बिहार के चुनाव में लोकप्रिय हो रहे हैं राहुल गांधी के बेतुके बयान, ‘राजकुमार’ काँग्रेस की नैया डुबाकर ही मानेंगे  

भाजपा के स्टार प्रचारक के तौर पर उभर रहे हैं राहुल!

राहुल

राहुल गांधी बिहार चुनावों में भी अपना जलवा दिखाने लगे हैं। उनके अब ऐसे बयान आने लगे हैं जिससे कांग्रेस की मिट्टीपलीद होनी एक बार फिर शुरु हो गयी है। राहुल ने पंजाब में पीएम मोदी के पुतला दहन वाले कांड का जिक्र बिहार की एक रैली में किया। जिससे साफ हो गया कि जनता के नाम पर किया गया वो पुतला दहन असल में अंदरखाने कांग्रेस की ही साजिश थी, और उसी वाक्ये को वो चुनावी समर में भुनाना चाहती है। राहुल अपनी ज्यादा बोलने की आदत में इतना बोल जाते हैं कि कांग्रेस मुसीबत में आ जाती है और वही एक बार फिर इन चुनावों में होने वाला है।

दरअसल, इन बिहार चुनावों को लेकर दरभंगा की एक रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इस बार पंजाब में दशहरे के दौरान रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद की जगह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी के पुतले जलाए गए हैं, जो दिखाता है कि किसान पीएम मोदी से कितना ज्यादा नाराज हैं। राहुल इसका जिक्र करके ये साबित करना चाह रहे थे कि कृषि से जुड़े नए कानून को लेकर पंजाब जैसी ही नाराजगी बिहार में भी है। इसके जरिए राहुल किसानों के प्रति अपनी रणनीति को स्पष्ट भी कर रहे है कि सत्ता में आने पर पंजाब की तरह यहां भी कृषि बिल की तोड़ के लिए विधेयक लाया जाएगा।

राहुल ने रावण जलाने का जिक्र किया, जो सच भी है कि पंजाब में प्रधानमंत्री के पुतले दशहरे के दिन रावण की जगह जलाए गए। इसको लेकर बीजेपी ने हमला भी बोला कि पंजाब में पीएम का रावण की तरह अपमान करके विरोधियों ने जो पुतले जलाए हैं वो कांग्रेस और राहुल गांधी जैसे नेताओं की शह पर ही हुआ है। बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने तो इसे सीधा प्रधानमंत्री की गरिमा पर चोट बताते हुए कांग्रेस को निशाने पर ले लिया था।

लेकिन अब नड्डा की बातों को राहुल गांधी ने ही स्पष्ट कर दिया है। राहुल ने पंजाब के उस पुतला दहन वाक्ये का जिक्र करके साबित कर दिया कि उस कांड को कहीं-न-कहीं कांग्रेस का समर्थन था।

शायद यही कारण है कि उस कांड में शामिल किसी भी शख्स पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। ये सवाल भी लाजमी है कि पीएम के खिलाफ इतना विरोध था तो अन्य किसी भी राज्य में ऐसा कोई विरोध प्रदर्शन क्यों नहीं हुआ। ये सभी बिंदु इसी बात की ओर इशारा करते हैं कि कांग्रेस ने ही उस पुतला दहन को समर्थन दिया था,जिससे चुनावी समर में उसको भी एजेंड बनाया जा सके।

राहुल गांधी जो हमेशा ही पार्टी की भद्द पिटाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं उन्होंने इस बार भी ऐसा ही किया, और पार्टी के एजेंडे को गलत तरीके से पेश कर  पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। पीएम को लेकर निजी रूप से आज तक इस तरह के कांड या बयान हमेशा ही कांग्रेस के लिए मुसीबत का सबब बने हैं। कांग्रेस समझ गई थी कि पंजाब का ये कांड उसके लिए घातक हो सकता है फिर भी राहुल गांधी ने इसका जिक्र कर दिया। ऐसे में ये चुनावी समर में कांग्रेस के लिए ही घातक हो सकता है।

बिहार में पहले से ही महागठबंधन में कांग्रेस को मात्र 71 सीटें मिली हैं। कांग्रेस का अब पूरे राज्य में कोई स्थाई ताकतवर कुनबा नहीं बचा है। पिछले चुनाव में जो सीटें जीतीं, वो भी नीतीश के चेहरे पर, तो ऐसे वक्त में जब कांग्रेस के लिए इन चुनावों में उतरना केवल औपचारिकता ही है। इसीलिए कांग्रेस की तरफ से इस तरह के बयान सामने आते रहते हैं।

राहुल गांधी अपने बेतुके बयानों के लिए ही जाने जाते हैं।  बिहार चुनाव में भी उन्होंने इसका सबूत देना शुरु कर दिया है। हाल ही में उन्होंने अपनी एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि चीन हमारी सीमा में 1200 किलोमीटर तक अंदर घुस आया है। ये अपने आप में ही एक चौकाने वाला बयान है इसी तरह कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन में लोगों को नोट बदलने की लाइन में लगना पड़ा। चीन को लेकर तो राहुल लगातार जनता में झूठा प्रचार कर ही रहे हैं जिससे कांग्रेस के आंतरिक धड़े में भी इसको लेकर ज्यादा सहजता नहीं है।

कांग्रेस की बिहार चुनाव में प्रासंगिकता लगभग खत्म ही हो रही है। उसमें भी राहुल गांधी जिस तरह के बयान दे रहे हैं, वे उसके जनाधार को कमजोर करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे, क्योंकि कांग्रेस को बर्बाद करने का पूरा एजेंडा तो राहुल गांधी ने अपने हाथ में ही ले लिया है।

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