चीन के जनता को प्रसन्न करने के लिए और भूटान एवं भारत पर दबाव बढ़ाने के लिए चीनी प्रशासन ने फिर एक नापाक चाल चली है। चीन के CGTN न्यूज के वरिष्ठ प्रोड्यूसर शेन शिवेई ने दावा किया कि चीन ने भूटान में एक गाँव स्थापित किया है, जो डोकलाम पठार से कुछ ही किलोमीटर दूर है। लेकिन जिस प्रकार से भारतीय मीडिया के एक धड़े ने इस भ्रामक खबर को बढ़चढ़कर प्रसारित किया, उससे स्पष्ट है कि इनकी वफादारी किसके प्रति अधिक है।
शेन शिवेई ने दावा किया था कि भूटान में चीन ने एक गांव स्थापित किया है, जो डोकलाम पठार से ज्यादा दूर नहीं है। बता दें कि डोकलाम पठार वही जगह हैं, जहां 2017 में चीन ने दावा ठोका था और भूटान की रक्षा में भारत ने चीन से दो-दो हाथ भी किए थे। लेकिन इस बार भूटान ने चीन की पोल खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। चीन के झूठे और खोखले दावों की धज्जियां उड़ाते हुए भारतीय न्यूज एजेंसी ANI को भूटानी राजदूत मेजर जनरल वेटसोप नामज्ञेल ने कहा, “भूटान में कोई भी चीनी गाँव नहीं है”।
There is no Chinese village inside Bhutan: Bhutan Ambassador to India, to ANI on a report that China has set up a village inside Bhutan, 9 kilometers from Doklam face-off site
— ANI (@ANI) November 20, 2020
भूटान का चीन में कोई दूतावास नहीं है, और दोनों देश में बातचीत भारत के नई दिल्ली में स्थित राजनीतिक मिशन से ही बातचीत हो पाती है। इसके अलावा भारत के ऊपर भूटान के क्षेत्रीय अखंडता की जिम्मेदारी भी है, क्योंकि इस देश के पास सीमित रक्षा संसाधन उपलब्ध है। ऐसे में चीनी मीडिया सफेद झूठ फैलाकर केवल भूटान को डराना धमकाना चाहती है, जिसे भारतीय मीडिया का एक धड़ा पूरा बढ़ावा दे रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि शेन शिवेई ने अपने ट्वीट डिलीट कर दिए हैं, लेकिन एनडीटीवी के नेतृत्व में भारतीय मीडिया का एक धड़ा अभी भी इस सफेद झूठ को खुलेआम बढ़ावा दे रहा है, मानो इस चीज के लिए भी भारत की वर्तमान सरकार ही जिम्मेदार है। परंतु जो चैनल खुलेआम भारत विरोधी तत्वों की पैरवी करने से बाज़ नहीं आए, उनसे माफी मांगने की उम्मीद करना भी बेकार है।
Nice catch Vishnu, followed your trail, clearly a settlement has come up right there ! Adding an image here. https://t.co/c0JURq2pUT pic.twitter.com/wm1TH1lZPD
— Damien Symon (@detresfa_) November 19, 2020
Here's a CGTN news producer openly admiting that China has occupied and now populated part of a sovereign country. This Pangda village has been constructed (as shown by the included map) ~2.5km beyond Bhutan's international border. China now baselessly claims about 12% of Bhutan. https://t.co/3TxNSffYdJ pic.twitter.com/fEAgWXk7Ln
— Nathan Ruser (@Nrg8000) November 19, 2020
लेकिन इस पूरे प्रकरण की नींव 2017 में ही पड़ी थी, जब डोकलाम पठार पर कब्जा करने पहुंची चीन को मुंह की खानी पड़ी। लेकिन चीन की साम्राज्यवादी इस झटके से थोड़ी न दूर होती, और उन्होंने पुर भूटान में साकटेंग वन [Wildlife Reserve] पर भी दावा था, जिसे पुरज़ोर तरीके से भूटान ने खारिज भी किया। लेकिन इस बार जिस तरह से चीन ने भूटान के जमीन पर कब्जा का दावा किया, और जिस प्रकार से भारतीय मीडिया के एक धड़े ने इस बात का जमकर प्रचार किया, उससे उनकी चीन के प्रति वफादारी अच्छी तरह से जगजाहिर हुई है।
2. Let me make it more clear – comparing his map location (top image) with the actual ground position (bottom). pic.twitter.com/cH67wV4uyC
— Vishnu Som (@VishnuNDTV) November 19, 2020