Quad देशों के बाद अब EU ने खोला चीन के BRI के खिलाफ मोर्चा, बाल्कन देशों में खुदेगी BRI की कब्र

BRI की बर्बादी अब तय, क्योंकि EU अब खुद इसे बर्बाद करने जा रहा है

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चीन की चिंताएँ समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। QUAD देश यानि अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया द्वारा निशाना बनाए जाने के बाद अब यूरोपीय देशों (EU) ने भी चीन को निशाना बनाना आरंभ कर दिया है जिसकी शुरुआत चीन के महत्वकांक्षी BRI को निशाना बना कर हुई।

दरअसल, QUAD देशों द्वारा BRI को निशाना बनाने के बाद अब यूरोपियन यूनियन ने BRI को अपने निशाने पर ले लिया है। BRI चीन का वही महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसके माध्यम से वह इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के बहाने छोटे देशों को बड़े-बड़े लोन देता है, और फिर उन्हें अपने कर्ज़ जाल में फंसाता है, जिसके बाद उस देश से चीन अपनी नीतियों का समर्थन करने के लिए मजबूर करता है।

SCMP की एक रिपोर्ट के अनुसार यूरोपीय संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि पश्चिमी बाल्कन देशों में चीन को EU चुनौती देगा। इसके लिए EU ने लगभग 10.5 बिलियन डॉलर की फंडिंग निर्धारित की है।

Brussels द्वारा इस नवीनतम वित्तीय प्रोत्साहन का उद्देश्य बाल्कन क्षेत्र में बढ़ते चीनी बुनियादी ढांचे के निवेश का मुकाबला करना है। डच थिंक टैंक क्लिंगनडेल इंस्टीट्यूट द्वारा बुधवार को आयोजित एक वेबिनार पर यूरोपीय संघ की राजनयिक शाखा, European External Action Service  में चीन डिवीजन के प्रमुख जोनाथन हैटवेल ने कहा, “हमें प्रस्ताव के संदर्भ में अपने नीतियों को बढ़ाने की आवश्यकता है।”

उन्होंने कहा कि अभी तक चीन बुनियादी ढांचे के लिए निवेश में अपना नैरेटिव बनाता आया है परंतु नई योजना के तहत, सार्वजनिक और निजी दोनों निवेशों के लिए वित्तपोषण की लागत और निवेशकों के लिए जोखिम को कम करने के लिए EU अगले दशक में € 20 बिलियन तक की गारंटी प्रदान करने में मदद कर सकता है।

हैटवेल ने कहा कि इस क्षेत्र में चीन का अपारदर्शी निवेश और पश्चिमी बाल्कन में अपेक्षाकृत कमजोर संस्थागत ढांचे संभावित चिंताओं को जन्म देता है। बता दें कि यूरोपीय संघ के पास स्थित, छह पश्चिमी बाल्कन देश – अल्बानिया, बोस्निया और हर्ज़ेगोविना, उत्तर मैसेडोनिया, कोसोवो, मोंटेनेग्रो और सर्बिया को  लगातार EU अपने करीब रखने की कोशिश करता है ,जिससे उनकी EU में एंट्री की संभावना बनती रहे।

बता दें कि चीन ने 16+1 Cooperation Framework और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तत्वावधान में 2010 के बाद से पश्चिमी बाल्कन के लिए 6.7 बिलियन डॉलर से अधिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए ऋण दे चुका है। उदाहरण के लिए 2010 के बाद से, सर्बिया ने कम से कम 11 इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई जो चीन द्वारा वित्तपोषित है और फिर चीनी कंपनियों को कांट्रैक्ट दे दिया गया । इसी तरह कई और देशों को भी चीन ने अपने ऋण जाल में फंसाया था।

अब EU ने बाल्कन देशों में चीन के निवेश को बाहर करने चीनी महत्वकांक्षा को बर्बाद करने का प्लान बना चुका है और 10.5 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की है। इससे पहले QUAD देशों ने भी चीन के BRI को बर्बाद करने के लिए कई कदम उठाए थे।

हाल ही में अमेरिका ने BRI के खिलाफ बहुत बड़ा कदम उठाते हुए दक्षिण चीन सागर में विवादित द्वीपों पर सैन्यकरण के काम में शामिल कुछ चीनी कंपनियों और चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। यही नहीं इन कंपनियों में चीन की मशहूर China Communications Construction Company Ltd यानि CCCC भी शामिल थी। अमेरिका ने इस कंपनी की 24 शाखाओं को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है। यह कंपनी चीन के BRI प्रोजेक्ट को दुनियाभर में आगे बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। इस कंपनी की website के मुताबिक यह कंपनी अफ्रीका, एशिया, पश्चिमी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में पिछले 20 सालों से प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।

भारत पहले ही अमेरिका के Blue Dot Network (BDN) के तहत दुनियाभर में इन्फ्रा स्ट्रक्चर विकसित करने के प्लान पर काम करने को लेकर इच्छा जता चुका है। बता दें कि BDN की औपचारिक घोषणा 4 नवंबर, 2019 को थाईलैंड के बैंकॉक में (Indo-Pacific Business Forum) में की गई थी।

इसमें अमेरिका के साथ जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसे देश शामिल हैं। यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर ध्यान देने के साथ-साथ यह विश्व स्तर पर सड़क, बंदरगाह एवं पुलों के लिये मान्यता प्राप्त मूल्यांकन और प्रमाणन प्रणाली के रूप में काम करेगा। यह एक तरह की प्रोजेक्ट रेटिंग एजेंसी होगी। इन देशों के एक्सपर्ट किसी भी संभावित प्रोजेक्ट को वैश्विक मापदंडों पर जांच कर उसे रेटिंग देंगे जिससे उस प्रोजेक्ट को वित्तिय सहायता मिलने में आसानी होगी। ऐसे में ये देश BDN के जरिये चीन के BRI को रोकने का काम करेंगे। अब QUAD देशों के बाद यूरोपियन यूनियन का इस तरह से चीन के BRI को निशाना बनाना दिखाता है कि BRI का अब कोई भविष्य नहीं रह गया है। एक तरह से देखा जाए तो BRI चीन के अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी के समान है और अगर वह बर्बाद हो जाती है तो चीन का दिया हुआ कर्ज उसी के गले की फाँस बन जाएगा।

 

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