“शिवराज तो ‘नंगे-भूखे’ हैं”,MP काँग्रेस के पूर्व मंत्री दिनेश गुर्जर का शर्मनाक बयान

तो गरीबों को लेकर यही है काँग्रेस की मानसिकता !

शिवराज

कांग्रेस की हमेशा ही नियत रही है कि दूसरों को छोटा दिखाकर खुद को बड़ा साबित करने में वो किसी भी हद तक गिर सकती है। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य़मंत्री कमलनाथ के बेहद करीबी नेता दिनेश गुर्जर से जुड़ा है। जिन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तुलना कमलनाथ से करते हुए उन्हें तुच्छ और भूखा-नंगा बताया है जो दिखाता है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेता किस हद तक घमंड में चूर हो चुके हैं और खुद को सर्वश्रेष्ठ दिखाने में किसी भी वरिष्ठ शख्स को नीचा दिखा सकते हैं।

दरअसल, आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर ने मध्य प्रदेश के अशोक नगर में उपचुनावों को लेकर रैली के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को भूखा-नंगा बता दिया औऱ उनकी तुलना में कमलनाथ को देश के दूसरे नंबर का उद्योगपति बताया है। उन्होंने कहा, कमलनाथ जी देश  के दूसरे नंबर के उद्योगपति हैं और दूसरी तरफ शिवराज के पास 5 एकड़ जमान भी नहीं हैं।

इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हां… मैं भूखे-नंगे परिवार का ही हूं। इसीलिए गरीबों औऱ पिछड़े लोगों का दर्द अच्छे से समझता हूं और इस कारण मैं गरीबों के लिए काम करता हूं। उनकी बेटियों का कन्यादान करता हूं और इसीलिए मैं मध्य प्रदेश के हर व्यक्ति के साथ खड़ा हूं। शिवराज ने इस बयान को अपने लिए सकारात्मक रूप से लिया है,जो दिखाता है कि कांग्रेस के लिए ये बयान एक सेल्फगोल हो गया है।

गौरतलब है कि इस बयान के बाद कांग्रेस की मट्टीपलीद शुरु हो  गई हैं। कांग्रेस इस बयान से किनारा करना चाहती है जो इतना आसान नहीं है क्योंकि कांग्रेस  के नेताओं की असलियत यही है। कांग्रेस ने इस बयान को लेकर कहा है कि दिनेश असल में गरीबों की बात कर रहे थे और वो कमलनाथ को लेकर कह रहे थे कि कमलनाथ गरीबों का दुख-दर्द समझते हैं। ये भी एक इत्तफाक है कि एक तरफ कांग्रेस इस बयान से किनारा कर रही हैं तो दूसरी ओर इसी बयान से कमलनाथ को गरीबों का मसीहा बनाने के बेजा कोशिश कर रही है जो उसके लिए ही एक असमंजस की स्थिति है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के नेता हमेशा ही विरोधी नेताओं पर निजी टिप्पणियां करके अपनी भद्द पिटवा लेते हैं। कोई भूला नहीं है कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को चायवाला से लेकर नीच तक बताया था और शशि थरूर ने पीएम मोदी को शिवलिंग पर बैठा बिच्छू बताया था। ये सारे ही बयान कांग्रेस के लिए मुसीबत का सबब बने हैं। हालांकि, कांग्रेस इन सब बयानों से किनारा करती है लेकिन इन नेताओं पर कार्रवाई न होना दिखाता है कि पार्टी अंदरखाने इन सभी नेताओं के बयानों के साथ है, जो कि एक बेहद शर्मनाक स्थिति है।

कांग्रेस नेताओं का ये घमंड हर बार की तरह उस पर ही भारी पड़ेगा और गर्त में जाती पार्टी को एक झटका ही लगेगा, जनता इस तरह के असंवेदनशील मुद्दों को कभी नहीं भूलती है। मध्य प्रदेश के विधानसभा उपचुनावों में वैसे भी कांग्रेस की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं हैं औऱ इस बयान ने पार्टी के लिए एक और नई मुसीबत खड़ी कर दी है।

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