विश्व की सबसे बड़ी दिग्गज तकनीकी कंपनी गूगल ने भारतीय टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो के साथ 7.72 प्रतिशत के करार के लिए करीब 33,373 करोड़ का निवेश किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और जियो के साथ गूगल का करार डिजिटल क्रांति के लिए एक महत्वपूर्ण सौदा माना जा रहा है। इसको लेकर गूगल के सुंदर पिचाई का कहना है कि भारतीय डिजिटल क्रांति में जियो का एक महत्वपूर्ण योगदान है, जो यूजर्स को बेहतरीन प्रोडक्ट प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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— Madhav Chanchani (@madhavchanchani) July 15, 2020
गौरतलब है कि पिछले 4-5 महीनों में लगातार अमेरिकी कंपनियों ने जियो के साथ बड़े निवेशों को अंजाम दिया है। जिनमें फेसबुक, अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट आदि शामिल हैं। अब इस सूची में गूगल भी शामिल हो गया है जो भारत में जियो के साथ मिलकर सस्ते और बेहतरीन एंड्रायड स्मार्टफोन बनाने पर काम करना चाहता है। फिलहाल फेसबुक जियो के साथ मिलकर दूरसंचार से लेकर अपनी वाट्सअप पेमेंट सुविधा, व माइक्रोसॉफ्ट डेटा स्टोरेज़ और क्लाउड कम्प्यूटिंग के लिए तकनीक विकसित करने में जुटा है ।
अमेज़न तो अंबानी के साथ कानूनी कार्रवाई में उलझ गया है लेकिन शेष अन्य कंपनियां जियो के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने पर काम कर रही हैं। कुछ दिन पहले ही रिलायंस ने Jio Browser का एक नया संस्करण लॉन्च किया, जिसे अब सर्च इंजन वाले स्थान पर कब्जा करने के लिए JioPages कहा जा रहा है। कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “एक इंडियन ब्राउज़र को लॉन्च करने का इससे उपयुक्त समय कोई नहीं हो सकता है, जब डेटा-प्राइवेसी पर लोगों का ध्यान केंद्रित है और ये एप उपयोगकर्ताओं को उनकी जानकारी का पूरा नियंत्रण देता है।”
JioBrowser को पहली बार 2018 में लॉन्च किया गया था और अब तक इसके 10 मिलियन डाउनलोड हो चुके हैं। सरकार द्वारा अलीबाबा के यूसी ब्राउज़र पर प्रतिबंध लगाने के बाद इसके डाउनलोड की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसमें डेटा गोपनीयता मुद्दों पर 130 मिलियन से अधिक डाउनलोड थे और Google भारत में कई मामलों में फंसा हुआ है। 15 स्टार्टअप संस्थापकों ने कंपनी के प्रतिस्पर्धी नीतियों के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से भी संपर्क किया है।
जियो के सामने इस वक्त एक प्रतिस्पर्धी कंपनी लगभग बाहर हो चुकी है तो दूसरी का वैश्विक स्तर पर विवाद जारी है। स्थिति ये है कि आज जियो ब्राउजर का इस्तेमाल गूगल क्रोम और मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स से भी ज्यादा किया जा रहा है। फेसबुक गूगल माइक्रोसॉफ्ट से करार के बावजूद रिलायंस ने अमेज़न से कॉन्ट्रैक्ट किया है जो कि पहले ही रिलायंस से डरी हुई है कि कहीं रिलायंस ई-कॉमर्स इंडस्ट्री पर अपना कब्जा न जमा ले।
अब तक ऐसा लग रहा था कि मुकेश अंबानी की रिलायंस कई घरेलू टेलीकॉम खिलाड़ियों को दिवालिया बनाने के बाद अमेज़न के कारोबार को निशाने पर ले रही थी, लेकिन अब यह स्पष्ट है कि Google के बिजनेस पर भी रिलायंस ने अपनी नजर टेढ़ी कर ली है। ऐसा लगता है कि वह रिलायंस जियो को अलीबाबा की तर्ज पर आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है जिसमें लाइव स्ट्रीमिंग से लेकर म्यूजिक क्लाउड कम्प्यूटिंग और स्टोरेज की सुविधाएं होंगी।