उद्धव द्वारा मुंबई का धुआंधार विकास जारी,1997 के बाद मुंबई में सबसे बड़ी बिजली कटौती

महाराष्ट्र सरकार के अनुसार-यही है विकास की परिभाषा !

उद्धव

उद्धव ठाकरे और अरविंद केजरीवाल में एक बात कॉमन है। दोनों ही जब सत्ता में आए, तो उन्होंने  अपने-अपने शहरों की सूरत बदल देने का आश्वासन दिया था। दोनों ही अपने वादे के अनुरूप खरे भी उतरे, और इसी का एक बेजोड़ नमूना आज देखने को मिला जब महाराष्ट्र के वर्तमान सरकार की कृपा से दो दशक बाद मुंबई में ग्रिड फेल होने के कारण पूरे शहर की बिजली कई घंटों के लिए गुल हो गई।

सूत्रों के अनुसार मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने वाले BEST बिजली आपूर्ति केंद्र द्वारा कलवा स्थित ग्रिड लाइन में काफी दिक्कत होने के कारण पूरे मुंबई महानगर पालिका की बिजली आपूर्ति ध्वस्त हो गई, जिसके कारण कभी न सोने वाला शहर कई घंटों के लिए मानो थम सा गया। लोकल ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लग गई, और तो और कई उद्योग, जिनमें स्टॉक एक्स्चेंज भी शामिल है, बैकअप के सहारे काम करने लगे।

टाइम्स नाऊ के अनुसार यह संभवत 1997 के बाद से मुंबई की सबसे लंबी बिजली कटौती है, और शायद 2012 के राष्ट्रीय ग्रिड फेल होने के पश्चात सबसे बड़ी बिजली कटौती का केस है। लेकिन महाराष्ट्र के वर्तमान प्रशासन का व्यवहार तो कुछ और ही बयां कर रहा था। बिजली कटौती का पूरा ठीकरा टाटा पावर पर फोड़ते हुए ट्वीट किया, “बिजली आपूर्ति इसलिए रुक गई है क्योंकि टाटा की ओर से इनकमिंग सप्लाई फ़ेल आ रही है। असुविधा के लिए खेद है।”

सच कहें तो इस समय उद्धव ठाकरे ने मुंबई का कायाकल्प करके रख दिया है। आर्थिक वृद्धि के स्त्रोतों पर लगाम लगानी हो, पूरे शहर को ही रुग्णालय बनाना हो, बिजली आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित कराने में लापरवाही बरतनी हो, कानून व्यवस्था को ठेंगे पर रखना हो, आप बोलते जाइए और उद्धव ने ये सभी काम धूमधाम के साथ पूरे करवाए हैं। उनकी कृपा से लगभग दो दशक बाद मुंबई में इस तरह कि बिजली कटौती हुई है। अब देखना यह होगा कि आखिर कब तक महाराष्ट्र, विशेषकर मुंबई की जनता इनका ऐसे ही आदर-सत्कार करती है।

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