धर्मांतरण कानून- UP में लागू हुआ एक ऐसा कानून जो जबरन धर्म परिवर्तन पर लगाएगा रोक

प्रेम से कोई बैर नहीं पर धोखेबाजों की खैर नहीं

धर्म परिवर्तन

(pc - the indian EXPRESS)

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ऐसे फ़ैसलों की झड़ी लगा दी  जिनसे राज्य में सुशासन के साथ ही सामाजिक मूल्य भी मजबूत हुए हैं है। सरकार के सख्त फैसलों का हालिया उदाहरण लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश तो है ही, साथ ही धर्म परिवर्तन का कानून एक नजीर भी है कि अब राज्य में किसी भी तरीके से अवैध धर्म परिवर्तन को खत्म किया जाएगा। वो लोग जो इस तरह की मुहिम में शामिल हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होंगी, जो कि वर्तमान समय की एक बड़ी आवश्यकता है।

पिछले सप्ताह ही उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने लव जिहाद से जुड़े अध्यादेश को परित करने के साथ ही गैर कानूनी रूप से धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ भी एक अध्यादेश को मंजूरी दी है। इसके तहत धर्म परिवर्तन के सभी पहलुओं पर प्रावधान तय किए गए हैं। अध्यादेश के प्रावधानों के अनुसार धर्म परिवर्तन का इच्छुक होने पर संबंधित पक्षों को तय प्रारूप पर जिला मजिस्ट्रेट को 02 माह पहले सूचना देनी होगी।

सरकार के इस कानून का उल्लंघन करने पर 6 महीने से 03 वर्ष तक की सजा हो सकती है, जबकि इस अपराध में न्यूनतम जुर्माना 10,000 रुपये तय किया गया है। यही नहीं, योगी सरकार ने सामूहिक धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर लगाम लगाने के भी पुख्ता इंतजाम किए हैं। नए कानून के मुताबिक सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में 03 से 10 वर्ष तक जेल हो सकती है और कम से कम 50,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा। इन अध्यादेशों पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसके बाद ये कानून के तौर पर पूरे प्रदेश में प्रभावी हो गए हैं।

उत्तर प्रदेश में प्राय: कानपुर के जूही क्षेत्र से लेकर बरेली, मेरठ, कन्नौज जैसे जिलों से लगातार लव जिहाद की खबरें आ रही थीं। मुस्लिम युवक खुद को हिंदू बताकर हिंदू समाज की युवतियों के साथ प्रेम संबंध बनाते थे और फिर शादी के वक्त अपनी असलियत बताकर उन युवतियों को इस्लाम कुबूल करने पर बाध्य करते थे। सबसे आश्चर्यजनक बात तो ये है कि ये लोग कई बार इन युवतियों के साथ शारीरिक संबंध तक बना लेते थे जिसके चलते युवतियों को उनकी शर्तों को मानने पर मजबूर हो जाती थीं। इस स्थिति में उन्हें फिर पूरी जिंदगी एक जहन्नुम की तरह बितानी पड़ती थी।

इस स्थिति को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी लंबे वक्त से देख रहे थे। सरकार कार्रवाई भी कर रहीं थी लेकिन ये असामाजिक तत्व इस तरह की हरकतों से बाज नहीं आ रहे थे, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के कानून विभाग ने लव जिहाद के खिलाफ कानूनी ड्राफ्ट तैयार किया और आज स्थिति ये है कि वो कानून जमीन पर अध्यादेश के रूप में उतर चुका है। अब कोई भी व्यक्ति इस तरह की धार्मिक धोखाधड़ी कर किसी को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करेगा तो वो उत्तर प्रदेश की सलाखों के पीछे ही होगा।

वहीं गलत तरीके से धर्म परिवर्तन करवाने वाले संगठनों के खिलाफ भी अब सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो कि आज के दौर की बड़ी आवश्यकता है । एक महत्वपूर्ण बात ये भी है कि ये कानून किसी एक धर्म पर ही लागू नहीं होगा, ये सभी धर्मों को मानने वाले लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वालों पर लागू होगा। इसलिए इसे धर्म के चश्मे से देखना एक बेफिजूल बात होगी।

योगी सरकार ने अध्यादेश लागू करवाया तो कुछ विरोधियों को मिर्ची लगी है।  उनका कहना है कि योगी आदित्यनाथ अब प्रेम पर भी रोक लगा रहे हैं जो कि आपत्तिजनक और असंवैधानिक है। उन विरोधियों का अपना एजेंडा है लेकिन हकीकत ये है कि दो जोड़ो को प्रेम करने से योगी आदित्यनाथ का कानून क्या, देश का संविधान भी नहीं रोक सकता। योगी सरकार द्वारा लागू कानून तो उन लोगों के खिलाफ है जो धार्मिक रूप से युवतियों के साथ प्रेम के सहारे धोखाधड़ी करते हैं और फिर मोह में पड़ी उन युवतियों से धर्म परिवर्तन करवाते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ ही योगी द्वारा लागू ये कानून अपना हंटर चलाएगा।

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