मुथैया मुरलीधरन पर बन रही बायोपिक, तमिलों का नरसंहार याद कर भड़के लोग

कारण यहाँ है

हाल ही में श्रीलंकाई स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के ऊपर एक फिल्म बनाने की योजना सामने आई है, जिसका मोशन पोस्टर भी रिलीज़ हो चुका है। विश्व में सबसे ज़्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले इस गेंदबाज की भूमिका ‘800’ नामक फिल्म में तमिल स्टार विजय सेतुपति निभाएंगे, और जल्द ही यह फिल्म सिनेमाघरों में प्रदर्शित भी होगी।

इस फिल्म की शूटिंग अभी शुरू भी नहीं हुई है, और ये अभी से ही सुर्खियां बटोरने लगी हैं लेकिन  उसका कारण है लोगों की नराजगी। इस फिल्म की घोषणा और मोशन पोस्टर के बाहर आते ही विजय सेतुपति को कई प्रशंसकों, विशेषकर तमिल समुदाय से आलोचना का सामना करना पड़ा है। सोशल मीडिया पर #ShameonVijaySethupathi इस समय काफी ट्रेंड कर रहा है, और लोग इस ट्रेंड के तहत विजय सेतुपति के तमिल मूल से होने के बाद भी तमिल नरसंहार का समर्थन करने वाले मुरलीधरन की बायोपिक करने के लिए आड़े हाथों ले रहे हैं। कुछ तो इसका बहिष्कार करने की भी बात कर रहे हैं।

https://twitter.com/marga_bandhu_/status/1316253139213848576?s=20

परंतु मुथैया मुरलीधरन ने ऐसा भी क्या कहा कि उसके कारण विजय सेतुपति को उनपर बनी बायोपिक करने पर इतनी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है? दरअसल, 2009 में श्रीलंका की तत्कालीन सरकार पर 1 लाख से अधिक तमिल निवासियों का नरसंहार करने का आरोप लगा था। इस नरसंहार के बारे में मुथैया मुरलीधरन ने ये कहा था कि, “इसे भूलकर आगे बढ़ने में ही भलाई है।” चूंकि तब महिंदा राजपक्षे का शासन था, इसीलिए यह माना जाता है कि ये बयान उन्हें खुश करने के लिए दिया गया था, जिसके कारण मुथैया मुरलीधरन की भारत में काफी आलोचना की जाती है, विशेषकर तमिल समुदाय द्वारा, जिनके लिए 2009 की श्रीलंकन सरकार द्वरा तमिल समुदाय का नरसंहार एक बहुत गहरा घाव माना जाता है।

वहीं, दूसरी ओर विजय सेतुपति तमिल फिल्म उद्योग के बेहद प्रसिद्ध अभिनेता हैं, जिनकी गिनती रजनीकान्त, कमल हासन, सूर्या शिवकुमार जैसे अभिनेताओं की सूची में होती है। ऐसे में एक प्रसिद्ध तमिल अभिनेता द्वारा एक ‘तमिल विरोधी’ क्रिकेटर की बायोपिक करना तमिल समुदाय के गले नहीं उतरा और उन्होनें विजय सेतुपति की जमकर आलोचना भी की।

उदाहरण के लिए जस्विन्दर स्वेन नामक एक ट्विटर यूजर ने टिप्पणी की, “सिंहली सरकार ने दो लाख तमिल निवासियों की हत्या करवाई। अब इस नरसंहार का समर्थन करने वाले पर आधारित फिल्म में अभिनय करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर विजय सेतुपति ने यह सिद्ध किया है कि उन्हें तमिल समुदाय का दर्द नहीं महसूस होता”।

इसके अलावा एक अन्य यूजर शिवकुमार एस ने ट्वीट किया, “हम इस फिल्म को अपनी भूमि से हटवाना चाहते हैं। हम उन लोगों के दर्द को भली भांति जानते हैं जिन्होनें इस त्रासदी [तमिल नरसंहार] में अपनों को खोया है। ऐसे में वह [विजय] उस आदमी का किरदार कैसे निभा सकता है, जो इस नरसंहार का समर्थन करता हो? शर्म आनी चाहिए विजय सेतुपति को!”

https://twitter.com/Syndshiva/status/1316204846018514944

लेकिन कुछ लोगों को इस बात से भी आपत्ति थी कि विजय को एक श्रीलंकाई क्रिकेटर की बायोपिक ही करने को क्यों मिली। ऐसी ही एक ट्वीट में श्रीपदा नामक ट्विटर यूजर ने कहा, “मरियप्पन थंगवेलु जैसे लोगों पर प्रस्तावित बायोपिक आज तक नहीं शुरू हुई है, और दूसरी तरफ एक श्रीलंकाई क्रिकेटर की बायोपिक को तवज्जो दी जा रही है। ऐसा क्यों? क्या तमिलनाडु और शेष भारत के पास और कोई बायोपिक नहीं है बनाने को?”

https://twitter.com/PradhaShree/status/1316085129656197120?s=20

इन आलोचनाओं को देखते हुए लगता है कि विजय सेतुपति के लिए अब आगे की राह काफी मुश्किल होने वाली है। एक तमिल नरसंहार के कथित समर्थक पर बन रही फिल्म में काम कर, वे न केवल तमिल समुदाय की भावनाओं से कथित तौर पर खेल रहे हैं, अपितु अपने करियर पर भी संभवत प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।

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