“गो नियाज़ी, गो” – पाकिस्तानी सांसदों ने इमरान खान को संसद से बाहर जाने को मजबूर कर दिया

इमरान खान

PC: India TV

पाकिस्तान में राजनीतिक हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं और ऐसा लग रहा है कि अब इमरान खान के पास इस्तीफे के सिवा कोई चारा नहीं है। कल पाकिस्तान के संसद में विपक्षी नेताओं ने इमरान खान तो तार-तार करते हुए खूब विरोध किया और गो नियाजी गो नाम के नारे लगाए।

दरअसल, शनिवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने विपक्षी सदस्यों ने शुरू से आखिर तक हंगामा किया। कार्यवाही की शुरुआत के साथ विपक्ष ने सरकार विरोधी नारेबाजी लगाए। सदन की कार्यवाही के दौरान ही विपक्षी नेताओं के “गो नियाज़ी, गो नियाज़ी- मुक गिया तेरा शो नियाज़ी” के नारों से गूंज उठा। प्रश्नकाल सत्र को भी अनदेखा करते हुए, विपक्षी सदस्य नारे लगाने के लिए स्पीकर के मंच के पास इकट्ठा हो गए और लगातार नारे लगाते रहे जब तक वे संसद से बाहर नहीं चले गए।

इमरान खान नियाजी लंबे समय से अपने नाम के पीछे नियाजी नहीं लगाते हैं। उसका कारण पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाजी है।

बता दें कि नियाजी इमरान का उपनाम है पर वो नहीं लगाते। इमरान के नाम से जुड़ा “नियाजी” उपनाम पाकिस्तानियों को 1971 के युद्ध में भारत के हाथों शर्मनाक हार को याद दिलाती है, जब पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर, लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने 16 दिसंबर, 1971 को अपने हथियार डाल दिए थे जिसके बाद उन्हें बंदी बना लिया गया था।

लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी बांग्लादेश युद्ध के खलनायक माने जाते हैं क्योंकि पाकिस्तानियों को भारतीय सेना के सामने नियाजी द्वारा हजारों पाकिस्तानी सैनिकों के सरेंडर करना आज भी खलता है।

इसलिए जब भी इमरान खान को शर्मसार करना होता या उनका विरोध करना होता तो लोग अक्सर उन्हें नियाजी नाम से संबोधित करते हैं। कुछ दिनों पहले जब पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र भारत के खिलाफ एजेंडा फैलाने की कोशिश की थी तब भारतीय विदेश सचिव विदिशा मैत्रा ने जवाब देते समय इमरान खान नियाजी कह कर उन्हें उनकी औकात बताई थी।

यही नहीं कई बार पाकिस्तान में इमरान खान के खिलाफ गो बैक नियाजी के नारे लग चुके हैं। पिछले दिनों मुजफ्फराबाद में ही कश्मीर के समर्थन में आयोजित इमरान खान के जलसा के ठीक पहले बड़ी संख्या में भीड़ ने ‘गो नियाजी गो बैक’ के नारे लगाए थे। जब राष्ट्रपति आरिफ अल्वी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे, विपक्षी दल के सदस्य इमरान को निशाना बनाकर ‘गो नियाजी गो’ के नारे लगाने लगे।

इमरान खान के सितारे इस समय गर्दिश में चल रहे हैं। एक तरफ विपक्ष की सभी पार्टियां एक होकर इमरान खान की सरकार के खिलाफ लामबंद हो चुकी हैं तो वहीं, देश में उनकी समाप्त होती लोकप्रियता के बाद अब सेना भी उन्हें पीएम पद से हटाने को सोच रही होगी। यह बात अब इमरान खान को भी समझ आ रही होगी क्योंकि कुछ दिनों पहले ही इमरान खान ने यह बयान दिया था कि, “अगर कारगिल युद्ध के दौरान मैं प्रधानमंत्री रहता और सेना मुझसे पूछे बिना युद्ध शुरू कर देती तो मैं तत्कालीन सेना प्रमुख को बर्खास्त कर देता।“ सिर्फ सेना ही नहीं बल्कि उन्होंने ISI प्रमुख को भी हटा देने की बात कही थी।

अब तो पूरा पाकिस्तान इमरान खान की सरकार और सेना के खिलाफ दिखाई दे रहा है। जमीयत-उलेमा इस्लाम (एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान, के नेतृत्व में 11 पार्टियों के संगठन से बना पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) शुक्रवार को अपनी पहली जनसभा के तौर पर लाहौर से गुजरानला तक रैली हुई थी।

तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री, नवाज शरीफ ने भी लंदन से सार्वजनिक भाषण दिया। उसमें उन्होंने सेना पर उनकी सरकार को गिराने और 2018 में चुनावों के दौरान इमरान खान की मदद कर उन्हें पीएम बनाने का आरोप लगाया।

भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने वाले पूर्व नेता ने लंदन से वीडियोकॉलिंग के माध्यम से भाषण देते हुए कहा: “क्या मुझे इमरान खान को इस तबाही, बेरोजगारी और महंगाई के लिए दोषी ठहराना चाहिए या उन्हें सत्ता में लाने वाले लोगों को? किसने आपका वोट चुराया और आपके वोटों की हेराफेरी की? इस सरकार को किसने चुना? ”

शरीफ ने सेना के हस्तक्षेप को “स्टेट से ऊपर भी एक स्टेट है” बताते हुए सेना पर लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया।

इसके अलावा उनकी बेटी मरियम नवाज़ शरीफ भी देश में रहकर ही पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मुहिम को बल देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। इस मुहिम में बिलावल भुट्टो भी पुरजोर तरीके से पाकिस्तानी सेना के खिलाफ खड़े दिखाई दे रहे हैं, जिनका मानना है कि पाकिस्तानी सेना को राजनीति से दूर ही रहना चाहिए। आज पाकिस्तान चौतरफा मुश्किलों से घिरा हुआ है।

जिस तरह से सेना और सरकार के खिलाफ 11 पार्टियों ने मोर्चा खोला है उससे अब पाकिस्तान की इमरान सरकार और सेना दोनों के लिए मुसीबत बढ़ती जा रही है। यह पहली बार है जब इस तरह से पूरा विपक्ष पीएम को हटाने के लिए एकजुट हुआ है। विपक्षी पार्टियों का मुद्दा इमरान खान को पीएम पद से हटाना है लेकिन उनका निशाना सेना है जो सरकार की सभी संस्थानों पर कब्जा कर बैठी है। वे चाहते हैं कि पाकिस्तानी सेना पावर स्ट्रक्चर से दूर रहे और सरकार में किसी प्रकार से हस्तक्षेप न करे। अब देखना ये है कि सेना एक बार फिर से अपनी ताकत बचाए रखने के लिए और जनता को खुश करने के लिए इमरान खान के स्थान पर किसी अन्य कठपुतली पीएम को बैठाती है या Pakistan Democratic Movement यानि PDM अपने मुहिम में सफल हो जाती है और सेना को लोकतन्त्र के सामने हथियार डालने पर मौजूर होती है।

 

Exit mobile version