बाइडेन और चीन की मिलीभगत का सबसे बड़ा सबूत; जब पेन्स बोलने लगे तो चीन ने CNN की तार ही काट दी

चीन ट्रम्प के खौफ से उबर ही नहीं पा रहा..

चीन

चीन द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर प्रभाव डालने की योजनाओं से इस समय कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। सबको ज्ञात है कि किस प्रकार से चीन अपने हितों के प्रतिकूल काम करने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को हटाकर डेमोक्रेटिक उम्मीदवार एवं पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन को अमेरिका की सत्ता संभालते देखना चाहता है।

हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिकी उपराष्ट्रपति के वाद-विवाद के दौरान जैसे ही अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेन्स चीन की आलोचना करने लगे, चीन में सीएनएन के प्रसारण में कई बार रुकावट आने लगी। हालांकि, जब उपराष्ट्रपति के पद के लिए डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस बोलने के लिए सामने आई, तो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, और उनके भाषण का प्रसारण बिना रुकावट के किया गया।

ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के अनुसार चीन पर जब भी माइक पेन्स व्याख्यान दे रहे थे, तो सीएनएन पर प्रसारण रोककर इस संदेश के साथ एक तस्वीर आ रही थी “no signal – please stand by”। प्रसारण पुनः तभी प्रारम्भ हुआ जब माइक पेन्स किसी अन्य विषय पर बोलने लगे। इसी विषय पर आगे बात करते हुए ग्लोब एंड मेल के रिपोर्टर नाथन वैंडरक्लिप ने ट्वीट किया, “इस रुकावट ने चीन में उन्ही लोगों पर असर डाला, जिनके घर में सीएनएन का प्रसारण होता है।” जब चीन के बारे में कोई सवाल पूछा जाता है, तो ऐसी सेंसरशिप का क्या अर्थ है?”

परंतु ऐसा भी क्या बोला था माइक पेन्स ने, जिसके कारण चीन इतना घबरा गया? दरअसल, अपने व्याख्यान में माइक पेन्स ने चीन को पटक-पटक के धोया था। उनके अनुसार, “चीन वुहान वायरस फैलाने के लिए पूर्णतया दोषी है, और राष्ट्रपति ट्रम्प इसे हल्के में नहीं लेने वाले हैं। चीन का डटकर सामना किया है। हम संबंध नहीं बिगाड़ना चाहते, परंतु हम किसी की मनमानी भी नहीं चलने देंगे, और वुहान वायरस के कारण अमेरिका का जो नुकसान हुआ है, उसके लिए चीन को भरपाई भी करनी ही होगी।”

लेकिन दिलचस्प बात तो यह है कि जब ट्रम्प की चीन नीति की कमला हैरिस आलोचना कर रही थी, तब किसी प्रकार की कोई रुकावट नहीं थी। इसी पर वैंडरक्लिप ने कहा, “जब कमला हैरिस से यही सवाल पूछा गया, तब वीडियो फीड अचानक से वापिस आ गया। कमला ने ट्रम्प की नीतियों की न केवल आलोचना की, बल्कि उन्हें शी जिनपिंग से कम लोकप्रिय बताया, जिनके नाम का उच्चारण भी वह ढंग से नहीं कर पा रही थी।’’

China भली-भांति जानता है कि यदि ट्रम्प दोबारा सत्ता में आया, तो वह इस बार China को बिलकुल भी नहीं छोड़ेगा। इस समय China के विरुद्ध अमेरिका में ज़बरदस्त आक्रोश है, लेकिन जो बाइडेन और डेमोक्रेट पार्टी इस जनविरोधी लहर को जानबूझकर अनदेखा कर रहे हैं।

वुहान वायरस के लिए जिस तरह से डेमोक्रेट आश्चर्यजनक रूप से ट्रम्प को दोषी ठहराने का प्रयास कर रहे हैं, उससे साफ झलकता है कि वे वास्तव में किसके प्रति वफादार हैं। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि चुनाव के ठीक पहले डेमोक्रेट्स का चीन प्रेम जगजाहिर हो रहा है, जो बाइडेन और उनके समर्थकों के लिए बिलकुल भी शुभ संकेत नहीं है।

 

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