‘Amazon ने कश्मीर को माना चीन का हिस्सा’, पहले भी कई कारनामों में संसदीय समिति से मिल चुकी है फटकार

अब सीधा संदेश- भारतीय नियम से चलो नहीं तो बाहर हो जाओ

Amazon

अमेरिकी Tech Giants आजकल भारत में बेहद गलत कारणों से चर्चा में बने हुए हैं। अभी ट्विटर द्वारा भारत के लद्दाख को “चीन का हिस्सा” बताए जाने का विवाद खत्म भी नहीं हुआ था कि अब एक अन्य अमेरिकी कंपनी Amazon पर भी भारत के राज्यों को चीन का हिस्सा बताने के आरोप लगने शुरू हो गए हैं। ट्विटर पर कई यूजर्स द्वारा पोस्ट की गयी videos में यह साफ़ सुना जा सकता है कि जब Amazon की virtual assistant “Alexa” से कश्मीर की location के बारे में पूछा जाता है, तो Alexa जवाब देती है- “चाइना”!

इसको लेकर अब Amazon विवादों में घिर चुका है और लोग इसके बहिष्कार की मांग करने लगे हैं। भुवन लूथरा नामक एक यूजर ने ट्विटर पर एक video को पोस्ट करते हुए यह बड़ा खुलासा किया। वीडियो में एक शख्स Alexa से पूछते हैं “कश्मीर किस देश का हिस्सा है?”, इसके जवाब में Alexa जवाब देती है “यह आपके उत्तर का जवाब हो सकता है- कश्मीर चीन का हिस्सा है।”

https://twitter.com/bhuvan_luthra/status/1319691145002119168?

https://twitter.com/beingmodiji_/status/1319702454699806721?s=20

 

इस मामले पर जब विवाद बढ़ा तो Amazon Help की ओर से एक बयान जारी कर एक स्पष्टीकरण दिया गया। स्पष्टीकरण में Amazon ने लिखा “यह हमारे ध्यान में लाने के लिए धन्यवाद! हम इस जानकारी को अपनी रिसर्च टीम तक पहुंचा दिया है।” इस गंभीर मामले पर Amazon को जहां भारतवासियों से माफी मांगनी चाहिए थी, ऐसे वक्त में Amazon एक स्पष्टीकरण देकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है। भारत सरकार को इस मामले पर भी जल्द से जल्द संज्ञान लेकर Amazon के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

बता दें कि यह अकेला मामला नहीं है जहां भारत सरकार और Amazon ने आपस में इस तरह सींग उलझाए हुए हैं। इससे पहले Data Security और Privacy जैसे मुद्दों पर भी भारत सरकार Amazon को कड़ी चेतावनी जारी कर चुकी है। इस मामले पर जब Data security bill से संबन्धित संसद की एक Joint Parliamentary Committee ने Amazon के साथ Twitter और गूगल को समन किया तो Amazon ने कोरोना का बहाना बनाकर JPC के सामने पेश होने से ही मना कर दिया। इस पर JPC की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने Amazon को कड़ी चेतावनी भी दी है। लेखी के बयान के मुताबिक “JPC का मानना है कि Amazon के खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई की सिफ़ारिश की जा सकती है। Amazon ने JPC के सामने पेश होने से मना कर दिया है, जो कि JPC की अवमानना माना जाएगा।”

Amazon का ये रवैया ऐसे समय में देखा जा रहा है जब भारत सरकार पहले ही चीन के साथ विवाद के चलते देश में सैकड़ों Apps पर प्रतिबंध लगा चुकी है और देश में digital privacy को बढ़ावा देने में लगी है। Amazon के इस रवैये पर एक सांसद ने बयान दिया “Amazon के पास हमारी बात मानने के अलावा कोई विकल्प है ही नहीं। संसद के नियमों के मुताबिक अगर किसी entity को समन किया जाता है तो उसे JPC के सामने पेश होना ही होगा।”

किसी भी व्यापार में सरकार का हस्तक्षेप व्यापार की सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है, लेकिन भारत में अमेज़न लगातार अपनी हरकतों से सरकार को हस्तक्षेप करने का न्यौता दे रही है। अमेज़न भारत में नंबर वन ई-कॉमर्स कंपनी है और अपने तथाकथित festive season sale event में फ्लिपकार्ट के साथ मिलकर अमेज़न कुल 3.5 बिलियन डॉलर का व्यापार कर चुकी है। Amazon कतई नहीं चाहेगी कि ऐसी स्थिति में भारत सरकार उसके खिलाफ कोई बड़ा एक्शन लेकर उसकी भविष्य की योजनाओं पर पानी फेर दे। अगर यहाँ Amazon को कुछ समय के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है तो भारत के बेहद ही competitive मार्केट में आने वाले Jiomart जैसे नए प्लेयर्स को बड़ा फायदा पहुँच सकता है। ऐसे में अमेज़न बिलकुल नहीं चाहेगा कि उसके market share का बड़ा हिस्सा फ्लिपकार्ट या Jiomart जैसी बड़ी कंपनी खा जाएँ! अमेज़न को अपने आगामी फैसले बड़ी गंभीरता के साथ सोच-समझकर लेना पड़ेंगे।

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