चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दुनियाभर में अपनी छवि सुधारने के लिए बेशक करोड़ों रुपए खर्च करते हों, लेकिन इस वर्ष जापान तसल्ली से जिनपिंग की बेइज्ज़ती करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। चीन के राष्ट्रपति राजनीतिक फ़ायदों के लिए कैसे भी करके जापान की यात्रा करने के इच्छुक हैं, लेकिन जापान है कि हर बार जिनपिंग के इस सपने पर पानी फेर देता है। इस बार भी ठीक यही हुआ है। इसी महीने के अंत में चीन के विदेश मंत्री वांग यी जापान के दौरे पर जाने वाले हैं और उनकी इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य जिनपिंग के दौरे के लिए माहौल बनाना ही है। हालांकि, उनकी इस यात्रा से पहले ही जापानी विदेश मंत्री ने यह साफ़ कर दिया कि अभी जापान जिनपिंग के दौरे के लिए तैयार नहीं है और उनका ध्यान कोरोना से निपटने पर है।
बता दें कि अप्रैल महीने से ही चीनी राष्ट्रपति जापान जाने की कोशिश में हैं। अप्रैल महीने में कोरोना के कारण जापान ने जिनपिंग की इस यात्रा को स्थगित कर दिया था। जापान में आमतौर पर चीन के खिलाफ नकारात्मक विचार ही पाये जाते हैं, लेकिन कोरोना के बाद तो इसमें और इजाफ़ा देखने को मिला है। इसका एक उदाहरण तब देखने को मिला जब जून-जुलाई महीने में जापान की सत्ताधारी Liberal Democratic Party ने एक प्रस्ताव पारित कर जापानी सरकार को जिनपिंग का दौरा रद्द करने का आह्वान किया था। इसे जापान द्वारा जिनपिंग के मुंह पर दूसरे तमाचे के समान देखा गया था।
इसी बीच जापान में योशीहिदे सुगा प्रधानमंत्री बने और जिनपिंग को दोबारा जापान के साथ रिश्ते बेहतर करने और उसका कूटनीतिक फायदा उठाने की उम्मीद नज़र आई। राष्ट्रपति शी और प्रधानमंत्री सुगा के बीच फोन पर बातचीत हुई और यह तय किया गया कि चीन के विदेश मंत्री नवंबर महीने के आखिर में जापान का दौरा करेंगे। अब जापानी विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी (Toshimitsu Motegi) ने एक बयान जारी कर कहा है “मैं खुलकर चीनी विदेश मंत्री से क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बात करूंगा। हालांकि, अभी हम जिनपिंग के दौरे के लिय तैयार नहीं है, हमारा ध्यान कोरोना पर है।”
जापान का दौरा जिनपिंग के लिए बेहद अहम होगा, इसीलिए अभी चीनी प्रशासन इसके लिए इतनी मेहनत कर रहा है। उदाहरण के लिए जिस वक्त Quad समूह चीन के खिलाफ गुटबंदी कर रहा है और चीन को चारों तरफ से घेरने की बात कर रहा है, ऐसे वक्त में जिनपिंग का जापान दौरा चीन को पूरा माहौल बदलने का सुनहरा अवसर दे सकता है। सुगा और जिनपिंग की साथ में फ़ोटो दिखाकर चीन पूरी दुनिया को यह विश्वास दिला सकता है कि Quad को अब चीन ने निष्क्रिय कर दिया है, और उसे जापान से तो कोई खतरा है ही नहीं है।
इतना ही नहीं, इस दौरे के बाद चीन अपने लिए आर्थिक फायदे हासिल करने की भी पूरी कोशिश करेगा। जापान चीन का टॉप ट्रेडिंग पार्टनर है और जापान द्वारा Supply Chain Resilience Initiative शुरू करने और उसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रित किए जाने के बाद चीन भयभीत हुआ है। अभी चीन को आर्थिक चोट पहुंचाने में जापान सबसे आगे रहा है। Japan ने सबसे पहले अपनी कंपनियों को चीन से बाहर निकालने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी, जिसके बाद अमेरिका भी ऐसे ही आर्थिक पैकेज की घोषणा पर विचार कर रहा है। कोरोना से पहले चीन और Japan के बेहद मजबूत व्यापार संबंध थे। चीन हर साल Japan को 148 बिलियन डॉलर का समान एक्सपोर्ट कर रहा था। अब इसमें बड़ी गिरावट आने के आसार हैं।
अपने आर्थिक और राजनीतिक फायदे के लिए चीन के लिए अति आवश्यक है कि वह जापान के साथ संबंध को बेहतर करे। इसीलिए जिनपिंग इस देश का दौरा करने के लिए इतने बेताब हैं, लेकिन पिछले 6-7 महीनों में ही जापान ने तीसरी बार इस दौरे को ना कहकर जिनपिंग को उनकी जगह दिखाने का काम किया है।