अब वक्त आ गया है कि खुदरा व्यापार की ज़िम्मेदारी वाणिज्य मंत्रालय संभाले

राष्ट्रवादी संस्था CAIT ने सरकार को लिखी चिट्ठी

वाणिज्य

Confederation of All India Traders यानि CAIT ने अब वाणिज्य मंत्रालय को एक पत्र लिखकर इस बात की मांग की है कि direct selling को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन लाया जाये। पत्र में CAIT ने लिखा है कि “direct selling एक व्यापार है, इस दृष्टि से इसे उपभोक्ता मंत्रालय के अंतर्गत रखना न्यायोचित नहीं है। इस व्यापार को वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत लाना ही उचित होगा”।

अभी direct selling उपभोक्ता मंत्रालय के अधीन है, जबकि अन्य सभी तरह का व्यापार (अंदरूनी एवं बाहरी) वाणिज्य मंत्रालय के अधीन ही आता है। Direct Selling आमतौर पर MSME यूनिट्स के बीच की जाती है और इसका देश के अंदरूनी व्यापार में सबसे बड़ा योगदान होता है, इसके बावजूद इसे उपभोक्ता मंत्रालय के अंतर्गत रखा गया है, जो बिलकुल भी तर्कसंगत नहीं है।

देश में व्यापार के लिए जब अलग से एक मंत्रालय पहले से ही है, तो भला Direct Selling के लिए हमें एक अलग मंत्रालय में एक अलग विभाग बनाने की क्या आवश्यकता है? इसीलिए अब CAIT ने अपनी इस मांग को उठाया है। Direct Selling भारत की अंदरूनी supply chain का एक बेहद अहम हिस्सा है, और ऐसे में अगर देश के व्यापारियों और विक्रेताओं को कोई समस्या पेश आती है, तो उन्हें एक अलग ही मंत्रालय से संपर्क साधना पड़ता है।

CAIT एक राष्ट्रवादी और राष्ट्र के हितों को सर्वोच्च स्थान देने वाली संस्था है, जिसने भारत-चीन विवाद के दौरान चीन को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है। CAIT के करीब 4 हज़ार व्यापारियों ने एकमुश्त चीनी सामान का बहिष्कार कर दिसंबर 2021 तक चीन को 13 बिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। CAIT ने 3 हज़ार ऐसे items की लिस्ट भी बना ली है, जिन्हें अब चीन से नहीं, बल्कि भारत के अंदर से ही या फिर अन्य किसी बाज़ार से खरीदा जाएगा।

भारत में चीन विरोधी अभियान की अगुवाई इसी संगठन ने की है। Boycott China मुहिम को सफल बनाते हुए CAIT ने ही इस वर्ष रक्षा बंधन और गणेश चतुर्थी को चाइना-फ्री करने में अपनी सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी। अब दोबारा भारत में त्योहारों का मौसम आने वाला है, और ऐसे में इस बार भी CAIT चीन को बड़ा झटका देने की तैयारी में है।

CAIT द्वारा हाल ही में उठाई गयी यह मांग भी देश के हित में ही है। Experts का मानना है कि अगर direct selling को वाणिज्य मंत्रालय के अधीन कर दिया जाता है तो इससे स्वनियोजित महिलाओं को सबसे बड़ा फायदा होगा। वर्तमान में देश भर में लगभग 90 लाख कारोबारी Direct Selling से जुड़े है जिसमें 50 लाख महिलाएं हैं। CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक “Direct Selling क्षेत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, स्किल इंडिया, वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत में बहुत पहले से जुड़कर देश भर में लाखों लोगों को प्रतिवर्ष उद्यमी बना रहा है”। स्पष्ट है कि अगर सरकार Direct Selling को भी वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत लाती है, तो इससे सरकार इन महिलाओं और उद्यमियों के लिए बेहतर ढंग से योजनाएँ बना सकेगी। मोदी सरकार अब तक अपने द्वारा किए गए सुधारों के लिए जानी जाती रही है और ऐसे में यह महत्वपूर्ण सुधार करके भी केंद्र सरकार को जल्द से जल्द देश के हजारों व्यापारियों की मुश्किलों को आसान करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए।

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