अमेरिका, UK की ठोकर खाने के बाद अब Hong-Kong भारत से सहायता मांग रहा है

क्योंकि सब बस बोलते हैं, वो भारत है जो करके दिखाता है

Hong-Kong

हाल ही में Hong-Kong में एक विचित्र नज़ारा देखने को मिला। चीन द्वारा थोपे गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में एक प्रदर्शनकारी ने सभी को चौंकाते हुए भारतीय तिरंगा लहराया। जब उससे पूछा गया कि उसने ऐसा क्यों किया, तो उसने जो कहा उसका भाव कुछ यही था कि इस समय भारत भी चीन का मुक़ाबला कर रहा है, ऐसे में वो भी हमारा दोस्त ही है।

पत्रकार लॉरेल चॉर हाल ही में Hong-Kong के विरोध प्रदर्शनों को कवर कर रही थी। इस दौरान उन्होंने कई घटनाओं को कवर किया, जिनमें से एक ये भी था। अपने ट्वीट के अनुसार, लॉरेल बताती है, “आप भारतीय ध्वज क्यों लहरा रहे हैं? वह [प्रदर्शनकारी] कहता है, ‘भारत चीन से लड़ रहा है, इसलिए वह मेरा दोस्त है”। अब अपने सिर के ऊपर से वह तिरंगे को लहराते हुए चिल्ला रहा है, ‘भारत का साथ दो!’, और पूरी भीड़ उसका अभिवादन करती है। ”

 

इस घटना ने बिना कहे एक गहरा संदेश हम सबके लिए दिया है। जिस प्रकार से Hong-Kong में भारतीयों के लिए समर्थन उमड़ रहा है, उससे यह संदेश स्पष्ट जा रहा है कि इस समय हाँग-काँग की दृष्टि में भारत ही एक ऐसा देश है, जो चीन को हर प्रकार से चुनौती देने में सक्षम है। भारत ने इस वर्ष अपने प्रोटोकॉल में बदलाव लाते हुए यूएन मानवाधिकार परिषद में पहली बार हाँग-काँग में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन, विशेषकर चीन द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के थोपे जाने पर अपनी चिंता भी जताई। इसीलिए अब हाँग-काँग की दृष्टि में भारत वह संकटमोचक है, जो चीन के अत्याचार से उन्हें बचा सकता है।

दरअसल, इससे पहले Hong-Kong में लोकतान्त्रिक अभियानों के पक्ष में अमेरिका और ब्रिटेन ने अपनी आवाज़ उठाई थी, जिनके समर्थन में हाँग-काँग ने दोनों देशों के झंडे भी लहराये। लेकिन जब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून हाँग-काँग पर थोपा था, तो न अमेरिका मदद के लिए आगे आया और न ही ब्रिटेन। इसकी तुलना में भारत ने चीन के विरुद्ध हर मोर्चे पर एक्शन लिया है, और ऐसे में हाँग-काँग के निवासियों को आशा है कि समय आने पर भारत उनकी सहायता अवश्य करेगा।

Hong-Kong अपने दृष्टिकोण में गलत भी नहीं है, क्योंकि जब से चीन के विरुद्ध भारत ने मोर्चा संभाला है, तो भारत की दृढ़ता और चीन से जूझने की तत्परता ने कई देशों को चीन के विरुद्ध मोर्चा खोलने के लिए प्रेरित भी किया है। भारत की देखा देखी वियतनाम सहित सम्पूर्ण ASEAN समूह और Oceania द्वीप समूह ने भी चीन के विरुद्ध आक्रामक रुख अपनाना शुरू कर दिया है। ऐसे में Hong-Kong के नागरिकों द्वारा भारत के समर्थन में तिरंगा लहराना नए भारत के बढ़ते प्रभाव का प्रत्यक्ष उदाहरण है।

 

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