TRP मुद्दे पर अर्नब गोस्वामी Vs पूरा मीडिया गैंग: अर्नब ने सभी को बर्बाद कर दिया

सौ सुनार की तो एक लोहार की..

अर्नब

देश की जनता बॉलीवुड के ड्रग्स कनेक्शन और हाथरस की लीपापोती से किसी तरह आगे बढ़ी ही थी कि एक और मुद्दे ने अब सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी। हाल ही में मुंबई पुलिस के कमिश्नर ने एक विशेष कॉन्फ्रेंस में रिपब्लिक चैनल पर टीआरपी रेटिंग्स में धांधली करने का आरोप लगाया, और मुंबई पुलिस की आड़ में इंडिया टुडे ने लिबरल मीडिया का प्रतिनिधित्व करते हुए रिपब्लिक पर कीचड़ उछालना शुरू किया। लेकिन शायद लिबरल मीडिया ये भूल गई थी कि वे अर्नब गोस्वामी से भिड़ रहे हैं, जो ऐसे मौकों को ज्वलनशील मुद्दा बनाने का अवसर अपने हाथ से बिलकुल नहीं जाने देता।

बता दें कि अभी कुछ ही दिन पहले मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह ने एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, जिसमें न्यूज़ चैनल्स द्वारा BARC की टीआरपी रेटिंग्स में धांधली का आरोप लगाया। उनके अनुसार, इस गोरखधंधे में लिप्त चैनल कुछ घरों को विशेष तौर पर इस बात की घूस देते थे कि यदि वे घर पे न हो, तब भी टीवी चैनल ऑन रहे, ताकि उनके चैनल की रेटिंग्स बढ़ती रहे। इस प्रकरण में परमबीर सिंह ने स्पष्ट तौर पर रिपब्लिक टीवी एवं दो अन्य चैनल पर इस गोरखधंधे में शामिल होने का आरोप लगाया और इस परिप्रेक्ष्य में अर्नब गोस्वामी और प्रदीप भण्डारी को समन भी किया।

फिर क्या था, प्यासे को मानो पानी मिल गया और रिपब्लिक की प्रतिद्वंदी इंडिया टुडे ने रिपब्लिक को निशाना बनाना शुरू कर दिया। बता दें कि टीआरपी के मामले में दोनों चैनलो में बड़ी प्रतिस्पर्धा है, चाहे हिन्दी हो या अंग्रेज़ी। इसके अलावा सुशांत सिंह राजपूत की संदेहास्पद मृत्यु के विषय पर भी दोनों चैनल के बीच मीडिया कवरेज को लेकर तनातनी हुई है, जिसमें अधिकतर रिपब्लिक ने ही बाज़ी मारी है। ऐसे में इंडिया टुडे को मानो रिपब्लिक से बदला लेने का सुनहरा अवसर मिल गया, और उन्होंने रिपब्लिक का उपहास उड़ाना भी शुरू कर दिया –

इतना ही नहीं, राहुल कंवल और राजदीप सरदेसाई ने निजी तौर पर रिपब्लिक की बेइज्जती करने को अपना मिशन बना लिया। वहीं दूसरी तरफ एनडीटीवी और टाइम्स नाऊ भी रिपब्लिक को अपमानित करने की मुहिम में कैसे पीछे रहते, लिहाजा उन्होंने भी बहती गंगा में हाथ धोते हुए रिपब्लिक की खिल्ली उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

लेकिन अपने अतिउत्साह में मुंबई पुलिस के वर्तमान कमिश्नर और लिबरल मीडिया दोनों ही भूल गए कि वे किसे चुनौती दे रहे हैं। जब से अर्नब गोस्वामी पर महाराष्ट्र सरकार के वर्तमान प्रशासन के दबाव में मुंबई पुलिस ने अर्नब गोस्वामी के विरुद्ध झूठे मुकदमे दर्ज कराये थे, तभी से अर्णब ने मुंबई पुलिस और वामपंथी मीडिया को आड़े हाथों लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

सर्वप्रथम तो मुंबई पुलिस के वर्तमान कमिश्नर को चुनौती देते हुए रिपब्लिक ने अर्नब के हवाले से बयान जारी किया, “मुंबई पुलिस के वर्तमान कमिश्नर परमबीर सिंह ने हमारे विरुद्ध झूठे मामले दर्ज कराये हैं, क्योंकि हमने उन्हें सुशांत सिंह राजपूत के मामले में ढीला-ढाला रवैया बरतने के लिए आड़े हाथों लेने का साहस किया है। रिपब्लिक मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दायर करेगी। बार्क के रिपोर्ट में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि टीआरपी के लिए रिपब्लिक ने धांधली की है। परमबीर सिंह पूरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं, क्योंकि BARC ने रिपब्लिक के बारे में अपनी रिपोर्ट में कुछ भी नहीं लिखा है। या तो परमबीर को हमें लिखित में माफीनामा सौंपना चाहेंगे नहीं तो उन्हें अदालत में हमारा सामना करने की लिए तैयार होना चाहिए”  –

लेकिन अर्नब गोस्वामी केवल वहीं पर नहीं रुके। उन्होंने इंडिया टुडे को भी आड़े हाथों लेते हुए उस एफ़आईआर पर भी प्रकाश डाला, जिसके अनुसार परमबीर सिंह ने रिपब्लिक को टीआरपी में धांधली करने का आरोप लगाया था। एफ़आईआर के अंग्रेज़ी, मराठी और हिन्दी संस्करणों की प्रतियाँ साझा करते हुए रिपब्लिक ने इंडिया टुडे पर दुर्भावना के अंतर्गत रिपब्लिक को बदनाम करने का आरोप लगाया, और साथ साथ ही ये भी बताया कि एफ़आईआर में रिपब्लिक का नहीं, बल्कि इंडिया टुडे का नाम आया है ।

परमबीर सिंह के आरोपों में कितनी सच्चाई है, ये तो जांच पड़ताल के बाद ही पता चलेगा, लेकिन इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि परमबीर सिंह के आरोपों के बल पर इंडिया टुडे और अन्य चैनलों ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया है।

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