐसे में ये बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि मोदी सरकार इस तरह के एंजेडे चलाने वाली Twitter और शाओमी जैसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करे जिससे भारत में इनके वैचारिक आतंकवाद पर रोक लग सके।

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