ज़माना इधर से उधर हो जाए, पर मजाल है कि चीन अपनी ऊटपटाँग हरकतों से बाज आए। देश भुखमरी के मुहाने पर है, अर्थव्यवस्था गोते लगाने की ओर अग्रसर है, लेकिन चीन के लिए इस समय सबसे जरूरी यह है कि कैसे भी करके वुहान वायरस की उत्पत्ति का दोष किसी दूसरे देश पर डाल दिया जाए, ताकि खुद पे कोई आंच नहीं आए।
जिस प्रकार से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय वुहान वायरस को दुनिया भर में फैलाने के लिए चीन पर शिकंजा कसने में जुटा है, उससे बचने के लिए अब चीनी मीडिया, और प्रमुख तौर पर चीनी प्रशासन का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ये प्रचार करने में जुटा हुआ है कि वुहान वायरस की उत्पत्ति चाहे कहीं से भी हुई हो, पर चीन से नहीं हुई। कभी अमेरिकी सैनिकों पर दोष डालने से लेकर इटली, फ्रोज़न फूड इम्पोर्ट से लेकर भारत और बांग्लादेश तक पर दोषारोपण करने से चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है।
अब अगर तथ्यों पर ध्यान दे, तो सर्वप्रथम मामला वुहान वायरस का चीन के वुहान शहर से ही आया। इसके बाद जहां भी ये बीमारी फैली, वहाँ के मरीज़ों की जांच पड़ताल करने पर चीन से कनेक्शन सामने आया था।
लेकिन चीन के ग्लोबल टाइम्स की माने तो ये वायरस पिछले वर्ष भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न हुआ था। 29 नवंबर को प्रकाशित एक लेख में SSRN के द्वारा प्रकाशित स्टडी का हवाला देते हुए ग्लोबल टाइम्स ने वुहान वायरस का ठीकरा भारत और बांग्लादेश जैसे देशों पर फोड़ने का प्रयास किया है। ग्लोबल टाइम्स ने एक प्रमुख वैज्ञानिक जेंग गुआंग का हवाला देते हुए कहा कि वुहान में भले ही वुहान वायरस से संक्रमण के पहले आधिकारिक मामले सामने आए हो, परंतु वुहान वायरस की उत्पत्ति चीन में नहीं हुई थी।
ऐसे ही 28 नवंबर को चीनी मीडिया नेटवर्क चैनल CGTN ने एक जर्मन वैज्ञानिक के बयान के आधार पर ये दावा किया कि वुहान वायरस की उत्पत्ति इटली में हुई है। परंतु उसी जर्मन वैज्ञानिक अलेक्जेंडर केकुले का मन था कि भले ही वुहान वायरस से संक्रमित मरीज़ों में एक स्ट्रेन इटली से पाया गया हो, परंतु इसका अर्थ ये बिल्कुल नहीं कि वायरस की उत्पत्ति इटली में ही हुई थी।
ऐसे ही चीन ने चिली से आए खाद्य इंपोर्ट्स में वुहान वायरस होने का दावा किया, जिसे अमेरिका में स्थित CDC ने गलत और भ्रामक करार दिया। विश्व भर के वैज्ञानिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस बात को मानते हैं कि चीन में ही वुहान वायरस की उत्पत्ति हुई है, बस इस प्रश्न का उत्तर ढूँढना है कि यह वायरस वुहान में चमगादड़ों से इंसानों में आया था या इसे लैब में चीनी वैज्ञानिकों ने तैयार किया था।
जब से यह महामारी दुनिया भर में फैला है, और जिस प्रकार से डबल्यूएचओ जैसे संगठनों ने चीन का बचाव करने का प्रयास किया है, उससे चीन की छवि रसातल में जा चुकी है। अपने आप को बचाने के कारण चीन को सामाजिक और आर्थिक तौर पर काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। लेकिन जिस प्रकार शुत्तुरमुर्ग की भांति अपना सर धरती में धँसाए हुआ है, उससे वह अपने पतन की ओर बढ़ रहा है।