चीन ने पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली है, उसने अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए ट्रम्प की तारीफ़ की

ट्रम्प

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आने शुरू हो चुके हैं, और ऐसा लगता है कि डोनाल्ड ट्रम्प एक बार फिर अमेरिका की कमान संभालने के लिए तैयार है। ट्रम्प के ‘निरंकुश शासन’ के विरुद्ध ‘मोर्चा संभाले’ जो बाइडन के प्रचंड बहुमत की जो आशा जताई जा रही थी, वह धूमिल हो चुकी है, और अब वामपंथी एवं डेमोक्रेट पार्टी अब पोस्टल बैलट के सहारे अपनी नैया पार लगाना चाहते हैं। हालांकि, अभी पूरे परिणाम आना बाकी हैं, परंतु जिस प्रकार से चीन बर्ताव कर रहा है, उससे देखकर लगता है कि उसने तो पहले ही हार मान ली है । CCP के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने हाल ही में एक पोस्ट ट्वीट किया, जहां उन्होंने अप्रत्यक्ष तरीके से राष्ट्रपति ट्रम्प की आर्थिक नीतियों की तारीफ की।

ग्लोबल टाइम्स के पोस्ट अनुसार, “अमेरिकी वोटर इस महामारी [वुहान वायरस] के बारे में कम और अपनी अर्थव्यवस्था के बारे में अधिक चिंतित है।” इससे स्पष्ट पता चलता है कि इस समय अमेरिका के चुनाव के परिप्रेक्ष्य में चीन के क्या ख्याल हैं। वे गलत भी नहीं हैं, क्योंकि डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी नागरिकों के स्टैन्डर्ड ऑफ लिविंग में काफी व्यापक बदलाव किये हैं।

अगर आंकड़ों पर गौर करे, तो 2016 में real median household income करीब $62,898 थी, जो 1999 के स्तर से मात्र $257 ऊपर थी। लेकिन तीन वर्षों में यही आंकड़ा $6,000 से बढ़कर $68,703 हो गया। इसीलिए वुहान वायरस महामारी के बाद भी पिछले महीने एक सर्वे में 56 प्रतिशत अमेरिकी वोटर्स ने कहा कि उनकी हालत पहले से बहुत बेहतर है।

सच कहें तो डोनाल्ड ट्रम्प की आर्थिक नीतियाँ, घरेलू परिप्रेक्ष्य में उनसे पहले अमेरिका की कमान संभालने वाले बराक ओबामा से बहुत बेहतर रही हैं, जिनकी आर्थिक नीतियां बहुत अधिक लोकप्रिय नहीं थी। जब ट्रम्प शासन में आए, तो लिबरल चाहते थे कि आर्थिक नीतियां, ओबामा के समय की भांति मंद गति से चले परंतु डोनाल्ड ट्रम्प ठहरे उद्योगपति, जिनके लिए आक्रामकता उनके उद्योग की प्रथम नीति थी, और फलस्वरूप अमेरिका दिन-प्रतिदिन अप्रत्याशित तरक्की करने लगा।

इसीलिए ग्लोबल टाइम्स का बदला हुआ स्वभाव अपने आप में इस बात का परिचायक है कि हवा का रुख किस ओर है। चुनाव परिणाम के एक दिन पहले से ही ग्लोबल टाइम्स ट्रम्प की संभावित विजय के ख्याल से ही घबराने लगा, जो प्रकाशन के लेखों में भी स्पष्ट दिखने लगा, और उसने कहा, “चीन अपने विकास पर ध्यान देगा, क्योंकि उसे डोनाल्ड ट्रम्प और जो बाइडेन से संबंध सुधार की कोई विशेष आशा नहीं है”।

एक समय ऐसा भी था जब न्यू यॉर्क टाइम्स ने गाजे-बाजे सहित 2016 में दावा किया था कि हिलेरी क्लिंटन के हारने का सवाल ही नहीं बनता, और फिर बाद में क्या हुआ, यह बताने के लिए किसी विशेष डाक्यूमेंट्री की आवश्यकता नहीं है।

सत्ता में अब ट्रम्प आए या बाइडन, ये तो बाद की बात है, परंतु जिस प्रकार से अमेरिका की मेनस्ट्रीम मीडिया ने इन चुनावों को कवर किया है, उसे सच में आत्ममंथन की आवश्यकता है। चीन का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स तक समझ गया कि डोनाल्ड ट्रम्प को हराना इतना आसान नहीं है, तभी वह ट्रम्प की संभावित विजय पर दबी जुबान में उसकी तारीफ कर रहा है, पर अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत!

 

Exit mobile version