समय बीतता जा रहा है, और उसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया की स्वायत्ता भी खत्म होती जा रही है! ढाई करोड़ लोगों के इस देश पर चीन का कब्ज़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है, और आए दिन इसके नए उदाहरण देखने को मिल रहे हैं। सबसे ताज़ा उदाहरण है- Keswick Island! Mackay के तट से थोड़ी ही दूरी पर स्थित यह द्वीप किसी स्वर्ग से कम नहीं है। नीला पानी, शांत वातावारण, खूबसूरत बीच! छुट्टियाँ मनाने के लिए इससे बेहतर जगह शायद ही किसी को मिले!
लेकिन अब चीज़ें पहले जैसी नहीं रही हैं। पिछले वर्ष अप्रैल में ही China Bloom Pty Ltd नाम की एक चीनी कंपनी ने इस द्वीप को लीज़ पर ले लिया था। ऑस्ट्रेलियाई राज्य Queensland की सरकार ने इसे पहले किसी और को 99 वर्षों के लिए लीज़ पर दिया था, लेकिन पिछले साल चीन की कंपनी ने उससे यह सौदा खरीद लिया। लीज़ का सौदा खत्म होने में अब भी 80 साल बाकी हैं। इसका मतलब यह है कि आने वाले कम से कम 80 सालों तक अब यह चीनी कंपनी ही इस द्वीप का भविष्य तय करेगी।
Keswick Island की आवासीय संपत्ति हो या फिर व्यापारिक संपत्ति, सब पर अब इस चीनी कंपनी या कहिए चीनी सरकार का ही कब्ज़ा हो चुका है। संपत्ति तो छोड़िए, खुद वहाँ रहने वाले लोग अब चीन के गुलाम बनकर रह गए हैं। लोगों का कहना है कि वे अब इस “स्वर्ग” में अपना दम घुटता महसूस कर पा रहे हैं। चीनी कंपनी सुनियोजित तरीके से यहाँ के लोगों की रोज़ी-रोटी को बर्बाद करने पर तुली है।
कई जगहों पर सुंदर बीचों (Beeches) को खोद दिया गया है। कभी टूरिज़म का केंद्र रहे National Park को अब आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। खुदाई के कारण वनसंपत्ति को गहरा नुकसान पहुंचा है। यह द्वीप अपने “Turtle Habitat” के लिए जाना जाता है, और beeches पर खुदाई के कारण कछुओं के अंडों को नुकसान होने का खतरा बेहद ज़्यादा बढ़ गया है। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक Beech सार्वजनिक संपत्ति है और उन्हें नहीं लगता कि चीनी कंपनी के पास इनके साथ कोई छेड़छाड़ करने का कानूनी अधिकार है!
लेकिन समस्या सिर्फ इतनी ही नहीं है। खुद वहाँ रहने वाले लोगों के लिए आए दिन नई मुश्किलें खड़ी की जा रही हैं। छोटे व्यापारियों को काम करने नहीं दिया जा रहा है, पर्यटकों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है। यहाँ तक कि इस द्वीप पर ज़मीन खरीदने तक के रास्ते में कई वित्तीय बाधाएँ खड़ी की जा रही हैं। कूरियरमेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब इस द्वीप पर किसी भी Private या कमर्शियल aircraft को उतारने की इजाज़त नहीं है। हेलिकॉप्टर सेवा को भी बंद कर दिया गया है। ऐसे में अब इस द्वीप की यात्रा करना और ज़्यादा दुर्लभ और महंगा हो गया है। सामान्य सी बात है कि इस सब का द्वीप के पर्यटन उद्योग पर खतरनाक प्रभाव पड़ा है! यहाँ के लोग अपने आप को बाकी दुनिया से कटा हुआ महसूस कर रहे हैं।
यहाँ Real Estate व्यापार को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है। जो घर कभी 8 लाख डॉलर मे बनाए गए थे, उन्हें अब महज़ 2 लाख डॉलर में ही ठेके पर दिया जा रहा है। क्षेत्रीय लोगों के मन में अब यह डर बैठ गया है कि चीनी लोग इस द्वीप से सब लोगों को भगाकर बस अमीर चीनी लोगों को यहाँ बसाना चाहते हैं।
Keswick तो बस एक उदाहरण भर है! Darwin Port से लेकर विक्टोरिया राज्य में BRI तक, ऑस्ट्रेलिया में केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारों के बीच में रणनीतिक विवाद देखने को मिलता रहता है। इस सब को देखकर यह समझ में आता है कि ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की चीन-विरोधी लड़ाई कितनी अहम है। Canberra को अपने यहाँ से चीनी प्रभाव खत्म करने के लिए और कड़े कदम उठाने की ज़रूरत है।