दिलजित दोसांझ और हरभजन मान एंड कंपनी, क्या खालिस्तान, पाकिस्तान और इंदिरा के हत्यारों के समर्थक हैं?

जानिए, आखिर क्यों ये नामी सितारे खालिस्तान के भी समर्थन को तैयार हैं!

किसान आंदोलन

https://twitter.com/_H_a_r_d_y/status/1332686115996803073?s=09

भाई साड्डी पंजाबी इतनी चंगी नहीं सी, पर कुल मिलाकर इस प्रसिद्ध गायक बब्बू मान की बातों का सार ये है कि ये लड़ाई लंबी चलेगी, और साल दो साल की फसल का क्या होती है, इसकी कोई परवाह नहीं। अब दिल्ली और किसानों में आर पार की लड़ाई होगी। हाल ही में जारी ‘किसान आंदोलन’ ने एक नाटकीय मोड़ ले लिया है। महीनों तक पंजाब में ‘रेल रोको’ आंदोलन चलाने के बाद अब नए कृषि अधिनियम से आहत पंजाबी किसानों ने दिल्ली कूच का नारा लगाते हुए दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर डेरा डाला है, जिसपे खालिस्तानी तत्वों ने अपना कब्जा भी जमा लिया है। इसी बीच किसानों के भेस में अराजकता फैला रहे इन आंदोलनकारियों को फिल्म उद्योग से भी समर्थन मिलने लगा है।

यूं तो इस विषय पर बॉलीवुड और बाकी देश के अन्य फिल्म उद्योग कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, परंतु पंजाबी कलाकारों को ऐसा लगा कि यदि वे चुप रहे, तो उनके समर्थक उनसे दूर भी जा सकते हैं। ऐसे में दिलजीत दोसांझ, हरभजन मान, अम्मी विर्क एवं बॉलीवुड के पंजाबी कलाकार जैसे रिच चड्ढा, सोनू सूद इत्यादि ने इस ‘किसान आंदोलन’ के पक्ष में अपनी आवाज उठाई।

उदाहरण के लिए दिलजीत दोसांझ ट्वीट करते हैं, “बाबा भली करे, अंग संग सहाई होवे!”। जिस तस्वीर के लिए उन्होंने ये ट्वीट किया, उसमें ‘किसान आंदोलन’ के भागीदारों पर पानी की बौछारें हो रही है, और एक दो जगह लाठीचार्ज जैसा माहौल भी दिख रहा था। ऐसे में ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है कि दिलजीत के इस ट्वीट के पीछे की मंशा क्या थी –

इसी प्रकार हरभजन मान ने भी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, “सच्चाई दी जीत होवे! शाला रोटी दी जीत होवे! #किसानमजदूरएकताज़िन्दाबाद” –

अब ऐसे में हर आंदोलन में कूदने वाली ऋचा मैडम कैसे पीछे रहती? मोहतरमा ने अपना समर्थन जताते हुए कई ट्वीट किए, जिनमें से एक था, “आप विधेयक से सहमत हो या नहीं, किसान को विरोध करने का अधिकार है। उनपर ऐसी ज्यादती क्यों?” इसके अलावा एक और ट्वीट में उन्होंने इस बात को जताने का प्रयास किया कि कैसे ये आंदोलन केवल पंजाबी किसानों तक सीमित नहीं है।

https://twitter.com/RichaChadha/status/1332400516748468226?s=20

 

https://twitter.com/RichaChadha/status/1332905443732164609?s=20

अब प्रश्न ये उठता है कि जब किसानों के आंदोलन को यह सेलेब्रिटी बिना किसी शर्त के समर्थन देने को तैयार है, तो क्या वे इस आंदोलन में उमड़कर सामने आ रहे देशद्रोहियों को भी समर्थन देने को तैयार हैं? इसी आंदोलन में जहां एक तरफ जरनैल सिंह भिंडरावाला के पोस्टर्स सामने आए हैं, तो वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को दोस्त और दिल्ली में स्थित मोदी सरकार को आंदोलनकारियों का दुश्मन बताया जा रहा है। यहाँ तक कि स्थिति यह है कि कुछ आंदोलनकर्ता तो खुलेआम नरेंद्र मोदी की हत्या की धमकियाँ भी देते फिर रहे हैं।

TFI  Post ने इस विषय पर पहले भी रिपोर्टिंग की है कि कैसे चंद वोटों के लिए काँग्रेस और अकाली दल जैसी पार्टी किसानों को किस हद तक बर्गालाने और देश को हिंसा की आग में झोंकने को तैयार है। जब हाथरस में वैमनस्य को बढ़ावा देने की युक्ति फेल हो गई, तो अब काँग्रेस नें पंजाब के रास्ते देश में आग लगाने वाले लोगों को बढ़ावा दिया है। किसानों की ज़मीनों को उद्योगपतियों द्वारा छीने जाने की झूठी कहानियों से लेकर यह अफवाह फैलाना कि नए कृषि अधिनियम से किसानों के फसल को मिलने वाली एमएसपी हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी, इसी योजना का एक हिस्सा है। क्या ऐसे छल प्रपंच का भी ये सेलेब्रिटी बिना शर्त समर्थन करेंगे?

सच्चाई तो यह है कि ऐसे हस्ती दो नावों पर पैर रखने में विश्वास करते हैं – वे अपने अंतर्राष्ट्रीय श्रोताओं, विशेषकर कनाडा और यूके में बसे एशियाई समुदाय को प्रसन्न करना चाहते हैं, और वहीं वे ये भी चाहते कि उनका भारतीय समर्थकों का बेस भी कम न हो। लेकिन ये दोहरे मापदंड अब ज्यादा दिन नहीं चलेंगे, और उन्हें एक पक्ष लेना ही होगा। यदि उनके लिए राष्ट्र हित सर्वोपरि है, तो उन्हें ऐसे किसी भी भारत विरोधी आंदोलन से दूर रहना चाहिए, और यदि वे देशद्रोहियों का भला चाहते हैं, तो ऐसे लोगों को बिना देरी भारत से निष्कासित किया जाना चाहिए।

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