केरल में ईसाई लव जिहाद के खिलाफ खुलकर सामने आ गये हैं

ये आवश्यक था

लव जिहाद

जहां भारतीय मीडिया का एक वर्ग भाजपा के कुछ राज्यों द्वारा प्रेम विवाह के ‘कथित दमन’ के लिए पूरे सनातन समुदाय को शर्मिंदगी महसूस कराना चाहता है, तो वहीं, केरल में लव जिहाद के बढ़ते मामलों के बीच ईसाइयों ने इस कुप्रथा के विरुद्ध मोर्चा खोल लिया है। कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा गैर मुस्लिम लड़कियों से विवाह करने के बहाने उनका धर्मांतरण कर उनका शोषण करने की प्रथा के विरुद्ध केरल के कैथोलिक ईसाइयों ने मोर्चा खोल दिया है।

हाल ही में लिए गए निर्णय के अनुसार केरल में Syro Malabar Church जल्द ही एक नियमावली निकालेगा, जिससे न केवल ये सुनिश्चित होगा कि सभी अंतर धार्मिक विवाह वेटिकन द्वारा स्वीकृत ‘Canon Laws’ के अनुसार होंगे, अपितु इसमें ईसाई महिलाओं के संभावित शोषण पर भी लगाम लगेगी।

परंतु ऐसा भी क्या हुआ, जिसके कारण केरल के इस चर्च को यह निर्णय लेना पड़ेगा? दरअसल, हाल ही में कोच्चि में एक ईसाई लड़की और एक मुसलमान लड़के के बीच विवाह हुआ, और इसमें सतना के एक बिशप भी शामिल हुए थे। इस विवाह की फोटो जब अखबारों में छपी, तो  कैथोलिक ईसाइयों ने बवाल मचा दिया, जिसके कारण संबंधित पादरियों को कार्रवाई के लिए विवश होना पड़ा।

केरल के कई वरिष्ठ पादरियों का मानना है कि इस विवाह में उनके ‘Canon Laws’ का घोर उल्लंघन हुआ है। इसी वर्ष जनवरी में Syro Malabar Church ने अपने मीडिया सेल के माध्यम से लड़कियों के धर्मांतरण पर अपनी चिंता जताई थी। जहां एक ओर लव जिहाद के विरुद्ध केरल के ईसाइयों ने सीना ठोंक के मोर्चा संभालने का निर्णय किया है, तो वहीं हिन्दू अभी भी इस धर्मसंकट में है कि इस विषय पर खुलकर बोले भी कि नहीं।

प्रारंभ में लव जिहाद को आरएसएस की साजिश बताकर इस मुद्दे को दबाने के खूब प्रयास होते रहे। परंतु पिछले वर्ष केरल के ईसाई संगठनों ने ये सिद्ध किया कि लव जिहाद एक राष्ट्रीय समस्या है, जो किसी एक संप्रदाय तक नहीं सीमित है, बल्कि सभी गैर मुसलमान, विशेषकर हिन्दू और सिख धर्म की लड़कियां इससे सर्वाधिक पीड़ित हैं।

पिछले वर्ष सितंबर में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक कमीशन के उपाध्यक्ष, श्री जॉर्ज कुरियन ने गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखते हुए कहा कि केरल में ईसाई लड़कियों को ज़बरदस्ती इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें कोझिकोड में हुए एक लव जिहाद मामले का हवाला भी दिया है।

यही नहीं, जॉर्ज कुरियन ने केरल के कैथॉलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस द्वारा नियुक्त कमीशन फॉर सोशल हारमनी एंड विजिलेंस के रिपोर्टों का भी अपने पत्र में हवाला दिया। पत्र के एक अंश के अनुसार “कमीशन द्वारा प्रकाशित ‘जागृत’ मैगज़ीन के अनुसार ये पता चला है कि 4000 से ज़्यादा लड़कियों ने प्रेम में पड़ने के बाद अपना धर्म परिवर्तन कराया है। इसके अलावा बताया जाता है इनमें से कई लड़कियों को आजीवन दुर्व्यवहार और यौन शोषण का सामना करना पड़ा है। यहीं नहीं, इसी रिपोर्ट का हवाला देते हुये इंडिया टुडे ने 2009 में खुलासा किया था कि 2006 से अब तक करीब 2600 ईसाई महिलाओं का इस्लाम में धर्म परिवर्तन किया जा चुका है।”

इसके अलावा जॉर्ज कुरियन ने कुछ और मामलों का हवाला देते हुए गृहमंत्री अमित शाह से इस मामले में सहायता मांगी। पत्र में उनके बयान के अनुसार कोझिकोड के इस मामले में इस्लाम में न परिवर्तित होने के कारण पीड़िता का अपहरण करने का प्रयास भी किया गया था, और दिल्ली से एक मलयाली ईसाई लड़की का अपहरण किया गया, जिसके बाद से उसके अभिभावकों को उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।

ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा की केरल के ईसाइयों ने भी अब लव जिहाद के विरुद्ध मोर्चा संभाल लिया है, और जिस प्रकार से Syro Malabar Church ने इस दिशा में अपने कदम बढ़ाए हैं, वो निस्संदेह सराहनीय है।

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