महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार को अब लगातार झटके पर झटके लग रहे हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले को बीएमसी द्वारा गिराए जाने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को लताड़ लगा दी है। कोर्ट ने बीएमसी के कंगना के बंगले को गिराने वाले नोटिस को रद्द करने की बात कहकर शिवसेना समेत उद्धव ठाकरे को ही झटका दे दिया है। अदालत ने ये भी माना कि कंगना के दफ्तर को आंशिक रुप से गिराया जाना केवल एक बदले की फौरी कार्रवाई ही थी। इसके लिए कंगना को मुआवजा भी दिया जाएगा, अदालत ने इस कार्रवाई को दुर्भावना से ग्रसित भी बताया है।
कंगना के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अदालत ने माना है कि उद्धव ठाकरे की सरकार के लिए कंगना एक कमजोर शिकार थीं। सभी ने देखा है कि किस तरह से कंगना रनौत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उनके केस को लेकर लगातार मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठा रहीं थीं। यही नहीं, कंगना ने ड्रग्स से लेकर बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद पर भी कई गंभीर आरोप लगा दिए थे। कंगना इतनी ज्यादा मुखर हो गई थीं कि शिवसेना को उनसे दिक्कत होने लगी थी जिसके चलते उनके नेता और राज्य सभा सांसद संजय राउत ने उन्हें ‘हरामखोर’ तक कह दिया था।
शिवसेना कंगना से इतना ज्यादा खफा हो गई थी कि उनके नेताओं ने कंगना के मुंबई में रहने को भी बाधित करने की बात कर दी थी। साथ ही शिवसेना के नेतृत्व वाली बीएमसी ने कंगना के पाली हिल इलाके में बने बंगले के दफ्तर को भी नुकसान पहुंचाया था, जिसके बाद कंगना ने स़जय राउत समेत बीएमसी के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। ऐसे में राज्य सरकार के अनैतिक रवैये के बीच कंगना रनौत को बॉम्बे हाईकोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है जो कि महाराष्ट्र सरकार समेत बीएमसी और शिवसेना के मुंह पर एक करार तमाचा है।
बीएमसी की कार्रवाई को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय में जस्टिस एसजे कथावाला और आरआई चागला की खंडपीठ ने कहा, “बृहद मुंबई महानगरपालिका नागरिकों के अधिकारों के खिलाफ गलत आधार पर आगे बढ़ी है।” नागरिकों के विरोध पर इस तरह की कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट की तरफ से कहा गया, “अगर बीएमसी हर मामले में इसी तत्परता से काम करती तो मुंबई शहर का सूरत-ए-हाल आज कुछ और ही होता।” कोर्ट का ये बिंदु बीएमसी समेत शिवसेना और महाराष्ट्र के लिए किसी झटके से कम नहीं है।
अपनी अदलती जीत को लेकर कंगना ने खुशी का इजहार करते हुए एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया और कहा, “जब कोई व्यक्तिगत रूप से सरकार के खिलाफ खड़ा होता है और जीतता है। यह किसी एक व्यक्ति की जीत नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की जीत है। आप सभी को धन्यवाद जिन्होंने मुझे हिम्मत दी और उन लोगों को धन्यवाद जिन्होंने मेरे टूटे सपनों को पंख दिए। आप एक विलेन की भूमिका निभाते हैं, इसलिए मैं एक हीरो हो सकती हूं।” कंगना ने इस दौरान हाईकोर्ट की प्रशंसा करते हुए धन्यवाद भी दिया है।
When individual stands against the government and wins, it’s not the victory of the individual but it’s the victory of the democracy.
Thank you everyone who gave me courage and thanks to those who laughed at my broken dreams.
Its only cause you play a villain so I can be a HERO. https://t.co/pYkO6OOcBr— Kangana Ranaut (Modi Ka Parivar) (@KanganaTeam) November 27, 2020
इस पूरे मामले में कंगना को तो कोर्ट से राहत और जीत ही मिली है, लेकिन मुसीबतें महाराष्ट्र सरकार समेत बीएमसी और शिवसेना के हिस्से आई हैं क्योंकि शिवसेना नेता संजय राउत ने कंगना के लिए जो बोला हो वो आपत्तिजनक था। लगातार अपने उपर आरोप लगा रहे लोगों के खिलाफ शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों ने जिस तरह से भाषाई गरिमा गिराई है और सत्ता का गलत उपयोग किया है, उसके बाद अब कंगना की जीत अब उन सभी के मुंह पर तमाचा है जो उन्हें लंबे वक्त तक याद रहेगा।