लव जिहाद के बढ़ते मामलों के कारण कई राज्यों में इस सामाजिक दोष के खिलाफ कानून बनाए जा रहे हैं। इसी कारण कई वर्षों से डिब्बे में बंद जिन्न के बाहर आने के बाद सभी प्लैटफ़ार्म पर लव जिहाद के ऊपर चर्चा शुरू हो चुकी है। कोई पक्ष में है तो कोई इस भयावह सामाजिक सच की मौजूदगी से ही इंकार करता है।
अब लव जिहाद का जिन्न बॉलीवुड से निकला है, जिसका बचाव कर पाना इसके समर्थकों के लिए आसान नहीं होगा। फेमस संगीतकार वाजिद खान का नाम तो आप सभी ने सुना होगा। इसी वर्ष जून में कोरोना के कारण उनकी आकस्मिक मृत्यु हुई थी। अब लव जिहाद पर चर्चा शुरू होता देख कर उनकी पत्नी कमलारुख खान ने दिमाग झकझोड़ देने वाले सच को ट्विटर पर पोस्ट किया है।
My first hand account of life in an inter caste marriage #anticonversionbill pic.twitter.com/RZwZdFb84O
— Kamalrukh Khan (@kamalrukhkhan) November 27, 2020
अपने 3 पेज लंबे पोस्ट में उन्होंने धर्म न बदलने के कारण संगीतकार वाजिद खान के परिवार से मिले उत्पीड़न की बात बताई है। बता दें कि कमलारुख खान एक पारसी परिवार से आती हैं और उन्होंने अपने पोस्ट में बताया है कि कैसे शादी के बाद उन्हें इस्लाम कुबूल न करने के कारण अनेकों अत्याचारों से गुजरना पड़ता था। शादी के बाद न सिर्फ उनकी स्वतंत्र सोच को सीमित किया गया बल्कि उनके विचारों का भी गला घोंट दिया गया।
कमलारुख ने अपने पोस्ट में लिखा है कि उनकी पारसी परिवार में पालन पोषण के कारण उनमें लोकतान्त्रिक मूल्य और विचारों की स्वतन्त्रता बचपन से ही मिली थी लेकिन वाजिद से शादी के बाद वही लोकतान्त्रिक मूल्य, शिक्षा और स्वतन्त्रता वाजिद के परिवार की सबसे बड़ी समस्या थी।
पोस्ट में, कमलारुख ने यह भी खुलासा किया कि इस्लाम न कबूलने के उनके प्रतिरोध ने वाजिद खान के साथ उनके रिश्ते को नष्ट कर दिया। उन्होंने लिखा कि,”वाजिद के परिवार को एक मजबूत राय वाली शिक्षित, और स्वतंत्र सोच वाली महिला स्वीकार्य नहीं थी। मैंने हमेशा सभी धर्मों का सम्मान किया, उनमें भाग लिया और मनाया। लेकिन इस्लाम में परिवर्तित होने के मेरे प्रतिरोध ने मेरे और मेरे पति के बीच की दूरी को काफी बढ़ा दिया, जिससे पति और पत्नी के रूप में हमारे रिश्ते विषाक्त हो गए थे।”
उन्होंने लिखा कि, “मेरी गरिमा और आत्मसम्मान ने मुझे इस्लाम में परिवर्तित करके वाजिद के परिवार के सामने झुकने की अनुमति नहीं दी। मुझे शादी के बाद आज तक लड़ना पड़ रहा है। आज नतीजा यह है कि मेरे पति के परिवार से मुझे बाहर निकाल दिया गया, और मुझे अदालत में ले जाकर तलाक से भी डराने की कोशिश की गयी थी।“
उन्होंने आगे लिखा है, “वाजिद एक प्रतिभाशाली संगीतकार थे जिन्होंने अपना जीवन धुन बनाने के लिए समर्पित कर दिया। मैं चाहती थी कि वे एक परिवार के रूप में हमारे साथ अधिक समय समर्पित करें, धार्मिक पूर्वाग्रहों से रहित, जिस तरह से उन्होंने अपने धुन को बनाने में समर्पित किया।“
कमलारुख ने कट्टरवाद को दर्शाते हुए लिखा कि, “हमें उनके और उनके परिवार की धार्मिक कट्टरता के कारण कभी भी परिवार नहीं मिला। आज उनकी असामयिक मृत्यु के बाद, उनके परिवार से उत्पीड़न जारी है और उनकी इस घृणा का कारण सिर्फ इस्लाम धर्म में परिवर्तित न होना था। मैं अपने बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ रही हूं।“
उन्होंने आगे लिखा, “मैं वास्तव में इस धर्मांतरण विरोधी कानून को पूरे देश में चाहती हूँ, मेरे जैसी उन महिलाओं के लिए जो अंतरजातीय विवाहों में धर्म की विषाक्तता से लड़ रही हैं। हमारे साथ बुरा व्यवहार किया जाता है, और हमारे विरोध को जोड़-तोड़ कर दिखाया जाता है और लालची होने का लेबल लगाया जाता है। ‘’
कमलारुख खान एक बड़े, अमीर संगीतकार के घर की बहू थी तो उनकी कहानी इतनी मार्मिक है, आप एक बार सोचिए कि सामान्य इस्लामिक परिवारों में एक आम महिला जो किसी अन्य धर्म की है, उसकी क्या हालत होती होगी?