पूरा देश राहुल गांधी की आलू से सोने निकालने वाली वैज्ञानिकता से तो भली-भांति परिचित है परंतु इस बार उन्होंने विज्ञान की बातों पर पीएम मोदी का मज़ाक उड़ाने की कोशिश की । यह कोशिश एक बार फिर से उनके विज्ञान के अज्ञानता का परिचायक बन गया और उन्होंने अपना ही मज़ाक बनाते हुए अपनी अज्ञानता के नए मानदंड स्थापित किए।
दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने पीएम मोदी का एक विडियो शेयर किया और लिखा, ‘असली ख़तरा यह नहीं है कि हमारे पीएम कुछ समझते नहीं। ख़तरा यह है कि उनके आसपास किसी में उन्हें बताने की हिम्मत नहीं है।’
राहुल ने जो विडियो शेयर किया है, उसमें पीएम डेनमार्क की एक विंड एनर्जी कंपनी विस्टा के CEO हेनरिक एंडरसन से वार्ता कर रहे हैं। इसमें पीएम मोदी कह रहे हैं कि जहां नमी ज्यादा है, वहाँ पर विंड एनर्जी टरबाइन के जरिए वो हवा में से पानी सोख करके अगर साफ पेयजल बना सकें तो वे एनर्जी का भी काम करेंगे और पीछे से पानी भी मिल पाएगा।
The real danger to India isn’t that our PM doesn’t understand.
It’s the fact that nobody around him has the guts to tell him. pic.twitter.com/ppUeBeGwpk
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 9, 2020
मोदी का कहना था कि टरबाइन से गांव की पेयजल की समस्या खत्म हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि टरबाइन के जरिए हवा से ऑक्सिजन भी अलग कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इस बारे में थोड़ी साइंटिफिक समझ डेवलप करने की जरूरत है। उनकी इस उत्सुकता भरी आइडिया को हेनरिक एंडरसन ने हौसला बढ़ाने वाला कहा।
इसी संवाद पर राहुल गांधी और उनके समर्थक जो उन्हें प्रधानमंत्री के सपने दिखाते रहते हैं तथा लिबरल फौज तुरत सोशल मीडिया पर एक्टिव को गयी और पीएम मोदी का मज़ाक उड़ाने लगी। हालांकि, यह समझना मुश्किल नहीं है कि जो राहुल गांधी को पीएम बनाना चाहते हैं वे कितने समझदार है परंतु यहाँ पर तो नासमझी की हदों को पार कर एक नया मानदंड स्थापित किया है।
बता दें कि वातावरण से पानी पैदा करने के लिए विंड टरबाइन के उपयोग पर शोध किया जा चुका है। वर्ष 2012 में, एक फ्रांसीसी कंपनी, Eole Water ने तब सुर्खियां बटोरीं थी, जब उसने हवा से पानी निकालने के लिए एक विंड टरबाइन को बना लेने का दावा किया था। Eole Water ने उस विंड टरबाइन के डिज़ाइन को WMS1000 नाम दिया था। कंपनी ने दावा किया था कि WMS1000 का एक प्रोटोटाइप अबू धाबी के पास एक रेगिस्तान में परीक्षण किया जा रहा था और वह एक घंटे में 62 लीटर पानी का उत्पादन करने में सक्षम था। CNN की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि यह तकनीक पहली बार विंड टरबाइन के पारंपरिक तरीके से बिजली बनाने का काम करती है। उसके बाद अगले स्टेज में यह उत्पादित बिजली पूरे जल उत्पादन प्रणाली को कार्य करने में सक्षम बनाती है।
वहीं हवा से ऑक्सीजन निकालने के लिए विंड टरबाइन का उपयोग तकनीकी रूप से पानी उत्पन्न करने की तुलना में अधिक जटिल है और इसी बात को पीएम मोदी ने भी कहा कि क्या ऐसे तकनीक विकसित करने पर विचार किया जा सकता है। अमेरिका और यूरोप के शोधकर्ता वर्षों से अनुसंधान कर रहे हैं ताकि पवन ऊर्जा का उपयोग करके पानी की इलेक्ट्रोलिसिस कर हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में अलग किया जा सके।
इसी पर वैज्ञानिक और लेखक आनंद रंगनाथन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि विंड टरबाइन तकनीक के माध्यम तथा क्रायोजेनिक ASU से हवा से पानी और साथ ही ऑक्सीजन को निकालना एक स्थापित प्रक्रिया है। दुनिया भर में सैकड़ों प्लांट पहले से ही अरबों में राजस्व कमा रहे हैं। उन्होंने आगे राहुल गांधी के लिए लिखा कि आपसे मूर्खता निकालना अभी तक पेटेंट नहीं हुआ है।
Extracting water as well as oxygen from air through wind turbine technology as well as linked cryogenic ASUs is an established process, with hundreds of plants worldwide already generating billions in revenue.
Extracting stupidity from you has not yet been patented, though. WDTT https://t.co/fQYcN7KAFZ
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) October 9, 2020
आज भारत में विपक्ष किसी काम के नहीं रह गयी है। आज जिस तरह के बचकाने हरकतें राहुल गांधी करते हैं वो भी उसी के पीछे पागल हो जाते हैं और अपनी भद्द पिटवाते हैं। राहुल गांधी से तो नहीं लेकिन अन्य समर्थकों की ट्रोल आर्मी को किसी मुद्दे पर कुछ बोलने से पहले कम से कम रिसर्च या सिर्फ गूगल ही कर लेना चाहिए था। खुद को साइंटिफिक समझने वाला विपक्ष हर रोज राहुल गांधी के नेतृत्व में रहकर उनके जितना ही बुद्धिमान हो चुका है।