डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि क्यों वह अमेरिका के राष्ट्रपति के सबसे उत्तर उम्मीदवार हैं। पहले तो उन्होंने चीन को सबक सिखाया और अब वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में एक बड़ी जीत हासिल करने जा रहे हैं। इसका कारण है उनका नया वीडियो संदेश। हालांकि, उन्हें भी कोरोना हो चुका है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अब भी डटे हैं। उनके वीडियो संदेश को देखकर यह स्पष्ट हो जाएगा कि वह वास्तव में वो कितने साहसी हैं। इससे ना सिर्फ उनके वोट में भारी इजाफा होने वाला है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उनकी लोकप्रियता कई गुना बढ़ने वाली है।
उन्होंने अपने वीडियो संदेश में अमेरिकियों को संबोधित करते हुए कहा कि, “COVID-19 को अपने ऊपर हावी ना होने दें। उससे डरने के बजाय इसका सामना करने पर आप इसे हरा सकते हैं।”
चुनाव प्रचार से व्हाइट हाउस लौटने के बाद वीडियो संदेश में वह स्वस्थ दिखाई दे रहे थे। वह एक मजबूत इरादों वाले अमेरिकी राष्ट्रपति की तरह दिख रहे थे जो चीन से आए कोरोना को हराने के बाद और भी अधिक दृढ़ हो चुके हैं।
चीनी वायरस अमेरिका सहित सभी देशों के लिए एक चुनौती है, लेकिन ट्रम्प का संदेश स्पष्ट है- वह बीमारी के कारण अपने कदम पीछे नहीं खींचेंगे। उन्होंने कहा, “हम दुनिया के सबसे महान देश हैं और हमें नेतृत्व करना है और एक नेता के रूप में मुझे ऐसा करना पड़ा।”
ट्रम्प ने अपने वीडियो संदेश में कोई आसमानी बाते नहीं की, बल्कि वही बाते कहीं जो वह कोरोना के शुरू होने पर कहते आए हैं कि सावधान रहे लेकिन बीमारी से डरने की आवश्यकता नहीं है।
वह अपने देशवासियों के लिए उसी सलाह पर कायम रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। अपने वीडियो संदेश में, ट्रम्प ने कहा, “सावधान रहे। हमारे पास दुनिया की सबसे अच्छी दवाइयाँ हैं, और वे सभी बहुत जल्द उपलब्ध हो जाएंगी और वैक्सीन भी जल्द ही आ रही हैं।”
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) October 5, 2020
बहुत से लोगों ने उम्मीद नहीं की होगी कि ट्रम्प COVID-19 से पीड़ित होने के बाद भी पहले की तुलना में मजबूत दिखेंगे। कई लोगों ने सोचा होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी बीमारी को छिपाने या उसे कम करने की कोशिश करेंगे। वास्तव में, अमेरिकी राष्ट्रपतियों में दो अमेरिकी युद्धकालीन राष्ट्रपतियों- थॉमस वुडरो विल्सन, जो स्पैनिश इन्फ्लूएंजा से संक्रमित हो गए थे, और फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने भी अपनी बीमारियों को छुपाया था। यानी ट्रंप से पहले अपने आप को मजबूत दिखाने के लिए अपनी बीमारियों को छिपाने का इतिहास रहा है लेकिन यहां ट्रंप ने अपनी बीमारी को ही अपनी ताकत बना ली है और अन्य अमेरिकियों को प्रेरित कर रहे है।
अन्य लोगों ने सोचा होगा कि ट्रम्प विक्टिम कार्ड खेलेंगे परन्तु ऐसा नहीं हुआ, वह अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटे। उन्होंने न तो अपनी बीमारी को छिपाया, न ही उन्होंने अपनी बीमारी का बहाना बना कर विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश की।
अमेरिकी राष्ट्रपति अपने देशवासियों के लिए एक मिसाल कायम करते हुए नए जोश के साथ वापस आए हैं। अब, वह दोगुने जोश के साथ चीन से महामारी फैलाने का बदला लेने की योजना पर काम करेंगे।
जिस तरह से उन्होंने चीनी वायरस को हराया, उससे ट्रम्प बहुत सारे प्रशंसकों को जीतने वाले हैं। हालांकि, उनके पास पहले से ही उनके चाहने वाले अधिक थे, लेकिन जिस तरह से ट्रम्प ने प्रभावशाली वापसी की है उससे उनका कद और ऊंचा हो चुका है। इसके साथ ही वह चुनावों में भारी बहुमत प्राप्त कर एक बार फिर से चीन को मात देने के बाद राष्ट्रपति पद संभाल सकते हैं।