JNU में PM मोदी करेंगे स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण, पढ़ाएंगे राष्ट्रवाद का पाठ

कभी लेफ्ट समर्थित गुंडों ने प्रतिमा को किया था क्षत-विक्षत

JNU

एक हवा बन गई है कि लेफ्ट के देश में दो ही गढ़ हैं एक तो केरल और दूसरा JNU। जेएनयू जो देश की सबसे प्रतिष्ठित संस्था है उस पर पिछले काफी वक्त से कुछ छात्रों ने देशद्रोह के गंभीर दाग लगाए हैं, लेकिन अब उन दागों को साफ करने का सही वक्त आ गया है। देश में स्वचछता अभियान चलाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब JNU में भी इस सफाई की शुरुआत करेंगे, और वहां जाकर स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का शिलान्यास करेंगे।

दरअसल, पीएम मोदी 12 नवंबर को जेएनयू में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का शिलान्यास करेंगे। इस पूरे कार्यक्रम की जानकारी जेएनयू के कुलपति एम जगदेश कुमार ने दी है। उन्होंने कहा कि पीएम इस दौरान वहाँ स्वामी विवेकानंद के ज्ञान और संदेशों को भी याद कराएंगे। गौरतलब है कि पीएम का ये कार्यक्रम तो वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के जरिए ही होगा, लेकिन उससे कार्यक्रम की महत्ता कम नहीं होगी। खास बात ये भी है कि ये पहला मौका होगा जब पीएम JNU के किसी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

गौरतलब है कि 2019 में फीस वृद्धि को लेकर जेएनयू के छात्रों ने विश्विद्यालय परिसर में धरने पर बैठते हुए खूब हंगामा मचाया था और इस दौरान उन्होंने देश के अध्यात्मिक ज्ञान के पुरोधा स्वामी विवेकानंद की परिसर में लगी मूर्ति को भी नुकसान पहुंचाया था। जिसके बाद JNU समेत पूरे इलाके में खूब विवाद देखने को मिला था।

जेएनयू जो कि देश की सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शीर्ष पर आता है। इसके बावजूद पिछले काफी वक्त से जो कुछ यहां हो रहा है, उससे इसकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंची है। लेफ्ट के छात्र नेता लगातार यहां आंदोलन के नाम पर अराजकता करते रहते रहे हैं। इस दौरान यहां देश विरोधी नारों की गूंज भी सुनाई दी है, जिसके लिए यहां के कुछ पूर्व छात्र नेताओं पर देशद्रोह के केस भी चल रहे हैं। जिनमें लेफ्ट के टिकट पर चुनाव लड़ चुके कन्हैया कुमार के नाम प्रमुख है।

JNU की इस प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में चिंताजनक स्थितियां थीं। जेएनयू के छात्र संघ चुनाव के दौरान हर बार लड़ाई झगड़ा होता ही है, ऐसे में सभी के मन में ये सवाल था कि जो जेएनयू जहां से एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण समेत अनेक वरिष्ठ लोग निकले थे। वो आज अराजकता का अड्डा बन गई है। इसलिए अब इसे बचाना होगा।

जेएनयू की इसी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए अब खुद प्रधानमंत्री उतर आए हैं जिन्होंने पूरे देश में सफाई अभियान शुरू किया था। वो अब JNU पर लगे इस देश विरोधी दाग को साफ करने के लिए कमर कस चुके हैं।

 

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