लगता है बंगाल के साथ साथ तेलंगाना में भी भारतीय जनता पार्टी ने अपना गढ़ स्थापित करने की ठान ली है। तभी वह ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव यानि GHMC में काफी सक्रिय भी है। भारतीय जनता पार्टी तेलंगाना में किस प्रकार से अपना स्थान बनाने के लिए उत्सुक है, ये इसी बात से पता चलता है कि उसने अब ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन(AIMIM) को खुलेआम चुनौती देना भी शुरू कर दिया है।
हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान AIMIM के संजय राऊत यानि अकबरुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर विष उगलते हुए कहा कि क्या तेलंगाना राष्ट्र समिति की सत्ताधारी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और प्रख्यात अभिनेता एवं अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन टी रामा राव की समाधियाँ ध्वस्त कर सकते हैं? इस बात से ओवैसी का संकेत स्पष्ट था, यदि समय आया, तो AIMIM इन दोनों नेताओं की समाधियों का विध्वंस कर देगी।
लेकिन भाजपा AIMIM की इन गीदड़ भभकियों को हल्के में नहीं ले सकती थी। भारत के दो विख्यात हस्तियों की समाधियों को तबाह करने की धमकी से भारतीय जनता पार्टी आग बबूला हो गई और उन्होंने ओवैसी बंधुओं को ललकारते हुए उन्हें ऐसा करने की चुनौती दी। राज्य अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा, “अभी ओवैसी ने कहा कि पीवी नरसिम्हा राव और एनटीआर घाट को ध्वस्त किया जाए। क्या ये तुम्हारी पुश्तैनी जागीर है? आप [ओवैसी] ऐसा करके तो देखिए, आवश्यकता पड़ी तो भाजपा के कार्यकर्ता आपके दारूस सलाम का भी विध्वंस कर देंगे। बोलो, है हिम्मत?” बता दें की दारुस सलाम हैदराबाद के पुराने शहर के आघपुरा में स्थित AIMIM का पार्टी मुख्यालय है।
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इसके अलावा रिपोर्ट्स ये भी आ रही है कि इस चुनाव में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी पार्टी के लिए प्रचार प्रसार करेंगे। तेलंगाना में 2018 तक भाजपा का कोई विशेष प्रभाव नहीं था, लेकिन 2019 में एच राजा सिंह, जी किशन रेड्डी और बी संजय कुमार जैसे कद्दावर नेताओं के नेतृत्व में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए 13 में से 4 सीटों पर कब्जा जमाया और अपने आप को राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी के रूप में भी स्थापित किया। इसके अलावा अभी हाल ही में दुबक्का के उपचुनाव की विजय ने भाजपा को और अधिक आक्रामक होने का अवसर दिया है, और अब वे तेलंगाना को असम की भांति दक्षिण भारत के प्रवेश द्वार के रूप में स्थापित कर सकते हैं।
तेलंगाना में भाजपा की बढ़ती सक्रियता से AIMIM कितना बिलबिलाई हुई है, ये आप असदुद्दीन ओवैसी के वर्तमान बयान से ही समझ सकते हैं, जहां उन्होंने नरेंद्र मोदी को हैदराबाद के पुराने शहर में प्रचार करने की चुनौती दी है। ऐसे में जिस प्रकार से बी संजय कुमार ने AIMIM को नरसिम्हा राव और एन टी रामा राव की समाधियों को हाथ लगाने की चुनौती दी है, उससे स्पष्ट है की अब भाजपा बिना तेलंगाना को भगवामय बनाए चैन से नहीं बैठेगी।