भारत में COVID का ग्राफ नीचे जा रहा, पर महाराष्ट्र के कारण इसमें देरी हो रही है

महाराष्ट्र अकेला ही काफी है, देश की मुसीबत बढ़ाने में

कोरोना वायरस

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर भारत के लिए अब राहत की ख़बर है। दिन-प्रतिदिन एक्टिव केस में गिरावट के साथ ही मृत्यु दर कम हो रही है। वहीं, टेस्टिंग बढ़ने के बावजूद नए मामलों की रफ्तार भी धीमी पड़ गई है, जिसके चलते अब कोरोना का ग्राफ नीचे आ रहा है। एक तरफ जहां पूरे देश से यही संकेत आ रहे  हैं, तो दूसरी ओर महाराष्ट्र में हालात अब भी बेकाबू हैं। यूपी और बिहार जैसे राज्य भी महाराष्ट्र से आगे हैं जो यह  साबित करता है कि देश में घटते कोरोना वायरस के कहर के बावजूद महाराष्ट्र इसे रोकने में नाकाम रहा है।

कम हुआ है ग्राफ

पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना की रफ्तार को थामने में भारत सफल रहा है। नतीजा यह है कि देश में हर दिन बढ़ने वाले केसों की अपेक्षा, ठीक होने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। लगातार बढ़ रही टेस्टिंग के बाद जहां पॉज़िटिव रेट औसतन 6.7 प्रतिशत पर आ गया है तो वहीं, 3 प्रतिशत तक पहुंच चुकी मृत्यु दर अब 1.52 प्रतिशत पर आ गई है। इसके अलावा एक्टिव केस बहुत तेज़ी से कम हो रहे हैं जो दिखाता है कि देश अब धीरे-धीरे कोरोना वायरस से जंग जीतने की राह पर आगे बढ़ रहा है। देश में अब तक 62 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की इस लड़ाई को हराकर घर जा चुके हैं तो वहीं, एक्टिव केसों में अधिकतर प्रथामिक स्तर के मरीज हैं।

महाराष्ट्र के हाल-बेहाल

एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना वायरस की लड़ाई जीतने की राह पर है तो देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य महाराष्ट्र इसके बिल्कुल विपरीत चला जा रहा है। पूरे देश के कुल कोरोना मरीजो में सबसे ज्यादा 25 प्रतिशत मरीज केवल महाराष्ट्र से ही हैं। देशभर में इस वुहान वायरस से लगभग 1,10,586 लोगों की मौत हुई है तो वहीं इसमें अकेले महाराष्ट्र के ही 41 हजार लोग जीवन खो चुके हैं।

महाराष्ट्र में टेस्टिंग भी सबसे कम की जा रही है। राष्ट्रीय औसत से भी देखें तो महाराष्ट्र में प्रति 1 मिलियन पर 61 हजार टेस्ट हो रहे हैं जबकिदेश भर में, प्रति मिलियन पर लगभग 64,000 टेस्ट हो रहे हैं। गौरतलब है कि हाल के दिनों में महाराष्ट्र में टेस्टिंग की रफ़्तार बढ़ी है जबकि इससे पहले यह और भी कम थी। वहीं महाराष्ट्र में मृत्यु दर 2.67 प्रतिशत है जो कि राष्ट्रीय आंकड़े से 50 प्रतिशत ज्यादा है।

यूपी – बिहार से भी पीछे महाराष्ट्र

गौरतलब है कि महाराष्ट्र की अपेक्षा उत्तर प्रदेश और बिहार में उससे बेहतर स्थिति है, जहां महाराष्ट्र से ज़्यादा टेस्टिंग हो रही हैं। यूपी में मृत्यु दर 1.47 और बिहार में 0.48 प्रतिशत है जो कि महाराष्ट्र के 2.67 से बहुत कम है। वहीं, महाराष्ट्र का पॉजिटिविटी रेट 19.94 प्रतिशत है जबकि यूपी का 3.6 और बिहार का 3.32 है। इन आंकड़ों पर ही गौर किया जाए तो साबित होता है कि यूपी, बिहार की तुलना में महाराष्ट्र कहीं नहीं टिकता है और इसीलिए वो सबसे निचले पायदान पर है।

भारत ने यकीनन कोरोना वायरस के ग्राफ को नीचे लाने में कामयाबी पाई है। परंतु इस लड़ाई में महाराष्ट्र देश का साथ छोड़ता दिख रहा है जो कि एक चिंताजनक बात है। आने वाले त्योहारी मौसम में जब लोग ठंड में इस बीमारी को लेकर लापरवाही बरतेंगे तो यह और अधिक मुसीबत बन सकता है। इसलिए लोगों को मास्क के प्रयोग से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग तक के नियमों का पालन करना होगा। वहीं, महाराष्ट्र के चिंताजनक हालातों को लेकर वहां की सरकार को ज़रूरी कदम उठाने होंगे, क्योंकि यह वक्त सबसे महत्वपूर्ण है।

 

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