पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ आजकल लंदन की पिच पर धुआंधार बैटिंग कर इमरान की हर गेंद के छक्के छुड़ा रहे हैं, जिसके कारण ना सिर्फ पाकिस्तानी सेना और सरकार मुश्किलों में घिर रहे हैं, बल्कि इससे पाकिस्तान के लिए भी बड़ी मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। हाल ही में नवाज़ शरीफ़ ने इमरान खान को घेरने के चक्कर में पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम की ही पोल खोल डाली। नवाज़ शरीफ़ और इमरान के बीच आजकल सियासी जंग ज़ोरों पर है और इसके कारण अब पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार एक्स्पोज़ होता जा रहा है।
दरअसल, नवाज़ शरीफ़ आजकल सीधे तौर पर पाकिस्तानी सेना को निशाने पर ले रहे हैं। ऐसे में जब इमरान खान ने नवाज़ शरीफ़ को सेना के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की, तो शरीफ़ ने कहा “मैंने भी अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान सेना के लिए बहुत कुछ किया है। ये जो आपके जितने भी इस वक्त मिसाइल्स हैं, आधे मिसाइल को माशाअल्लाह मैंने अल्लाह के फजलो करम से तैयार करवाया। ये जो टॉमहॉक है वो भी माशाअल्लाह नवाज शरीफ ने बनवाया था, वो भी बलूचिस्तान से हम लेकर आए थे जब क्लिंटन ने अफगानिस्तान पर रॉकेट्स चलाए थे और मिसाइल गिराए थे। एक साबुत मिल गया, उसको हम लेकर आए, उसकी रिवर्स इंजिनियरिंग हुई और उसको हमने बना दिया। कोई छोटी मोटी दिमाग नहीं है हमारा। हमें फक्र है कि हमने यह किया है”।
बता दें कि यहाँ शरीफ़ पाकिस्तान की बाबर मिसाइल की बात कर रहे हैं, जिसे उनके दावों के अनुसार अमेरिका की टॉमहॉक मिसाइल की नक़ल कर बनाया गया है। नवाज़ शरीफ़ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री हैं और ऐसे में उनके इस बयान को कम करके नहीं आँका जा सकता। बता दें कि पाकिस्तान द्वारा इस तरह उच्च मिसाइल तकनीक हासिल करना इसलिए अवैध है, क्योंकि पाकिस्तान Missile Technology Control Regime यानि MTCR का सदस्य नहीं है, और ऐसे में कोई भी MTCR का सदस्य उसे उच्च तकनीक वाली मिसाइल या तकनीक नहीं बेच सकता है। अब जब यह सामने आ चुका है कि पाकिस्तान ने अपनी “बाबर” मिसाइल अमेरिकी तकनीक की चोरी करके विकसित की थी, यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका इसपर क्या प्रतिक्रिया देता है। लेकिन इतना ज़रूर तय है कि दुनिया को संवेदनशील तकनीक चोरी करने के मुद्दे पर सिर्फ चीन से ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान से भी चिंतित होने की ज़रूरत है।
बता दें कि पाकिस्तान रक्षा उपकरणों की तकनीक चोरी करने के लिए बदनाम देश है। यहाँ तक कि इस देश पर न्यूक्लियर तकनीक चोरी करने के भी आरोप लगते रहे हैं। पाकिस्तानी वैज्ञानिक एक्यू खान पर नीदरलैंड से बम बनाने की तकनीक चुराने के आरोप लगे थे, जिसे पाकिस्तान आज तक नकारता रहा है। पाकिस्तान में न्यूक्लियर हथियारों तक पहुँच रखने वाली सेना और आतंकवादी एक ही छत के नीचे काम कर दुनिया की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं। यही कारण है कि आज दुनिया को सिर्फ चीन पर ही नहीं, बल्कि चीन के all-weather friend पाकिस्तान पर भी पैनी नज़र बनाकर रखने की जरूरत है।