ट्रम्प द्वारा भारत की हवा पर दिये गए बयान से Pro-Democrat मीडिया हुई खुश, भारतवंशियों के वोट पर है गिद्धदृष्टि

अब बस! यही रणनीति बची थी..

ताइवान

23 अक्टूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और Democrats के उम्मीदवार Joe Biden के बीच जोरदार बहस हुई, जिसके दौरान ट्रम्प ने एक ऐसा बयान दे दिया जिससे भारत में बवाल खड़ा हो गया। ट्रम्प ने बहस के दौरान कहा “चीन को देखो, वहां कितनी गंदी हवा है। रूस को देखो। भारत को देखो। वहाँ हवा गंदी है। मैं पेरिस समझौते से बाहर इसलिए चला गया क्योंकि हमें खरबों डॉलर निकालने थे। हमारे साथ बहुत गलत व्यवहार किया गया था।”

ट्रम्प के इस बयान पर भारत में अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिली। जहां अधिकतर लोगों ने इसे महज़ एक चुनावी बयान समझकर नकार दिया तो वहीं देश के कुछ लोगो ने इस बयान को “दिल पर लेकर” राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने तो प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच दोस्ती का मज़ाक बनाते हुए ट्विटर पर “Howdy Modi” ट्रेंड कराना शुरू कर दिया। उदाहरण के लिए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्रम्प के बयान को आधार बनाकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा “ये लो दोस्ती का फल, ट्रम्प ने भारत में कोरोना की स्थिति पर सवाल उठाए, भारत की हवा को “गंदा” कहा, भारत को tariff King कहा , Howdy Modi का नतीजा”।

हालांकि, क्या भारत के आम लोगों ने वाकई ट्रम्प के इस बयान को गंभीरता से लिया? राजनीतिक बयानबाज़ी की “गंभीरता” को भारत के लोगों से ज़्यादा इस दुनिया में शायद ही कोई समझता हो! भारत के राजनेता उट-पटांग एवं “Naughty” बयानबाज़ी करने में सबसे आगे रहते हैं। इसी बात का उल्लेख ANI की चीफ़ एडिटर स्मिता प्रकाश ने भी अपने एक ट्वीट में किया। जब Washington Post की पत्रकार ने ट्विटर पर यह दावा किया कि ट्रम्प का बयान भारतवासियों को पसंद नहीं आएगा तो स्मिता ने लिखा

“नहीं हमें फर्क नहीं पड़ता। हमारे बारे में ये बातें पिछले 100 सालों से की जा रही हैं। हम यह बेहतर जानते हैं। दूसरा यह कि भारत की हवा वाकई खराब है, इसमें कोई शक नहीं है। तीसरा यह है कि भारत के लोग राजनीतिक बयानबाज़ी को अच्छे से समझते हैं।”

ट्रम्प की बयानबाज़ी को भारत और अमेरिका के लिबरलों ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। इसका एक मकसद अमेरिका के भारतीय मूल के वोटर्स को प्रभावित करने का भी हो सकता है। अमेरिका और भारत की लिबरल मीडिया ने यह पूरी कोशिश की कि भारतीय मूल के लोगों में ट्रम्प के इस बयान के खिलाफ गुस्सा भर दिया जाये। हालांकि, इनकी यह कोशिश शायद ही सफल हो!

ट्रम्प ने अपने बयान में रूस और चीन का भी ज़िक्र किया था, लेकिन भारत के लिबरल वर्ग ने उनके इस बयान को आधार बनाकर ट्रम्प को भारत का विलेन घोषित करने की कोशिश की। एक कदम आगे बढ़ते हुए कुछ लोगों ने पीएम मोदी और ट्रम्प की दोस्ती पर ही कटाक्ष करना शुरू कर दिया। राष्ट्रपति चुनावों से पहले दुनियाभर का लिबरल वर्ग कैसे भी करके Joe Biden की दावेदारी को और मजबूत करना चाहता है और इसी कड़ी में कल ट्रम्प के इस साधारण बयान को बेवजह इतना तूल दिया गया।

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