Army से ज्यादा आम लोगो तक पहुंचने वाली Canteen की ‘सस्ती इंपोर्टेड शराब’ की बिक्री होगी बंद

अब कैंटीन में सिर्फ देशी चीजों की बिक्री होंगी..

Canteen

आत्मनिर्भर अभियान के तहत अब रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली सरकारी कंपनी “Canteen Stores Department” ने देशभर के अपने करीब 5 हज़ार स्टोर्स पर विदेशी ब्राण्ड्स के उत्पादों को नहीं बेचने का फैसला लिया है। इस प्रतिबंध के बाद Stores में विदेशी Scotch शराब और Smartphones की किल्लत होना तय है, जो कि Stores में सबसे ज़्यादा लोकप्रिय होते हैं। Army Canteens में इन उत्पादों को बहुत ही कम कीमत में बेचा जाता है क्योंकि इनपर कोई Tax या Import duty नहीं लगाई जाती है।

यह भी देखने में आता है कि सेना से जुड़े लोग इन Canteens से Duty free उत्पाद खरीदकर अपने परिवार वालों और दोस्तों को भी उन्हे मुहैया कराते हैं, जिसके कारण भारत सरकार को रिवेन्यू के मामले में नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में भारत सरकार के इस फैसले से CSD को शराब सप्लाई करने वाली विदेशी कंपनियों को बड़ा नुकसान होना तय है। उद्योग से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक “Army Canteens में बेची जाने वाली शराब का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा बाहरी लोगों के लिए ही खरीदा जाता है।”

देशभर के “Canteen Stores Department” का सालाना रेवेन्यू 20 हज़ार करोड़ रुपये होता है और यहाँ बेचे जाने वाले कुल 5500 items में से करीब 420 items विदेशी ब्राण्ड्स से जुड़े होते हैं। अब जब CSD के माध्यम से इन उत्पादों की बिक्री में कमी आएगी, तो सरकार को revenue के मामले में फायदा होना तय है!

इतना ही नहीं, सरकार के इस कदम का भारतीय कंपनियों को भी बड़ा फायदा पहुंचेगा! विदेशी ब्राण्ड्स की शराब सस्ती दरों पर उपलब्ध ना होने के कारण अब लोग भारत में बनी शराब खरीदना पसंद करेंगे और इससे देशी कंपनियों की शराब की बिक्री बढ़नी तय है। यानि अब तक जो पैसा यूरोप और ब्रिटिश कंपनियों की जेब में जा रहा था, वो अब देश की कंपनियों के पास आएगा।

बता दें कि CSD अपने कई सारे उत्पाद चीन से भी मंगाता है। उदाहरण के लिए handbags, Toilet Brushes, sandwich Toasters और बिजली से चलने वाली केतली चीन से ही इम्पोर्ट की जाती है। ऐसे में CSD के इस फैसले से एक साथ दो निशाने साधे जा रहे हैं। इससे ना सिर्फ भारत को Revenue के मामले में फायदा होगा, बल्कि इससे देश में चीनी उत्पादों की खपत भी कम होगी।

Capital Expenditure देश की जेब पर बहुत भारी पड़ता है और इसमें GDP के एक तिहाई हिस्से के बराबर खर्च होता है। अगर सरकार विदेशी उत्पादों की बिक्री को हतोत्साहित करती है, और विदेशी कंपनियों को contracts नहीं देती है तो आत्मनिर्भर भारत अभियान को इससे बड़ा फायदा पहुंचेगा!

चीन को नुकसान पहुंचाने का इससे बढ़िया तरीका क्या हो सकता है? सरकार ऐसे कदम उठा रही है, जो एक ही समय चीन को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं और जो भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान भी कर रहे हैं। इस प्रकार Boycott China मुहिम में अब भारत सरकार भी शामिल हो रही है। भारत सरकार की सक्रिय भागीदारी से आम लोगों को भी चीनी उत्पाद का बहिष्कार करने की प्रेरणा मिलेगी जो भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूती प्रदान करेगा!

Exit mobile version