अमेरिका का राष्ट्रपति कौन होगा यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है, परंतु डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन ने अभी से ही अपने मंत्रिमंडल का खाका बुनना तैयार कर दिया है। यदि सब कुछ ठीक रहा, तो जो बाइडेन की सरकार में एंटनी ब्लिनकेन विदेश मंत्री बन सकते हैं, जो भारत के लिए किसी शुभ समाचार से कम नहीं है।
रॉयटर्स और ब्लूमबर्ग से बातचीत के दौरान बाइडेन प्रशासन से जुड़े सूत्रों ने इस बात को स्पष्ट किया कि एंटनी के विदेश मंत्री बनने की संभावना प्रबल है। बता दें की ओबामा प्रशासन के दौरान एंटनी राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार के साथ विदेश मंत्रालय में नंबर 2 की पदवी भी संभाल चुके हैं। वे बाइडन के काफी करीब भी हैं, और इसीलिए उनका विदेश मंत्री बनना तय माना जा सकता है।
परंतु एंटनी ब्लिनकेन के विदेश मंत्री बनने से भारत को क्या लाभ मिलेगा? दरअसल, एंटनी काफी समय से भारत के समर्थकों में से एक रहे हैं। वे न केवल भारत के अंतर्राष्ट्रीय कद का मान रखते हैं, अपितु उसे चीन से निपटने के लिए एक असरदार विकल्प भी मानते हैं। अगस्त 2020 में पूर्व अमेरिकी राजदूत रिचर्ड राहुल वर्मा से बातचीत के दौरान एंटनी ने बताया कि किस प्रकार से चीन की आक्रामकता से अमेरिका और भारत को समान रूप से परेशानी हो रही है।
एंटनी के अनुसार, “भारत और अमेरिका के पास इस समय एक समान चुनौती है – चीन की बढ़ती आक्रामकता। जिस प्रकार से वह LAC पर भारत के विरुद्ध आक्रामक हो रहा है और जिस प्रकार से वह अपनी आर्थिक शक्तियों का दुरुपयोग कर छोटे देशों पर अत्याचार कर रहे हैं, उससे हमारी [भारत और अमेरिका की] चिंताएँ काफी बढ़ सकती है।
परंतु एंटनी यहीं पे नहीं रुकी। उन्होंने आगे कहा, “अंतर्राष्ट्रीय अधिनियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है और चीन अपने सैन्यबल का दुरुपयोग कर चीन समुद्री आवाजाही के लिए खतरा बनता जा रहा है। ऐसे में भारत के साथ मजबूत साझेदारी और भी अहम हो जाती है, और हम चाहते हैं की उसका कद अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में और बढ़े। हमारे प्रशासन का प्रयास होगा की भारत संयुक्त राष्ट्र में जल्द से जल्द एक स्थाई सदस्य बने।”
इससे स्पष्ट होता है की बाइडन भारत के प्रति अपनी वफादारी जताने के लिए किस हद तक जाने को तैयार है। बाइडन भी भली भांति जानते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए, लेकिन भारत के साथ वह अपनी मनमानी नहीं कर सकते, क्योंकि अब भारत पहले जैसा बिल्कुल नहीं रहा। ऐसे में बाइडन चाहते हैं की उनकी सरकार में ऐसे लोगों की ज्यादा भरमार हो, जिससे वह भारत के लिए अपना समर्थन खुलकर जता पाएँ।
ऐसे में यदि एंटनी ब्लिनकेन को विदेश मंत्री बनाया जा सकता है, तो अमेरिका के रिश्ते न केवल भारत के साथ यथावत रहेंगे, परंतु चीन से भिड़ने के लिए अमेरिका और भारत एक नए सिरे से साझेदारी करने को तैयार होंगे। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की बाइडन प्रशासन ने एक भारत समर्थक राजनयिक को अपना विदेश मंत्री बनाने की संभावना दिखाकर भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।