चीन और उसकी विस्तारवादी नीतियां सिर्फ जमीनी क्षेत्रों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि मछलियों के लिए चीन की भयानक भूख ने दुनिया भर के सागर और महासागर को मछली विहीन कर रहा है। अब अमेरिका ने चीन के इस हथियारबंद मछुआरों की आक्रामक हरकतों को रोकने के लिए अमेरिका ने एक बड़ा कदम उठाया है।
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने 23 अक्टूबर को घोषणा की कि अमेरिकी तटरक्षक बल यानि USCG चीनी मछली पकड़ने के बेड़े के आक्रामक गतिविधियों पर रोक लगाने और नेविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए पश्चिमी प्रशांत में अपने नए “फास्ट रिस्पॉन्स कटर” पोत को तैनात करेगा।
व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया है कि: “पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के अवैध, अप्रमाणित और अनियमित मछली पकड़ने और इंडो-पैसिफिक में अन्य देशों के विशेष आर्थिक क्षेत्रों में काम करने वाले जहाजों का उत्पीड़न, हमारी संप्रभुता के लिए खतरा हैं।
ओ’ब्रायन ने कहा कि नई पीढ़ी के तटरक्षक पोत समुद्री सुरक्षा मिशनों का संचालन करेंगे, और सीमित क्षमता वाले क्षेत्रीय साझेदार देशों के सहयोग से जागरूकता और सर्विलान्स बढ़ाएँगे।”
बता दें कि लुइसियाना में निर्मित, “फास्ट रेस्पोंस कटर” 28 समुद्री मील की अधिकतम गति और 2,500 समुद्री मील की सीमा के साथ 154-फुट की गश्ती नौकाएं हैं। ये पोत एक स्थिर 25-MM मशीन गन (ऑटोकेनॉन) से लैस हैं, जो डेक पर से 3,000 मीटर की प्रभावी मारक रेंज रखता हैं। इसके साथ ही यह पोत .50-कैलिबर मशीन गन से भी लैस होता है।
अमेरिका का यह कदम चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये के कारण आया है। चीन अपने मछ्ली पकड़ने वाले बेड़े के साथ कई समुद्री क्षेत्रों पर अपना कब्जा जमा चुका है। चीन और उसकी विस्तारवादी नीतियां सिर्फ जमीनी क्षेत्रों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि मछलियों के लिए चीन की भयानक भूख ने दुनिया भर के सागर और महासागर को मछली विहीन कर रहा है। चीन की कम्युनिस्ट सरकार अब अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में घुस कर Illegal, Unreported, and Unregulated (IUU) मछली पकड़ रही है जिससे कई क्षेत्रों की जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान हुआ है। विश्व में मछली पकड़ने का सबसे बड़ा उद्योग चीन में है। विश्व बैंक के अनुसार 2018 से डेटा के अनुसार चीन की यह इंडस्ट्री इंडोनेशिया की तुलना में 2.7 गुना अधिक, अमेरिका की तुलना में 3.6 गुना और जापान की तुलना में 5.4 गुना अधिक है।
जून 2020 में, लंदन स्थित एक थिंक टैंक, ओवरसीज डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (ODI) ने चीन के गहरे पानी में मछली पकड़ने (DWF)वाले बेड़े का अनुमान लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें यह कहा गया कि चीनी बेड़े में लगभग 17,000 जहाज हैं जो अनुमान से लगभग आठ गुना अधिक है।
चीन ने जनवरी 2019 में जारी किए गए द इलीगल, अनरिपोर्टेड और अनरजिस्टर्ड फिशिंग इंडेक्स में पहला स्थान प्राप्त किया था। समुद्र में मछली पकड़ने वाले चीनी मछुआरे अब सिर्फ चीन के जल क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है बल्कि दुनिया भर में घूमते हैं, जो एक गंभीर समस्या है। वर्ष 2007 के बाद से ही इंडोनेशिया चीनी मछली पकड़ने की नौकाओं को जब्त कर रहा है जो इसके पानी के भीतर अवैध शिकार करते हैं।
मार्च 2016 में, अर्जेंटीना कोस्ट गार्ड ने दक्षिण अटलांटिक में अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर तीन चीनी अनधिकृत मछली पकड़ने वाले जहाजों को पकड़ा था जिसके बाद चीनी जहाज गोलीबारी कर भागने का प्रयास कर रहे थे। इसी क्रम में एक चीनी जहाज को अर्जेंटीना कोस्ट गार्ड ने डुबो दिया तथा अन्य भागने में सफल रहे थे। कई वर्षों से चीनी मछली पकड़ने की नौकाओं ने सेनकाकू द्वीप समूह के आस-पास आक्रामकता दिखाई है। इस महीने की शुरुआत में जापान सागर से एक संघर्ष की भी खबर आई थी, जब चीनी मछली पकड़ने के जहाजों ने जापान के EEZ से Ishikawa Prefecture के भीतर squid और केकड़े पकड़ने के लिए घुसे थे।
चीनी मछली पकड़ने के बेड़े ने पूर्वी प्रशांत पर भी घुसपैठ की। हाल ही में TFI ने रिपोर्ट किया था कि हाल ही में, चीनी मछली पकड़ने वाली नौकाओं का अरमाडा इक्वाडोर Galapagos archipelago के पास तक आ गया था। इक्वाडोर के अधिकारियों और रडार से बचने के लिए मछली पकड़ने वाली चीनी बेड़े ने ट्रैकिंग सिस्टम को भी बंद कर दिया था, जिससे वह अपनी हरकतों को छुपा सके।
मैरीलैंड के एक गैर-लाभकारी थिंक टैंक सेंटर फॉर इंटरनेशनल मैरीटाइम सिक्योरिटी के अनुसार कि मेक्सिको, पेरू और चिली जैसे देशों ने भी अपने प्रशांत महासागर के तटों पर चीनी और अन्य अवैध मछली पकड़ने को नियंत्रित करने के लिए गश्त बढ़ा दी है।
इन मछली पकड़ने वाली नौकाओं की आड़ में चीन अपने समुद्री सेना को क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए समुद्र में भेज रहा है। वास्तव में, मछ्ली पकड़ने वाली इस फ्लीट को चीनी नौसेना से गश्त, और निगरानी तथा अन्य मिशनों में शामिल होने का प्रशिक्षण मिला हुआ है, जिससे अंतराष्ट्रीय जल क्षेत्र में चीन की मौजूदगी दर्ज करा सके। इसी कारण से उन्हें People’s Armed Forces Maritime Militia (PAFMM) के रूप से भी जाना जाता है,जो चीन की Third Sea Force के रूप में काम करता है। चीन जिस तरह से समुद्री जल क्षेत्र में अपनी बाँहें फैला रहा है, उसे देखते हुए अगर यह कहा जाए कि चीन मछ्ली जिहाद कर रहा है तो यह गलत नहीं होगा।
अब अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने महासागरों में चीन के बढ़ते हमले को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है और USCG की उपस्थिती इंडो पैसिफिक में बढ़ाई है। अब अमेरिकी USCG की उपस्थिती बढ्ने से चीन और उसकी People’s Armed Forces Maritime Militia की तो खैर नहीं।